​हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी के लिए जानें क्यों है परीक्षा की घड़ी…!

Haryana Jammu Kashmir Assembly Election Lok Sabha Election 2024 BJP NDA Exam

हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनावों महज दो राज्यों के विधानसभा चुनावों के तौर पर नहीं देखा जा सकता। इन चुनावों के परिणाम का देश की राजनीति पर भी खासा असर देखने को मिलेगा। लोकसभा चुनाव 2024 के बाद होने वाले यह चुनाव न सिर्फ दो राज्यों में बीजेपी की चुनावी ताकत की परीक्षा होंगे। बल्कि इनके नतीजे आने वाले दिनों में दूसरे राज्यों खासकर महाराष्ट्र में चुनावी गठबंधन की प्रकृति को भी आकार देंगे। जहां सााल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं।

चुनावी गठबंधन किस तरह का होगा। यह कुछ हद तक महाराष्ट्र के मतदाताओं के सियासी मूड को भी आकार देगा। इसके बदले में जो विभिन्न राजनीतिक दलों गठबंधनों की चुनावी संभावनाओं को प्रभावित करेगा। हरियाणा में बीजेपी की जीत का मतलब राज्य में उसकी ताकत फिर से उभरना होगा। वहीं जम्मू-कश्मीर में बीजेपी की सफलता का अर्थ वहां पर सरकार की नीतियों का समर्थन होगा। जिसमें जममू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना भी शामिल है।

सवाल यह है कि क्या बीजेपी हरियाणा में सत्ता को बरकरार रखने में कामयाब हो पाएगी। जम्मू-कश्मीर में एक मजबूत ताकत के रूप में सामने आएगी। क्योंकि हरियाणा और जम्मू कश्मीर में बीजेपी के लिए ये चुनाव बड़ी परीक्षा से कम नहीं हैं। क्योंकि यह तो तय माना जा रहा है कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में चुनाव बीजेपी के लिए खासे कठिन होने जा रहे हैं। एनडीए गठबंधन के मुकाबले इन दोनों राज्यों में इंडिया गठबंधन और उसके सहयोगियों को हराना बीजेपी और एनडीए के लिए मुश्किल होगा।

लोकसभा में लोगों ने किया NDA को निराश

दरअसल 2024 के लोकसभा चुनावों के समय भाजपा ने इन दोनों ही चुनावी राज्यों में बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। हरियाणा में बीजेपी को मजह 46.1% वोट मिले, उसे 10 में से 5 सीट पर ही संतोष करना पड़ा। जबकि कांग्रेस बाकी की पांचों सीटें बीजेपी से छीनने में सफल रही। कांग्रेस को 43.7% वोट मिले। बीजेपी के वोट शेयर में भी करीब 12% की गिरावट दर्ज की गई। 2019 में उसे 58% वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 2019 के अपने 28.4% वोटों में 15.3% वोट अधिक मिले हैं।

जम्मू-कश्मीर में भाजपा की सफलता का मतलब वहां पर सरकार की नीतियों का समर्थन होगा, जिसमें यह स्पष्ट रुप से अनुच्छेद 370 को हटाना भी शामिल है। लेकिन अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या हरियाणा में बीजेपी सत्ता बरकरार रखने में सफल हो पाएगी। जम्मू-कश्मीर में एक मजबूत ताकत के रूप में उभर कर सामने आ पाएगी। क्योंकि यह तो तय है कि हरियाणा के साथ जम्मू-कश्मीर के चुनाव बीजेपी के लिए खासे कठिन होने जा रहे हैं।

5 साल में बदला भाजपा-कांग्रेस का वोट शेयर

पिछले पांच साल के दौरान बीजेपी और कांग्रेस वोट-शेयर में बदलाव आया है। जो इस बात का स्पष्ट संकेत देता है कि हरियाणा में हवा किस दिशा में बह रही है। 2019 में हुए लोकसभा के चुनाव के कुछ ही महीने बाद हरियाणा के विधानसभा चुनाव भी हुए थे, उस समय भाजपा ने वहां उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं किया था। भाजपा को 36.5% वोट मिले। वह 90 विधानसभा सीटों में से 40 सीट ही जीत सकी, इस तरह बहुमत से दूर रह गई थी। हरियाणा में मतदाताओं ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को वोट दिया लेकिन कुछ महीने बाद राज्य सरकार चुनने का मौका आया तो अलग तरीके से वोट करने का फैसला हरियाणा के मतदाताओं ने लिया।

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