दीपक चौरसिया पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना योगदान 31 सालों से देते आ रहे है लेकिन इस मुक़ाम तक वो कैसे पहुँचे और उनकी इस सफलता के पीछे कि क्या कहानी है इसका खुलासा भी बिग बॉस के घर में हुआ. दीपक चौरसिया घर के अंदर कम बोलते है लेकिन जब वो बोलते है तो ना सिर्फ़ घरवाले बल्कि बिग बॉस भी उन्हें इग्नोर नहीं कर पाते है.
*कचौड़ी खाते-खाते मिल गई मंज़िल
हाल ही में जब दीपक चौरसिया के इस सफ़र के बात निकली तो हर कोई उन्हें सुनने पर मजबूर हो हुआ. दीपक चौरसिया में खुलासा किया कि वो इंदौर के होलकर साइंस कॉलेज में पड़ते थे और एक दिन कचौड़ी खाते समय उनकी नज़र कचौड़ी के नीचे के पेपर पर पड़ी जिसमें आईआईएमसी के एडमिशन नोटिस था बस वही से उन्हें अपनी मंज़िल नज़र आ गई. आईआईएमसी से पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद 1993 में उन्होंने इंदौर के एक इवनिंग डेली से करियर की शुरुआत की. उस वक़्त उनकी पहली तनख़्वाह मात्र 2100 रुपए थी और फिर 1995 में वो दिल्ली पहुँच गए. जहां उन्होंने पेपर से न्यूज़ चैनल का रुख़ किया. इसके बाद जब 24/7 न्यूज़ चैनल की शुरुआत हुई तो उनकी ज़िंदगी ही बदल गई. फिर क्या था अपने तेज तर्रार तेवर, मुद्दों पर पूरी पकड़ और अपने प्रेज़ेंस ऑफ़ माइंड से ऐसी छाप छोड़ी की आज वो न्यूज़ चैनल की दुनिया का जाना पहचाना नाम बन चुके है.