धानसभा चुनाव का प्रचार अपने चरम पर। सभी राजनैतिक दलों ने प्रचार में अपनी ताकत झोंक दी है। गुजरात में ढाई दशक से बीजेपी की सरकार है। ऐसे में ये चुनाव बीजेपी के लिए साख बनाए रखने के चुनाव हैं तो कांग्रेस के लिए सत्ता हासिल करने के लिए ।इस बार गुजरात चुनावों में पहली बार किस्मत आजमा रही आम आदमी पार्टी और ए आई एम आई एम के भी मैदान में जीत के दावे ठोंक रही है। खासकर बात करें आम आदमी पार्टी , आम आदमी पार्टी के नेता बयानों में अपनी जीत का जितना दावा कर रहे हैं उससे कहीं ज्यादा बीजेपी की हार पर जोर दे रहे हैं।
राजनैतिक जानकार गुजरात पर अपनी राय दे रहे हैं। आइए इन सबसे अलग हम आपको बताते है एक ऐसी सीट के बारे में जो गुजरात में सरकार तय करती है।
गुजरात में सरकार तय करती है ये सीट
गुजरात विधानसभा में एक सीट ऐसी है जिस पर जीतने वाला प्रत्याशी तय करता है कि सरकार किसी होगी। इसे संयोग भी कहा जा सकता है लेकिन ये हकीकत है । ये सीट है गुजरात की वलसाड़ सीट । जब से गुजरात राज्य बना है एक बार के चुनाव छोड़ इस सीट पर जीती पार्टी गुजरात पर राज करती है। वलसाड़ सीट के साथ ये संयोग गुजरात राज्य से गठन के साथ ही चल रहा है। वलसाड़ सीट 2008 के परिसीमन के बाद असत्तिव में आई इससे पहले इसे बुल्सार के नाम से जाना जाता था।
कब कब किस पार्टी के उम्मीद्वार जीते
वलसाड़ सीट पर 1962 में पहले चुनाव हुए थे। गुजरात के पहले विधानसभा चुनाव से 1975 तक कांग्रेस की सत्ता रही।
गुजरात में दो बार त्रिशंकु विधानसभा रही 1975 और 1990 में
1975 में कांग्रेस ने सिंडिकेट कांग्रेस, चिमनभाई पटले की किसान मजदूर लोकपक्ष के साथ सरकार बनाई।
- 1990 में बीजेपी ने जनता दल के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।
- 1990 में ही दौलतभाई देसाई ने बीजेपी ज्वाइन की थी और बलसाड़ से चुनाव जीता।
- दौलतभाई ने 1998, 2002 और 2008 में वलसाड़ से जीत दर्ज कराई।
- बीजेपी ने 2012 में प्रत्याशी बदलकर भरतभाई पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया।भरत भाई पटेल ने लगातार दो चुनाव जीते और बीजेपी की सरकार लगातार बनती रही।
इस बार बीजेपी के लिए जीत बड़ी चुनौती
वलसाड़ का संयोग 1972 में ये संयोग एक बार नहीं बना। जब वलसाड़ सीट से जब सिंडिकेट कांग्रेस के उम्मीदवार केशवभाई पटेल जीते । उस समय कांग्रेस के सरकार बनी लेकिन चल नहीं सकी।
इस चुनाव में बीजेपी ने वलसाड़ से भरत भाई कीकू भाई पटेल को मैदान में उतारा है जिनका सीधा मुकाबला कांग्रेस के कमल कुमार शांति लाल पटेल से है। बीजेपी के लिए एंटी इनकमबैसी बड़ी चुनौती है । कांग्रेस के साथ तो बीजेपी का सीधा मुकाबला है लेकिन इस बार मैदान में आम आदमी पार्टी भी ताल ठोक रही है। आम आदमी पार्टी की मौजूदगी जीत के समीकरण पर प्रभाव डालती है। ऐसे में वलसाड़ का संयोग बरकरार रहेगा या नहीं।