हरियाणा विधानसभा चुनाव : जानें क्या है हलचल? क्या हरियाणा में बदली जाएगी मतदान की तारीख…चुनाव आयोग की बैठक में होगा फैसला

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जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। विधानसभा चुनाव की तैयारियों में तमाम दल जुट गए हैं। प्रत्याशियों के नामों के ऐलान के साथ गठबंधन और शीट शेयरिंग जैेसे मसले पर सियासी पार्टियों की ओर से मंथन तेज हो गया है। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा दोनों ही राज्य में चुनावी बिसात बिछ चुकी है। अब मतदाताओं को लुभाने के लिए हर सियासी दल अपने अपने गठजोड़ में जुटे हैं। हम बात कर रहे हैं हरियाणा विधानसभा चुनाव की जहां इस बार कांग्रेस हरियाणा की सत्ता में आने की आस लगाए बैठी है तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी राज्य की सत्ता में फिर से वापसी की उम्मीद लगाए बैठी है। जबकि बहुजन समाज पार्टी और इनेलो के साथ जेजेपी भी चुनाव में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद लगाए बैठे हैं। यही कारण है कि विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान से पहले राज्य में सियासी दलों के बीच हलचल तेज हो गई है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ सियासी दलों की सक्रियता में उबाल आ गया है। चुनाव आयोग ने राज्य की सभी 90 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में 1 अक्टूबर को मतदान कराने का ऐलान किया है। चुनावी नतीजे 4 अक्टूबर को जारी होंगे। ऐसे में सियासी पार्टियों ने चुनावी कमर कसनी शुरू कर दी है। तमाम राजनीतिक पार्टियां एक्शन में आ चुकी है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 1 अक्टूबर को होने वाले मतदान से पहले राज्य में एक नया राजनीतिक गठबंधन बनता दिख रहा है।

बीएसपी, इनेलो और जेजेपी का नया गठबंधन

हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल इनेलो और बीएसपी के बीच गठबंधन होने के बाद अब जननायक जनता पार्टी और आजाद समाज पार्टी कांशीराम का भी एक साथ विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरना लगभग तय माना जा रहा है। हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और चंद्रशेखर आजाद एक साझा प्रेस कांफ्रेंस में इसकी घोषणा करने वाले हैं। चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व वाली आजाद समाज पार्टी के साथ दुष्यंत चौटाला की जेजेपी की नजरें राज्य के दलित और जाट मतदाताओं पर लगी है। दलितों और जाट मतदाताओं में अपनी मजबूत पकड़ बनाने में दोनों दल जुटे हुए हैं। हरियाणा में राज्य में बनने जा रहा यह नया गठबंधन बाकी पार्टियों के लिए चिंता का सबब बन सकता है।

बता दें इंडियन नेशनल लोकदल इनेलो और बहुजन समाज पार्टी के बीच पहले ही चुनावी गठबंधन हो चुका है। हरियाणा के चुनावों में दलित और जाट समुदाय के वोटर्स की अहम भूमिका रहती है। यही वजह है कि राज्य में तमाम राजनीतिक पार्टियां दलित और जाट समुदायों के वोट बैंक को हासिल करना चाहती है। नया गठबंधन हरियाणा में अगर दलित और जाट वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब रहा तो यकीनन इससे बड़ी पार्टियों को झटका लग सकता है। इसलिए विधानसभा चुनाव से पहले होने जा रहे चुनावी गठबंधन को काफी अहम माना जा रहा है।

नहीं हो सकी कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक

हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की ओर से सोमवार 26 अगस्त को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक बुलाई थी, लेकिन जन्माष्टमी पर्व के चलते बैठक नहीं हो सकी। हालांकि कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी अध्यक्ष अजय माकन ने पार्टी उम्मीदवारों को लेकर फीडबैक लिया। उम्मीदवारों को लेकर भी मंथन और चर्चा भी की गई। संभावना जताई जा रही है कि राज्य की पांच लोकसभा सीट पर हारने वाले प्रत्याशियों को इस बार कांग्रेस विधानसभा चुनाव के मैदान में उतार सकती है। मानाजा रहा है कि आज मंगलवार 27 अगस्त को कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हो सकती है। जिसमें कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं।

कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर मिले आवेदनों की छंटनी का काम लगभग खत्म करते हुए चुनावी पैनल तैयार किया है। मीडिया रिपोर्ट की माने तो राज्य की 25 से 30 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जिनके पैनल में कांग्रेस की ओर से सिंगल नाम रखा गया है। कुछ सीटों पर दो से तीन दावेदारों के नाम शामिल हैं। चर्चा है कि इस बार भी कांग्रेस अपने सिटंग विधायकों को किसी भी हाल नाराज नहीं करना चाहेगी। पार्टी नेताओं का मानना है कि अधिक संख्या में मौजूदा विधायकों के टिकट पर कैंची चलती है तो इसका चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है। लिहाजा इसके कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस अपने मौजूदा विधायकों को टिकट देकर फिर से चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है।

क्यों की जा रही हरियाणा में वोटिंग की तारीख बदलने की मांग

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 1 अक्टूबर को सभी 90 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। लेकिन मतदान की तारीख बदलने की मांग की जा रही है। जिस पर आज मंगलवार 27 अगस्त को फैसला हो सकता है। चुनाव आयोग ने आज मंगलवार को दिल्ली में बैठक बुलाई है। इसमें हरियाणा में मतदान की तारीख बदलने को लेकर फैसला लिया जा सकता है। दरअस बीजेपी की हरियाणा प्रदेश इकाई ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर 1 अक्टूबर को होने वाले मतदान को कुछ समय के लिए टालने का अनुरोध किया था। बीजेपी की ओर से मतदान की तारीख से पहले और बाद में छुट्टियों का हवाला दिया और कहा था कि इससे मतदान के प्रतिशत में कमी आ सकती है।

 

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