हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर पाकिस्तान में हलाक, भारत की सख्ती का असर या पाकिस्तान की बदहाली जिम्मेदार

प्रतीकात्मक तस्वीर

रलपिंडी। पाकिस्तान से एक हैरान करने वाली खबर आ रही है। हैरान करनेवाली इसलिए कि जो पाकिस्तान आतंक की नर्सरी है, वह अब आतंकियों को हलाक कर रहा है। दरअसल, हिजबुल मुजाहिदीन के संस्थापक सदस्य और कमांडर इम्तियाज आलम उर्फ बशीर अहमद पीर की पाकिस्तान में हत्या की गयी है।

आईएसआई का था सर पर हाथ

इम्तियाज आलम पर 23 मई, 2019 को कश्मीर में अल-कायदा की शाखा अंसार गजवत-उल-हिंद के मुख्य कमांडर जाकिर मूसा को मारने का आरोप भी है। उसने पाकिस्तान समर्थक हिजबुल मुजाहिदीन को 2017 में ही छोड़ दिया था। उसके बाद वह खिलाफत की स्थापना और शरिया कानूनों को लागू करने के मिशन में जुटा हुा था। मार्च 2007 में पाकिस्तानी सेना के सैन्य खुफिया निदेशालय ने इम्तियाज आलम को हिरासत में ले लिया था, लेकिन आईएसआई के आदेश पर उसे जल्द ही रिहा कर दिया गया।

भारत का दबदबा या पाकिस्तान की बदहाली

बता दें कि दो दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए आतंकी शोपियां के रहनेवाले थे। उनके नाम एम अब्बास वागे, गौहर अहमद मीर और निसार अहमद शेख हैं। अधिकारियों ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान, पुलिस ने 1 पिस्तौल, 2 पिस्तौल मैगजीन और 13 जिंदा पिस्टल राउंड बरामद किए।

भारत ने आतंकियों की ऐसी कमर तोड़ी है कि अब कश्मीर से सेना की वापसी तक पर विचार हो रहा है। वहीं, बदहाल और कंगाल पाकिस्तान समझ नहीं पा रहा है कि अपने ही भस्मासुरों से कैसे पार पाए? ऐसे माहौल में पाकिस्तान में आतंक पर क्रैक डाउन करना पाकिस्तान की मजबूरी भी है और समझदारी भी।

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