हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी का व्रत बेहद शुभ माना जाता है। सभी लोगों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है, क्योंकि इस दिन से भगवान विष्णु योग निद्रा से जाग जाते हैं। इसके साथ ही मांगलिक शुभ कार्य भी अगले 4 महीने के लिए प्रारंभ हो जाते हैं। देवउठनी एकादशी के दिन दान करने से मिलती है सुख शांति।
- हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी को माना जाता है खास
- सभी लोगों को इस दिन का रहता है बेसब्री से इंतजार
- इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जाग जाते हैं
- सभी शुभ और मांगलिक कार्य हो जाते हैं प्रारंभ
देवउठनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
- सुबह 9:26 से 10:49 तक
- सुबह 10:49 से दोपहर 12:11 तक
- सुबह 11:49 से 12:32 तक
- दोपहर 12:11 से 1:33 तक
- दोपहर 2:55 से शाम 4:17 तक शुभ मुहूर्त है
देवउठनी एकादशी को देव प्रबोधिनी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। उनके निमित्त व्रत भी रखा जाता है। वैदिक पंचांग की मानें तो इस साल देवउठनी एकादशी 12 नवंबर को पड़ रही है। ऐसी मान्यता भी है कि देवउठनी एकादशी के दिन व्रत रखने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है। देवउठनी एकादशी से शादी विवाह शुभ मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। इस दिन तुलसी विवाह करने की भी मान्यता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष तिथि की एकादशी 11 नवंबर की शाम 6:44 से प्रारंभ होगी। वही इस तिथि का समापन अगले दिन 12 नवंबर की शाम 4 मिनट पर होगा। ऐसे में 11 नवंबर के बाद 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी का व्रत किया जा सकता है। जो लोग देवउठनी एकादशी का व्रत कर पारण कर रहे हैं उन्हें भी पारण समय के अनुसार ही करना चाहिए। क्योंकि पारण के बाद ही व्रत को पूरा माना जाता है। तभी व्रत का फल प्राप्त होता है।
देव उठानी एकादशी पर इन वस्तुओं का करें दान
धार्मिक मान्यता के अनुसार देवउठनी एकादशी के दिन व्रत करने और दान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। अगर आप देवउठनी एकादशी का व्रत नहीं कर पा रहे तो दान अवश्य करें। देवउठनी एकादशी व्रत का पारण करने के बाद ही ब्राह्मण को दक्षिण प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त इस दिन एन का दान सबसे खास माना जाता है। देवउठनी एकादशी के दिन गेहूं, धान, बाजरा, मक्का गुड का दान करना बेहद शुभ माना गया है। इसके अतिरिक्त इस दिन कपड़ों का भी दान किया जाता है। देवउठनी एकादशी के दिन पीले वस्त्र धारण कर भगवान विष्णु की पूजा करना चाहिए। एकादशी के दिन सिंघाड़ा, शकरकंद, गन्ना, केला और सभी मौसमी फल का दान अवश्य करना चाहिए इससे लाभ मिलता है।