हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। 1 अक्टूबर को यहां मतदान कराया जाएगा। सभी 90 विधानसभा सीट पर एक ही चरण में वोटिंग होगी। चुनावी मौसम में दलों के बीच जोरआजमाइश का दौर शुरू हो गया है। हरियाणा ऐसा राज्य है जिसने सियासत के कई रंग देखे। जाट बहुल इस राज्य की सियासत के किस्से भी निराले हैं। दरअसल हरियाणा के स्वभाव और भाषा में ही अक्खड़पन घुला है तो इस राज्य के नेता भला इससे कैसे अछूते रहते। हरियाणा के सियासी परिदृश्य में एक ऐसा ही वाकया अक्सर चर्चा में रहता है।
- हरियाणा की सियासत के किस्से भी निराले हैं
- हरियाणा के स्वभाव और भाषा में ही घुला है अक्खड़पन
- इस राज्य के नेता भला इससे कैसे अछूते रहते
- चौधरी देवीलाल ने राज्यपाल को ही जड़ दिया था जोरदार थप्पड़
- 1982 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली थी 36 सीट
- सबसे बड़ा दल, फिर भी बहुमत से था दूर
- भारतीय राष्ट्रीय लोक दल और भाजपा गठबंधन को मिली 37 सीट
- स्पष्ट बहुमत किसी को नहीं मिला था
- गणपतराव देवजी तपासे थे हरियाणा के राज्यपाल
- चंडीगढ़ राजभवन हुई थी राज्यपाल से देवीलाल की बहस
- देवीलाल कर रहे थे बहुमत होने का दावा
- राज्यपाल ने कर दिया थ देवीलाल का दावा नामंजूर
- दावा नामंजूर हुआ और राज्यपाल नहीं माने तो जड़ दिया थप्पड़
दरअसल राज्य के दिग्गज नेता रहे स्वर्गीय चौधरी देवीलाल ने एक बार राज्यपाल को ही जोरदार थप्पड़ जड़ दिया था। बात 1982 की है। जब हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 90 में से 36 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी। राज्य विधानसभा में कांग्रेस सबसे बड़े दल के रुप में उभर कर सामने आई थी। वहीं दूसरी ओर प्रमुख विपक्षी दल भारतीय राष्ट्रीय लोक दल ने भाजपा के साथ चुनावी गठबंधन करते हुए चुनाव में 37 सीट पर कब्जा किया था। भारालो को 31 और भाजपा को छह सीटें मिली थीं। लेकिन स्पष्ट बहुमत किसी को नहीं मिला था। ऐसे में सरकार बनाने के लिए किसे आमंत्रित किया जाए? यह राज्यपाल पर निर्भर था। उस समय गणपतराव देवजी तपासे जीडी तपासे हरियाणा के राज्यपाल थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जीडी तपासे महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय तक सक्रिय रहे थे। उन्होंने सबसे पहले चौधरी देवीलाल को राज्य की सरकार गठित करने का न्योता दिया। लेकिन इस बीच कांग्रेस के भजनलाल ने निर्दलीय विधायकों को साथ लेकर बहुमत का 52 विधायकों वाला आंकड़ा हासिल कर लिया।
राज्यपाल ने दिला दी थी भजनलाल को मुख्यमंत्री पद की शपथ
ऐसे में 52 विधायकों का समर्थन मिलने पर राज्यपाल तपासे ने भजनलाल को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। जब चौधरी देवीलाल को इस बात का पता चला तो वे तमतमा गए। अपने विधायकों को लेकर वे चंडीगढ़ राजभवन पहुंचे। जहां राज्यपाल से उनकी बहस हो गई।देवीलाल अपने पास बहुमत होने का दावा कर रहे थे और राज्यपाल तपासे ने देवीलाल का दावा नामंजूर कर दिया था।
देवीलाल कर रहे थे बहुमत का दावा, राज्यपाल नहीं माने तो जड़ दिया थप्पड़
ऐसे में चौधरी देवीलाल और राज्यपाल जीडी तपासे के बीच तब जोरदार बहस हो गई। बहस के दौरान ही तमतमाते हुए चौधरी देवीलाल ने राज्यपाल तपासे की ठुड्डी पकड़ ली। उन्हें चीखते हुए फटकारने भी लगे। इस घटनाक्रम से गुस्से में भरकर राज्यपाल जीडी तापसे ने देवीलाल का हाथ झटक दिया। बस इसके बाद जो हुआ उसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। तैश में आकर चौधरी देवीलाल ने राज्यपाल को जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। जबकि इस दौरान राज्यपाल के सुरक्षाकर्मी और विधायक भी मौजूद थे जो सन्न रह गए। सुरक्षा गार्ड दौड़कर राज्यपाल तपासे के पास पहुंचे। उन्हें सुरक्षा घेरे में लेकर देते हुए वहां से रवाना हुए। हालांकि राज्यपाल को थप्पड़ मारने के बाद भी देवीलाल के खिलाफ कोई कानूनी एक्शन नहीं लिया गया। यह वाक्या देश की राजनीति में अब भी चर्चा में रहता है।