H3N2 वायरस देश भर में धीरे-धीरे फैलने लगा है। महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली में H3N2 वायरस तेजी से फेल रहा है। वहीं अब मध्य प्रदेश में भी इस वायरस की आहट सुनाई दे रही है। राजधानी भोपाल में H3N2 वायरस का पहला मरीज मिला है। जिससे स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। अधिकारियों का कहना है मरीज को खांसी और जुकाम की शिकायत थी। जिसके बाद उसके सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजे थे। जिसकी रिपोर्ट के बाद पता चला कि मरीज H3N2 का शिकार है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद जब जांच की गई तो उसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री सामने नहीं आई है।
कमजोर इम्यूनिटी बड़ा खतरा
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार लंग्स इंफेक्शन और अस्थमा के मरीजों को इससे खतरा अधिक हो सकता है। साथ ही बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं के साथ बच्चों पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है। ऐसे में प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से लोगों को बचना चाहिए। H3N2 इन्फ्लूएंजा के लक्षण को लेकर भी विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। जिसमें कहा गया है कि कोल्ड और कफ की तरह ही इस बीमारी में भी समस्या होती है। संक्रमण की चपेट में आने पर नाक लगातार बहने लगती या नाक बंद हो जाती है। जिससे सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं गले में खराश के साथ ही खांसी होने लगती है। तो शरीर में दर्द होने के साथ सिरदर्द और बुखार आने लगता है। साथ ही उल्टी-दस्त की भी समस्या होने लगती है। संबंधित व्यक्ति की सांस फूलने और थकान के साथ ठंड मससूस होने पर तत्काल चिकित्सा विशेषज्ञों से संपर्क किया जाना चाहिए।
भोपाल के सीएमएचओ ने की वायरस की पुष्टि
भोपाल के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.प्रभाकर तिवारी का कहना है एक मरीज में एच3एन2 वायरस की पुष्टि हुई है। जिसकी उम्र करीब 20 से 25 साल के बीच है। जो भोपाल के बैरागढ़ इलाके के रहने वाला है। बता दें इस वायरस ने फिलहाल देशभर में चिंता का माहौल बना दिया है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की एडवायजरी भी बता रही है कि गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे, शुगर, हार्ट, लिवर, किडनी, कैंसर और श्वांस के रोगियों को संक्रमण का खतरा अधिक है। ऐसे में सभी अपनी ओर से सावधानी बरते। इस तरह माना जा रहा है कि अब इन्फ्लूएंजा H3H2 की एंट्री मध्यप्रदेश में में भी हो गई है। राज्य में यह पहला केस है। भोपाल में युवक की रिपोर्ट पाजिटिव आने से स्वास्थ्य विभाग और प्रशाासन में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग आयुक्त की ओर से सभी जिलों के सीएमएचओ और सिविल सर्जन को एडवायजरी जारी कर दी गई है। इतना ही नहीं जबलपुर और ग्वालियर में भी जांच लोगों की जांच के लिए अपील की जा रही है। साथ ही अस्पतालों में में उपचार के लिए जरूरी उपकरण, दवाएं और मेडिकल ऑक्सीजन के पुख्ता व्यवस्था करने को भी निर्देश दिये गये हैं।