इलाहाबाद हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलते ही शुक्रवार को आर्कियोलॉजिल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम सुबह वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर पहुंची। जहां परिसर के सर्वे का काम शुरु किया। सर्वे को ये काम शाम तक जारी रहेगा। बता दें एएसआई की टीम सर्वे के दौरान इसका पता लगाने की कोशिश में जुटी है कि 17वीं शताब्दी की ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण क्या हिंदू मंदिर पर किया गया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद आर्कियोलॉजिल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम जब सर्वे के लिए ज्ञानवापी पहुंची तो उसे मुस्लिम पक्ष के असयोग का सामना करना पड़ा। हालांकि सर्वे शुरू कर दिया है। जिसमें सहसे पहले एएसआई ने ज्ञानवापी परिसर के पश्चिमी दीवार से सर्वे शुरू किया। वहीं इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने तहखाने की चाबी देने से इनकार कर दिया। जबकि सर्वे का प्रारंभ तहखाने से शुरू होने वाला था।
- इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली सर्वे की हरी झंडी
- वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर पहुंची टीम
- शुक्रवार को सुबह 7 बजे से सर्वे प्रारंभ
- एएसआई की सर्वे टीम में हैं 30 सदस्य
- सर्वे में ये जानने की कोशिश,क्या हिंदू मंदिर पर किया था मस्जिद का निर्माण
‘सर्वेक्षण इतिहास रचने की ओर एक कदम’
सर्वे के बीच ज्ञानवापी मामले पर हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी का कहना है इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एएसआई को सर्वेक्षण करने की अनुमति दी थी। एएसआई और जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। यह सर्वेक्षण इतिहास रचने की ओर एक कदम है।
चार भागों में सर्वे टीम का विभाजन
दरअसल ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर सर्वेक्षण करने के लिए तीस सदस्यों की एएसआई टीम सर्वे कर रही है। जिसे चार भागों में विभाजित किया गया है। प्रारंभिक सर्वे में सभी चारों टीम पहले डस्टिंग कर रही है साथ ही फोटो डॉक्यूमेंटेशन और जीपीआर की मदद से सर्वे किया जा रहा है। बता दें वाराणसी जिला अदालत ने पिछली 21 जुलाई 2023 को ज्ञानवापी परिसर की एएसआई को सर्वे की अनुमति दी थी। साथ ही इसकी 4 अगस्त को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था। लेकिन पहले सुप्रीम कोर्ट और बाद में हाई कोर्ट की रोक की वजह से सर्वे का काम पूरा नहीं किया जा सका। ऐसे में इलाहाबाद हाईकोर्ट से अनुमति मिलने के दूसरे ही दिन एएसआई की टीम सर्वे के लिए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर जा पहुंची।
खुदाई से क्यों डर रहा मुस्लिम पक्ष!
ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को लेकर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है। जिस पर आज शुक्रवार को सुनवाई होगी। बता दें इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को मस्जिद का सर्वेक्षण करने की अनुमति दिए जाने के बाद मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मुस्लिम पक्ष की ओर से जो याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई है उसमें यह आशंका जताई है कि एएसआई वहां खुदाई का काम कर सकती है। साथ ही यह भी कहा गया कि एएसआई सर्वे से इस पूरे मामले पर असर पड़ सकता है। इसलिए इस सर्वे पर तत्काल रोक लगाई जाए। मुस्लिम पक्ष ने याचिका में अपील करते हुए दलील है कि वजुखाना के सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए रोक का आदेश पूरी मस्जिद पर लागू होता है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश सिर्फ वजुखाने पर लागू नहीं होता। वहीं मुस्लिम पक्ष ने यह भी आशंका जताई है कि एएसआई वहां सर्वे के दौरान खुदाई कर सकती है। मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया है कि एएसआई की टीम सर्वे करने के लिए अपने साथ खुदाई के उपकरणों को लेकर पहुंची है।