चुनौतियों के सामने कब तक खड़े रहेंगे खड़गे !
कांग्रेस के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे ने संभाला पदभार
कांग्रेस के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को कार्यभार संभाल लिया है। नई दिल्ली स्थित ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के दफ्तर पहुंचकर कामकाज संभाला। इस दौरान पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मौजूद रहीं।इस दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का भार अब उनके ऊपर से उतर गया है। अब वे राहत महसूस कर रहीं हैं।। सोनिया ने कहा कि वे नए पार्टी अध्यक्ष खड़गे जी को बधाई देती हैं। सबसे अधिक संतोष इस बात का है कि जिन्हें अध्यक्ष चुना है वे एक अनुभवी और धरती से जुड़े हुए नेता हैं। एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम करते हुए अपनी मेहनत और समर्पण से इस ऊंचाई तक पहुंचे हैं। इस कार्यक्रम में कांग्रेस कार्यसमिति के सभी सदस्यए सांसद, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, कांग्रेस विधायक दल के नेता, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और एआईसीसी के अन्य पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया था।
मेरे लिए भावुक क्षण-खड़गे
नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सोनिया गांधी ने काफी मेहनत से कांग्रेस को संभाला है। ये उनके लिए भावुक क्षण हैं। इतना सम्मान देने के लिए पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को शुक्रिया। बता बता दें कार्यभार संभालने से पहले मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। बता दें कि कांग्रेस के नए अध्यक्ष के के लिए 17 अक्टूबर को वोटिंग जबकि 19 अक्टूबर को मतों की गिनती हुई थी। जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को हराकर चुनाव जीता था।
7 हजार से ज्यादा वोट मिले थे खड़गे को
कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने मल्लिकार्जुन खड़गे को निर्वाचित घोषित किया था। उन्होंने बताया कि खड़गे को 7897 वोट हासिल किये थे। जबकि थरूर को 1072 वोट हासिल हुए। मिस्त्री ने बताया कि चुनाव में 9385 वोट पड़े थे और इनमें से 416 वोट अवैध करार दिए गए।
खड़गे के सामने हैं चुनौतियां
कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने वाले खड़गे के सामने चुनौतियां हैं। उनके सामने एक तरफ राजस्थान का सियासी संकट तत्काल चुनौती बनकर खड़ा है। वहीं अगले कुछ हफ्तों में होने जा रहे गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव भी बड़ी चुनौती के रुप में सामने है। इसके बाद मप्र, छग, राजस्थान सहित आधा दर्जन से अधिक राज्यों में विधानसभा चुनाव की चुनौती का सामना खडत्रगे को करना होगा तो वहीं 2024 में लोकसभा चुनाव भी उनके लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होंगे।।
24 साल बाद गांधी परिवार रहा दूर
खड़गे ने बुधवार सुबह सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी के अन्य नेताओं की मौजूदगी में पार्टी अध्यक्ष का पदभार संभाला। कर्नाटक के दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले खड़गे ने 17 अक्टूबर को हुए ऐतिहासिक चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर को मात दी थी। पार्टी के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था। 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का कोई व्यक्ति कांग्रेस का अध्यक्ष बना है।
पार्टी की एकजुटता बड़ी चुनौती
खड़गे को 2024 के आम चुनाव से पहले पार्टी को मजबूत करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना होगा। गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव में कांग्रेस के बेहतर करने की उम्मीदें बड़ी चुनौती है। तो वहीं राजस्थान और कर्नाटक में पार्टी के भीतर जारी रस्साकशी ने पार्टी की परेशानी और बढ़ा दी है। ऐसे में 2024 के आम चुनाव से पहले पार्टी को एकजुट करना खड़गे के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। हालांकि शशि थरूर को मात देकर पार्टी के शीर्ष पद पर काबिज होने वाले खड़गे के पक्ष में भी कुछ चीजें नजर आ रही हैं।
2023 में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव
खड़गे की छवि सबको साथ लेकर चलने की रही है और उनकी यह खूबी यहां से आगे का सफर तय करने में उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। खड़गे के कार्यभार संभालने के कुछ हफ्ते बाद ही हिमाचल प्रदेश और गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव उनके सामने पहली चुनौती होंगे। जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की मजबूत पकड़ है। इस समय केवल दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही कांग्रेस की सरकार है। इस परीक्षा के बाद 2023 में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसमें उनका गृह राज्य कर्नाटक भी शामिल है।
दूर करना होगी रिमोट कंट्रोल की धारणा
खड़गे के सामने पार्टी में पीढ़ीगत आधार पर विभाजन भी एक चुनौती है। उन्हें अनुभवी नेताओं व युवाओं के बीच संतुलन बनाए रखना होगा। यही नहीं। उन्हें गांधी परिवार के रिमोट कंट्रोल से चलने की धारणा को भी गलत साबित करने की चुनौती का सामना करना होगा। उनके सामने एक चुनौती उदयपुर नवसंकल्प को लागू करने की भी बड़ी चुनौती का सामना करना होगा।