नई दिल्ली। अगले साल यानी 2024 में लोकसभा का चुनाव है। भाजपा और उसका मातृ-संगठन RSS एक-एक कर सारे पत्ते खोल रहा है। जाहिर तौर पर हिंदू राष्ट्र का पत्ता इसमें सबसे बड़ा है। जहां एक ओर हिंदू एकता की बातें हो रही हैं, राम मंदिर के बहाने लोगों को गोलबंद किया जा रहा है, तो दूसरी ओर मुसलमान और ईसाई बने हिंदुओं की घर-वापसी की भी बातें की जा रही हैं, काम किया जा रहा है।
- संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने गुरुवार को घर वापसी को लेकर बड़ा बयान दिया
- जयपुर में एक भाषण में उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले सभी हिंदू हैं, क्योंकि उनके पूर्वज हिंदू थे
- होसबोले के मुताबिक सभी की पूजन पद्धति अलग हो सकती है, लेकिन उन सभी का DNA एक है
- इससे कुछ दिनों पहले सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी डीएनए एक होनेवाला बयान दिया था
- होसबोले ने यह भी कहा कि भारत में 600 से अधिक जनजातियां कहती थीं कि वे अलग हैं, वे हिंदू नहीं हैं लेकिन संघ ने उन्हें एक किया
मजबूरी में गोमांस खाया तो कोई बात नहीं
होसबोले ने सबसे बड़ा बयान गोमांस खाने को लेकर दिया है। उन्होंने कहा है कि किसी ने अगर मजबूरी में गोमांस खा लिया है, किसी मजबूरी में हिंदू फोल्ड से बाहर चले गए हैं, तो भी उनके मुंह पर दरवाजा बंद नहीं होगा, क्योंकि संघ वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा पर काम करता है।
- होसबोले ने कहा कि विरोधी ताकतों ने उन जनजातियों को उकसाने का काम किया था जो खुद को हिंदू नहीं मानते थे, लेकिन गोलवलकर जी ने कहा कि वे हिंदू हैं
- होसबोले ने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र है, क्योंकि इस देश को बनाने वाले हिंदू हैं
- उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि वेद पुराण में हिंदू नहीं हैं, लेकिन वेद पुराण में ऐसा भी नहीं कि इन्हें स्वीकार नहीं किया जाए
- होसबोले ने हेडगेवार को याद कर कहा कि वह इस व्याख्या में नहीं पड़े कि हिंदू कौन हैं, उसी तरह हमें भी सत्य और उपयोगी बातों को स्वीकार करना चाहिए
- भारत भूमि को पितृ भूमि मानने वाले हिंदू हैं, जिनके पूर्वज हिंदू हैं, वे लोग हिंदू हैं और जो स्वयं को हिंदू माने, वो हिंदू है
होसबोले ने कहा कि जिन्हें हम हिंदू कहते हैं, वो हिंदू हैं
संघ राष्ट्रवादी, भारत हिंदू राष्ट्र
होसबोले ने अपने भाषण में संघ के बारे में, उसकी चिंता और चिंतन, उसकी दशा और दिशा को भी समझाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि संघ न तो दक्षिणपंथी है और न ही वामपंथी है, बल्कि राष्ट्रवादी है। संघ भारत के सभी मतों और संप्रदायों को एक मानता है। ऐसे में सभी के सामूहिक प्रयास से ही भारत विश्व गुरु बनकर दुनिया का नेतृत्व करेगा। संघ ने हर दर्द को सहा और अपने कार्यकर्ताओं को एक ही मंत्र दिया कि हरके दर्द का आनंद उठाना है, अगर उससे राष्ट्रनिर्माण का काम हो सके।
होसबोले ने कहा कि संघ व्यक्ति और समाज निर्माण के काम करेगा, क्योंकि संघ के चिंतन के केंद्र में राष्ट्र है और राष्ट्रीय जीवन के केंद्र में संघ है। संघ समाज के लोगों को जोड़ने का काम करता है, इसके एक लाख सेवा कार्य चल रह् हैं। संघ तो दरअसल एक जीवनशैली है, काम करने की पद्धति है, यह एक आंदोलन है।
संघ कार्यकर्ताओं की हत्या हुई, पर डरे नहीं
होसबोले ने तमिलनाडु का नाम लिया पर उनका इशारा तमिलनाडु और केरल के साथ बंगाल के संघर्ष पर भी था, जब उन्होंने कहा कि देश में संघ के सैकड़ों लोगों की हत्याएं हुई हैं, पर कार्यकर्ता डरे नहीं हैं। यह डर इसलिए नहीं पना है क्योंकि कार्यकर्ता राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हैं और राष्ट्रवादी हैं।
यही वजह है कि संघ का प्रभाव आज इतना व्यापक हो गया है। वह देश के हरेक कोने तक फैल सका है, उसके विचार लाखों करोड़ों कार्यकर्ताओं को अनुप्राणित करते हैं। संघ आज एक आंदोलन है, जिसे समझने के लिए दिमाग के साथ दिल भी चाहिए।