अगर आप शादी या दूसरे किसी मांगलिक कार्य की तैयारी कर रहे हैं या योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। दरअसल 7 मार्च से शादी के साथ ही साथ सभी शुभ कामों पर रोक लगने वाली है। क्योंकि इस दिन से होलाष्टक की शुरुआत होगी, जो 13 मार्च तक चलेगा।
- 7 मार्च से शुरू हो रहा है होलाष्टक
- होलाष्टक से पहले कर लें शुभ काम
- होलाष्टक के बाद लग जाती है शुभ काम पर रोक
होलाष्टक को हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण और पवित्र अवधि के प्रतीक के रुप में माना जाता है। यह होली से 8 दिनों पूर्व लगता है। इस अवधि के दौरान शुभ कार्यों पर प्रतिबंध सा रहता है। दरअसल हिंदू धर्म में होलाष्टक काल को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। यही वो समय होता है जब लोगों को किसी भी प्रकार के शुभ और मंगल कार्य करने से बचने की सलाह दी जाती है। हालांकि अलग अलग स्थानों पर होलाष्टक के अनुष्ठान से जुड़ेी निजी मान्यताओं और स्थानीय परंपराओं के चतले मान्यता भिन्न हो सकती है। इन्हीं मान्यताओं के आधार पर लोग होलाष्टक का पालन करते है।
इस दिन से प्रारंभ होगा होलाष्टक
इस साल होलाष्टक शनिवार 7 मार्च से प्रारंभ होगा, जो 13 मार्च तक मनाया जाएगा। होलाष्टक का समापन 13 मार्च को होलिका दहन वाले दिन होगा।
- होलाष्टक के समय शुभ कार्यों से बचना चाहिए?
- होलाष्टक के दौरान नहीं होते हैं शादी विवाह, सगाई और गृह प्रवेश
- इस दौरान नए घर, भूमि और वाहन या धन का भी नहीं करना चाहिए निवेश
- होलाष्टक में नहीं किये जाते हैं मुंडन और नामकरण जैसे संस्कार
- होलाष्टक के दौरान किसी नई दुकान या नए कारोबार की भी शुरुआत नहीं करनी चाहिए
आठ दिन नहीं होते कोई शुभ काम
धार्मिक मान्यता है कि होलाष्टक के बाद अगले आठ दिन तक आठ ग्रह उग्र हो जाते है। ऐसे में इस होलाष्टक के समय किसी भी शुभ काम को करने की मनाही होती है। ऐसी मान्यता है कि इस समय में शुरू किए गए सभी शुभ कामों का शुभ फल नहीं मिलता है।
14 मार्च को मनाई जाएगी होली
होली का पर्व हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल पूर्णिमा तिथि का आरंभ 13 मार्च की सुबह 10 बजकर 35 मिनट से होगा। यह अवधि 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी। अतः इस साल होली का उत्सव 14 मार्च को मनाया जाएगा।