बदल रही है भारतीय रेलवे की तस्वीर, वंदे भारत जैसी ट्रेन कर रही है कायापलट, हर दिन 12 किलोमीटर नयी पटरियां

भविष्य की सोच रहा है रेलवे

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे अपनी शक्ल और सूरत बदल रहा है। रेलवे कोच से लेकर स्टेशन और प्लेटफॉर्म तक नयी सूरत के साथ भारतीय रेलवे का कायाकल्प हो रहा है। इस बीच ट्रेनों के देर से चलने का मामला बहुत उठता है, जिस पर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि 91 प्रतिशत ट्रेनें सही समय पर चलती हैं। इसके साथ ही उन्होने हाल ही में एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में और भी बहुतेरी बातें कहीं। इनमें सब्सिडी से लेकर वंदे भारत का परिचालन तक शामिल है।

रेलवे का विकास हरेक पहलू ध्यान में रखकर

भारतीय रेल के निजीकरण और पुनर्विकास के मसले को लेकर पूछे गए सवालों  पर भी रेलमंत्री ने बेबाकी से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत में कई शहरों में वर्ल्ड क्लास स्टेशन बने हैं। स्टेशनों के रिडेवलपमेंट को बड़े स्तर पर सोचा जा रहा है। मेट्रो के अलावा अब देश में वंदे मेट्रो ट्रेनें चलेंगी जो दो ऐसे शहरों को जोड़ेगी जिनके बीच की दूरी 100 किलोमीटर से कम है।

बुलेट ट्रेन 2026 में

जब से नरेंद्र मोदी देश के पीएम बने हैं, तभी से भारतीय रेल की कायापलट को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं। रेलवे के निजीकरण का आरोप भी केंद्र सरकार पर लगा और उसकी काफी आलोचना भी हुई। साल 2026 तक पीएम की महत्वाकांक्षी योजना बुलेट ट्रेन पटरी पर दौड़ने लगेगी।
रेलमंत्री ने बताया कि एक बार रात 11 बजे उन्हें पीएम मोदी का फोन आया और उन्होंने कहा कि हमें आज का नहीं 50 साल आगे का सोचना चाहिए। शहर कैसे डेवलप करेगा, जनसंख्या कितनी होगी, इंफ्रास्ट्रक्चर हो या कुछ भी, हर चीज को कल की सोचकर डिजाइन करने को पीएम मोदी ने प्रेरित किया। इसके बाद ही रेलवे ने टाउन प्लानर्स को भी बुलाया और दो महीने में नई डिजाइन बनवाईं।  उसके बाद ही  गांधीनगर, भोपाल और बेंगलुरु में वर्ल्ड क्लास स्टेशन बने हैं और वंदे भारत ट्रेन दुनिया की बेस्ट ट्रेनों से भी कई पैरामीटर्स में बेहतर हैं।
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