हिन्दी सिनेमा के मशहूर अभिनेता सतीश कौशिक का निधन,फिल्म दुनिया में छाया शोक, कंगना बोली-मेरे सबसे बड़े चीयरलीडर

Satish Kaushik passes away

मुंबई। हिन्दी सिनेमा के मशहूर अभिनेता, निर्माता और निर्देशक सतीश कौशिक का गुरुवार सुबह निधन हो गया है। मौत की वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है। उनके करीबी दोस्त और अभिनेता अनुपम खेर ने एक ट्वीट कर उनके निधन की पुष्टि की। उन्होंने बताया अभिनेता सतीश कौशिक अब इस दुनिया में नहीं रहे। इस खबर के बाद पूरी इंडस्ट्री शोक में डूब गई। बता दें हाल ही में अभिनेता सतीश कौशिक ने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें शेयर की थीं। जिनमें वे बॉलीवुड स्टार्स के साथ होली का आनंद लेते ​दिखाई दे रहे थे। अब अचानक उनके निधन की खबर ने उनके फैंस को निराश और दुखी कर दिया है। अनुपम खेर ने लिखा जानता हूं मृत्यु ही इस दुनिया का अंतिम सच है। लेकिन यह बात मैं जीते जी कभी अपने जिगरी दोस्त सतीश कौशिक के बारे में लिखूंगा। कभी सपने में भी नहीं सोचा था, 45 साल की दोस्ती पर ऐसे अचानक विराम ही लग जाएगा।

हरियाणा के महेन्द्रगढ़ में हआ था कौशिक का जन्म

बता दें फिल्म अभिनेता सतीश कौशिक का जन्म 13 अप्रैल 1956 को हरियाणा के महेंद्रगढ़ में हुआ था।कौशिक ने 1983 में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत फिल्म मासूम से की थी। करीब 4 दशक लंबे अपने करियर में उन्होंने करीब 100 फिल्मों में काम किया। साल 1993 में रूप की रानी चोरों का राजा फिल्म के जरिए उन्होंने निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा था। इसके बाद करीब डेढ़ दर्जन फिल्में निर्देशित कीं एक बेहतरीन अभिनेता और निर्देशक होने के साथ ही सतीश कौशिक स्क्रीनप्ले राइटर भी थे। उन्होंने हम आपके दिल में रहते हैं। हमारा दिल आपके पास है, तेरे नाम, क्योंकि, ढोल और कागज, मुझे कुछ कहना है, बधाई हो बधाई जैसी बेहतरीन फिल्मों का निर्देशन किया। बतौर अभिनेता सतीश कौशिक ने मिस्टर इंडिया, मोहब्बत, जलवा, राम लखन, जमाई राजा, अंदाज, मिस्टर और मिसेज खिलाड़ी, साजन चले ससुराल, दिवाना मस्ताना, परदेसी बाबू, बड़े मियां छोटे मियां, हसीना मान जाएगा। राजा जी, आ अब लौट चलें, हम आपके दिल में रहते हैं। चल मेरे भाई, हद कर दी आपने, दुल्हन हम ले जाएंगे। गॉड तुस्सी ग्रेट हो और कागज,क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलता जैसी कई फिल्मों में काम कर चुके हैं।

थिएटर से की थी अभिनय की शुरुआत

दिवंगत अभिनेता सतीश कौशिक का विवाह 1985 में शशि कौशिक से हुआ था। उनके बेटे शानू कौशिक की 1996 में मृत्यु हो गई। जब वह सिर्फ 2 साल के थे। 2012 में सरोगेट मां के जरिए उनकी बेटी वंशिका का जन्म हुआ। उन्होंने 1972 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक किया। एक रंगमंच अभिनेता के रूप में कौशिक की सबसे प्रसिद्ध भूमिका हिंदी भाषा के नाटक, सेल्समैन रामलाल में ‘विली लोमन’ की थी, जो आर्थर मिलर की डेथ ऑफ ए सेल्समैन का रूपांतरण था। उन्होंने कुंदन शाह की कॉमेडी क्लासिक ‘जाने भी दो यारों’ के लिए संवाद लिखे। वह नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा एंड फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पूर्व छात्र थे और उन्होंने थिएटर में अपना अभिनय करियर शुरू किया था।

मेरे सबसे बड़े चीयरलीडर थे-कंगना रनौत

वहीं अभिनेत्री कंगना रनौत ने गुरुवार को एक ट्वीट किया। जिसमें दिवंगत अभिनेता सतीश कौशिक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा कि इस भयानक खबर से वे जगी हैं। सतीश कौशिक जी मेरे सबसे बड़े चीयरलीडर थे। एक बहुत ही सफल अभिनेता और निर्देशक। सतीश कौशिक जी व्यक्तिगत रूप से भी बहुत दयालु और सच्चे इंसान थे। उन्हें इमरजेंसी में निर्देशित करना बहुत अच्छा लगा। उनकी कमी खलेगी। ओम शांति।

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