हाईकोर्ट ने क्यों कहा कुरान पर छोटी डॉक्यूमेंट्री बनाइए,फिर देखिए क्या होता है

आदिपुरुष फिल्म पर हाईकोर्ट ने मेकर्स को सुनाई खरी खरी

फिल्म आदिपुरुष के आपत्तिजनक डॉयलॉग पर काफी विवाद चल रहा है। ये फिल्म सेंसर बोर्ड ने पास कैसे कर दी इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं।​ मामला यूपी हाई कोर्ट में है और इसकी सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने बुधवार को  सुनवाई करते हुए सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि एक बार कुरान पर छोटी डॉक्यूमेंट्री बनाइए,फिर देखिए क्या होता है। कोर्ट आदिपुरुष फिल्म पर सुनावाई कर रहा है।

कोर्ट ने क्या कहा

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने फिल्म आदिपुरुष के आपत्तिजनक डॉयलॉग के मामले में कहा कि जिस रामायण के किरदारों की पूजा की जाती है उसे एक मजाक की तरह कैसे दिखाया जा सकता है। हैरानी होती है कि आखिर इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने कैसे पास कर दी। ये बहुत बड़ा ब्लंडर है। फिल्म मेकर्स सिर्फ पैसे कमाने के लिए इस तरह की फिल्मे बनाते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि रामायण गीता बेहद पवित्र ग्रंथ है इनका मजाक नहीं उड़ाना चाहिए और न ​ही किसी धर्म को टच नहीं करना चाहिए।

शुक्र है उन्होंने कानून नहीं तोड़ा

इससे पहले मंगलवार को इलाहाबाद कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि हिंदुओं की सहनशीलता की परीक्षा बार बार क्यों ली जाती है। शुक्र है उन्होंने (हिंदुओं ने) कानून नहीं तोड़ा। जो सज्जन हैं उन्हें दबा देना सही है क्या? यह तो अच्छा है कि यह एक ऐसे धर्म के बारे में है, जिसके मानने वालों ने कोई पब्लिक ऑर्डर प्रॉब्लम क्रिएट नहीं की। हम सबको उनका आभारी होना चाहिए। कोर्ट यह भी कहा कि हमने खबरों में देखा कि कुछ लोग सिनेमा हॉल पहुंचे थे जहां फिल्म दिखाई जा रही थी। उन्होंने वहां पहुंचकर सिर्फ हॉल बंद करने को कहा था और चाहते तो कुछ और भी कर सकते थे।

फिल्म मेकर्स को चेताया

बेंच ने फिल्म मेकर्स को चेताते हुए कहा कि सिर्फ पैसों के लिए इस तरह की फिल्म नहीं बनाना चाहिए। हमारे धार्मिक ग्रंथों के प्रति लोगों की आस्था है।वे इसकी पूरा करते हैं और आप उनका मजाक उड़ाने में लगे हुए है। ऐसी फिल्मों की कतई स्वीकरता नहीं हो सकती है। कम से कम धार्मिक ग्रंथों को बख्श देना चाहिए।

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