हरियाणा में विधानसभा चुनाव का रण अब आमने सामने का हो गया है। आरोप प्रत्यारोप और बयानबाजी के बीच अब एक दूसरे के नेताओं पर डोरे डाले जा रहे हैं। इस बीच खबर है कि कुमारी सैलजा कांग्रेस से नाराज हैं। हालाकि अब तक यह खबर पर्दे के पीछे ही थी, लेकिन अब पर्दे पर रिलीज हो गई है। हाल ही में सैलजा की नाराजगी सार्वजनिक भी हो चुकी है।
इसी बहाने बीजेपी की ओर से अपना सियासी दांव चला गया। अब सवाल यह उठता है कि कांग्रेस को कुमारी सैलजा की नाराजगी कितनी भारी पड़ेगी?
राज्य के पूर्व सीएम खट्टर के सियासी ऑफर और कुमारी सैलजा की नाराजगी ने सियासी फिजाओं में यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हरियाणा विधानसभाा चुनाव में कांग्रेस को उनकी नाराजगी कितनी भारी पड़ सकती है?।
सैलजा को विरासत में मिली राजनीति
कुमारी सैलजा को विरासत में मिली है राजनीति
पिता चौधरी दलबीर सिंह थे कांग्रेस के दिग्गज नेता
मनमोहन सरकार में मंत्री रहीं हैं सैलजा
वर्तमान में सिरसा से कांग्रेस सांसद हैं
अंबाला सीट से भी चुनाव जीत चुकी हैं सैलजा
सैलजा की कांग्रेस में दलित नेत्री की छवि
हरियाणा में करीब 20 फीसदी है दलित आबादी
दलित समुदाय के लिए विधानसभा की 17 सीट आरक्षित
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जमकर मिले थे दलित वोट
सैलजा भी बड़े मार्जिन से जीती थीं चुनाव
सैलजा की अंबाला और सिरसा लोकसभा सीट पर पकड़
अंबाला और सिरसा लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की 20 सीट
विधानसभा की 20 सीटों पर सैलजा की मजबूत पकड़
अंबाला और सिरसा सीट से चुनाव जीत चुकी हैं सैलजा
सैलजा के 9 समर्थकों को टिकट दिया गया
यह सभी समर्थक अंबाला और सिरसा इलाके से आते हैं
एक ओर जहां कुमारी सैलजा पार्टी से नाराज हैं तो वहीं दूसरी तरफ मनोहर लाल खट्टर का सियासी ऑफर सुर्खियों में है, जिसने कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है। चर्चा है कि सैलजा वाकई कांग्रेस से नाराज हैं तो पिछले 10 साल से सियासी वनवास को दूर करने की जुगत में जुटी कांग्रेस को हरियाणा में बड़ा झटका लग सकता है।
हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों पर एक साथ वोटिंग
5 अक्टूबर को होगी वोटिंग
हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी जंग
आखिर कुमारी सैलजा की नाराजगी की वजह क्या है ?
हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच सिरसा से कांग्रेस की सांसद कुमारी सैलजा पार्टी से नाराजगी की खबरें हैं। कहा तो यह भी रहा है कि चुनाव में टिकट बंटवारे के दौरान तरजीह न मिलने से सैलजा अपनी पार्टी से नाराज हैं। कांग्रेस ने अब तक 89 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की है। जिसमें सैलजा गुट के लोगों को केवल 9 सीटों पर ही दरजीह दी गई है।
जबकि भूपिंदर हुड्डा के गुट के 72 और रणदीप सुरजेवाला के गुट के दो लोगों को टिकट दिए गए हैं। कुमारी सैलजा ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी भी ठोकी थी। हालांकि पार्टी हाईकमान की ओर से इसमें कोई विशेष रुचि नहीं दिखाई गई। ऐसे में सैलजा इसके बाद से ही चुनाव से लगभग गायब हैं। पिछले दिनों सैलजा ने कांग्रेस प्रभारी पर एक ही पक्ष के लिए काम करने का बड़ा आरोप लगाया था। इतना ही नहीं कांग्रेस की ओर से हरियाणा को लेकर जब घोषणा पत्र जारी किया जा रहा था उस समय भी मंच पर सैलजा गरैमौजूद थीं। हालांकि, पार्टी की ओर से चुनाव में स्टार प्रचारकों की सूची में उनका नाम जरूर शामिल किया गया है।
मनोहर लाल खट्टर ने दिया सैलजा को सियासी ऑफर
वहीं हरियाणा के पूर्व सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मनोहर लाल खट्टर ने करनाल के घरौंडा में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस की वरिष्ठ महिला नेत्री कुमारी सैलजा को अपनी पार्टी में आने का ऑफर दिया था। पूर्व सीएम खट्टर ने कहा था कि कांग्रेस ने सैलजा का अपमान किया है। सैलजा का अपमान राज्य के सभी दलित वर्गों का अपमान है। खट्टर ने आगे यह भी कहा कि आज कांग्रेस में ही कुमारी सैलजा को गालियां दीं जा रहीं हैं। सैलजा को चुनाव के मौसम में राजनीति के मैदान तक नहीं आने दिया जा रहा है। वे चाहते हैं कि अब सैलजा बीजेपी में आएं और यहां आकर काम करें। बीजेपी में सभी वर्गों का सम्मान किया जाता है, खासतौर पर महिलाओं का। खट्टर यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा हरियाणा में कांग्रेस के अंदर केवल दो लोगों की ही चलती है। जिसमें एक बाप है तो दूसरा बेटा, कांग्रेस में बाप बेटे की ही चलती है। बाप-बेटा ही कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के लिए एक दूसरे से ही लड़ रहे हैं।