Gujrat Exit Poll 2022: गलत साबित होगी केजरीवाल की भविष्यवाणी !

गुजरात एक्जिट पोल 2022

गुजरात चुनावों के EXIT POLL आ चुके हैं। गुजरात में बीजेपी सातवीं बार सरकार बनाने के स्थिति में है। सभी एक्जिट पोल ने गुजरात में बीजेपी की सरकार बना रही है। एक्जिट पोल  गुजरात में बीजेपी को 110-150 के बीच सीटें दे रहे हैं। पोल के मुताबिक दूसरे नंबर का दल कांग्रेस होगी और केजरीवाल की “आम आदमी पार्टी” तीसरे नंबर पर। ऐसे में अगर एक्जिट पोल की नतीजे सही होते हैं तो क्या होगा केजरीवाल की भविष्यवाणी गलत साबित होगी।

कब कब क्या भविष्यवाणी की केजरीवाल ने

केजरीवाल ने गुजरात चुनावों के दौरान टीवी चैनलों को कई इटंरव्यू दिए । इनमें से ज्यादातर में केजरीवाल ने आप और कांग्रेस को लेकर बड़ी बड़ी भविष्याणी की। केजरीवाल ने कहा कि गुजरात में कांग्रेस को 5 सीटें मिलेंगी ये लिखकर दिया और जैसे जैसे चुनाव आगे बढ़ा केजरीवाल ने दावा किया कि कांग्रेस शून्य सीटें लाएगी । केजरीवाल ने कहा कि “आप” गुजरात में सरकार बना रही है। केजरीवाल और उनके कैबिनेट के साथी मनीष सिसोदिया ने तो यहां तक कह दिया कि गुजरात में बीजेपी हार रही है। केजरीवाल की भविष्यवाणियों को ट्वीट कर “आप” ने सोशल मीडिया पर जमकर वायरल करा।

झूठे साबित होंगे केजरीवाल

अगर एक्जिट पोल के नतीजे सही होते हैं तो केजरीवाल के दावे झूठे साबित होतें हैं। “आम आदमी पार्टी” नेशनल पार्टी का दर्जा पाने की राह देख रही है। केजरीवाल अब अपनी पार्टी को नेशनल पार्टी बनाना चाहतें हैं। पंजाब में सरकार बनाने और गोवा मे दो सीटें जीतने के बाद आम आदमी पार्टी नेशनल पार्टी की दिशा में बढ़ चुकी है। अगर “आम आदमी पार्टी” को नेशनल पार्टी का दर्जा मिलता है तो आप के दो राज्यों में मुख्यमंत्री होंगे और कांग्रेस के लिए के लिए आप राजनैतिक खतरे के तौर पर मंडराती रहेगी।

कांग्रेस के लिए खतरा साबित होगी “आम आदमी पार्टी”

” आप”पार्टी कांग्रेस के विकल्प के तौर पर खुद को देख रही है। “आप” को अगर नेशनल पार्टी का दर्जा मिलता है और नहीं भी मिलता है तो भी कांग्रेस के लिए वो खतरे के तौर पर ही है। एक तरफ बीजेपी कांग्रेस मुक्त भारत की बात करती है और आप कांग्रेस को चुनावों में सीधा नुकसान पहुंचाती है ऐसे में कांग्रेस की राह आसान नहीं होगी। आमतौर पर चुनावों में “आप” कांग्रेस की वोट कटवा पार्टी बनकर रह जाती है। कांग्रेस को खुद को बनाए रखने के लिए राजनैतिक पिच पर बहुत मेहनत करनी होगी। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के दो राज्यों में मुख्यमंत्री हैं वही दस साल पहले अन्ना आंदोलन से बनी “आप” के भी दो राज्यों में मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में कांग्रेस की चुनौती और बढ़ जाती है।

“आप” के लिए नहीं है राह आसान

“आप” भले ही अपनी सरकार की काम की तारीफें करती है। केजरीवाल मॉडल के स्कूल और अस्पतालों की तारीफ की जाती हो लेकिन फिर भी आप के लिए राह आसान नहीं है।

आप के नेता लगातार किसी न किसी कारण से जांच ऐजेंसियों के निशाने पर हैं। “आप” के सत्यनेंद्र जैन मनी लांड्रिंग के मामले में जेल में है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर शराब घोटाले को लेकर गंभीर आरोप हैं। ऐसे में खुद को कांग्रेस का विकल्प बनाती “आप” के लिए राह आसान नहीं होगी।

 

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