दिल्ली की अपनी तासीर है। यहां लोग काफी व्यस्त है। इलाका भीड़भाड़ वाला है। देश के तमाम हिस्सों से लोग यहां आते हैं। कोई व्यावसाय के लिए यहां आता है तो कोई नौकरी की आस लेकर आता है। ऐसी तमाम जनअपेक्षाओं के चलते राजनीति के दिग्गज अपने सियासी विवाद यहां सुलझाने आते हैं। बीते कुछ दिनों से कई नेता यहां आए और अपनी सियासी गोटियां बिठाकर चले गए तो कुछ ने यहां डेरा डाला और अपने आकांओं के सामने अपनी बात रखी। आइए जानते हैं कि दिल्ली में पिछले दिनों क्या क्या हुआ।
सियासी पारा चढाए रखा
दिल्ली में रुक रुक कर बारिश हो रही है। मौसम सामान्यतौर पर कूल है, लेकिन सियासी मिजाज ने मौसम का पारा चढाये रखा। कांग्रेस मुख्यालय में जहां राजस्थान को लेकर सरगर्मी रही वहीं शरद पवार के सरकारी आवास पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के भितरखाने मुंबई में चले बवाल के बाद मराठा क्षत्रप ने पार्टी में बंटवारे की जिद ठाने अपने भतीजे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार सहित विद्रोही कुनबे को एकबार फिर से शह और मात देने की बाजीगरी बिछाई। पार्टी कार्यसमिति की बैठक बुलाकर सभी के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन केंद्रीय चुनाव आयोग को औपचारिक रूप से सौप दिया गया। मजमून ये कि राकांपा के अध्यक्ष सर्वसम्मति से शरद पवार हैं। पार्टी उन्हीं की कमान में है। लिहाजा, पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह दोनों पर शरद पवार की कमान वाली पार्टी के पास पूर्ववत रहना चाहिए।
राजस्थान का सियासी पारा हुआ नॉर्मल
इधर,चुनावी राज्यों में केवल राजस्थान ही बचा था जिसको लेकर एआईसीसी में माथापच्ची होनी थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रही रस्साकशी का अंत उस खबरदार से हुआ जिसके तहत संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने साफ हिदायत दी कि किसी भी तरह की अनुशासनहीनता अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो कुछ अब तक हुआ उसे भूलकर संयुक्त रूप से पार्टी हित में कांग्रेस पार्टी दोबारा सत्ता में आने के लिए राजस्थान के चुनावी मैदान में जाएगी। जाहिर है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों द्वारा तत्कालीन प्रभारी अजय माकन द्वारा बुलाये गये विधायक दल की बैठक से अनुपस्थित रहने पर अनुशासहीनता का मामला उठा था। वैसे ही सचिन पायलट द्वारा मौजूदा प्रभारी सुखजिंदर रंधावा के मना करने के बाद भी राज्य सरकार पर सवाल उठाते हुए पैदल मार्च को अनुशासहीनता माना गया था, यही वजह है कि इस बात शीर्ष नेतृत्व दोनों नेताओं को सख्त हिदायत दी है कि अब नहीं चलेगा। सचिन पायलट के एडजस्टमंट की चुनावी बेला में कोई बात नहीं। सूत्रों ने ये जरूर कहा कि पार्टी दोबारा सत्ता में आई तो सचिन पायलट को खुद अशोक गहलोत समर्थन देकर मुख्यमंत्री बनायेंगे।
दिल्ली में शरद के आवास पर बैठक
दिल्ली में शरद पवार के आवास पर एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक एक दिन पहले हुई जिसमें कई नेता शामिल हुए है। उधर मुंबई में अजित पवार का गुट भी सक्रिय देखा गया। इसी बताया यह भी बताया जा रहा है कि इस बीच शरद पवार से मिलने राहुल गांधी उनके आवास पर गये।