हिमाचल प्रदेश में सीएम सुखविंदर सुक्खू ने अपनी सरकार का पहला बजट 2023-24 विधानसभा में पेश किया। जिसमें कई घोषणाएं की गईं। बता दें राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस सरकार का यह पहला बजट है। गाय उपकर के अलावा बजट में सरकार ने सार्वजनिक परिवहन में सुधार की भी घोषणा की गई है। सरकार 1,000 करोड़ रुपये की लागत से कुल 1500 डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों में बदलने जा रही है। बजट पेश करते हुए सीएम ने कहा कि अब हिमाचल में शराब की बोतलों पर भी मिल्क सेस लगाया जाएगा। जिससे शराब के दाम बढ़ेंगे। वह वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए नई आबकारी नीति लेकर आए हैं। जिससे सरकार का राजस्व बढ़ेगा और किसानों को भी लाभ होगा।
- एक बोतल पर 10 रुपये मिल्क सेस वसूलेगी सरकार
- सरकार को होगी करीब 100 करोड़ की आय
- पशुपालकों दुग्ध उत्पादकों को होगा लाभ
- बढ़ेगी पशुपालकों और दुग्ध उत्पादकों की आय
- दूसरे राज्य भी लगा चुके हैं गाय उपकर
एक बोतल पर 10 रुपये उपकर
दरअसल कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य के दुग्ध उत्पादकों की आय बढ़ाने का वादा किया था। जिसके तहत सरकार ने दुग्ध उत्पादकों को गाय का दूध 80 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 100 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदने को कहा। पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए शराब की बोतलों पर 10 रुपये का दूध उपकर लगाने का फैसला किया गया है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने शराब की सभी बोतलों की कीमत 10 रुपये तय की है। इसका शराब की बोतल की कीमत, आकार, प्रकार या मात्रा से कोई लेना-देना नहीं है। सीएम सुक्खू ने कहा कि दुग्ध उपकर से होने वाली आय दुग्ध उत्पादकों की आय बढ़ाने में खर्च की जायेगी। पशुपालकों को फायदा उल्लेखनीय है कि हिमाचल में पिछली भाजपा सरकार ने भी शराब पर गौ उपकर लगाया था। जो वर्तमान में ढाई प्रतिशत है। गाय उपकर का उपयोग राज्य में गायों को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। यानी शराब की हर बोतल पर 10 रुपये दूध उपकर भी देना होगा। जिससे शराब सीधे तौर पर महंगी हो जाएगी। सीएम ने कहा कि दूध पर सेस लगाने से सरकार को हर साल 100 करोड़ रुपये मिलेंगे। जिसे पशुपालकों और दुग्ध उत्पादकों की कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च किया जाएगा।
हिमाचल की नई आबकारी नीति
दरअसल हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार नई आबकारी नीति के तहत राजकीय शराब के ठेकों की खुली नीलामी करा रही है। सीएम सुक्खू ने अपने पहले बजट भाषण के दौरान कहा कि पिछली सरकारें शराब के ठेकों को 10 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ रिन्यू करती थीं। जिससे सरकार को हर साल सिर्फ 10 फीसदी ज्यादा राजस्व मिलता था। लेकिन ठेके की नीलामी कर यह आंकड़ा हासिल किया है।
दूसरे राज्य भी लगा चुके हैं गाय उपकर
राज्य विधानसभा में बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार को हर साल 100 करोड़ रुपये की आय होगी। हिमाचल प्रदेश के अलावा देश के अन्य राज्य भी गौ उपकर लगाते हैं। इसमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ शामिल हैं। राज्यों में गौ उपकर लगाया गया है। इसका उपयोग सड़कों पर आवारा गायों को हटाने और उनकी देखभाल की व्यवस्था करने के लिए किया जा रहा है। विभिन्न राज्यों में गाय पर उपकर लगाने की दर 2 प्रतिशत से लेकर 20 प्रतिशत तक है। अलग-अलग राज्यों में शराब के अलावा लग्जरी सामान या सर्विस, बिजली बिल, मैरिज हाउस आदि वसूल किए जाते हैं। ताकि गरीब प्रभावित न हो।