क्या नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के लिए चुनौती बनेंगे केजरीवाल?

गुजरात विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। चुनाव आयोग ने तारीख तय कर दी है। मतदान दो चरणों में 1 और 5 दिसंबर को होगा, 8 दिसंबर को मतगणना की जाएगी। यहां कभी भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई हुआ करती थी, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी भी पूरी तैयारी के साथ मैदान में नजर आ रही है। ऐसे में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार जताए जा रहा हैं। हालात ये है कि आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तो सरकार बनाने का भी दावा कर चुके हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि गुजरात में आम आदमी पार्टी कितना असर डालेगी। दिल्ली और पंजाब के बाद क्या अरविंद केजरीवाल का जादू गुजरात में चलेगा या नहीं? आइए जानते हैं।

आप की गुजरात को लेकर रणनीति

गुजरात विधानसभा चुनाव से बहुत पहले आम आदमी पार्टी ने तैयारी शुरु कर दी थी। पिछले चार महीने से पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान सिंह लगातार गुजरात का दौरा कर रहे हैं। केजरीवाल अकेले 15 से ज्यादा सभा कर चुके हैं। इनमें आप ने हर वर्ग के लोगों से संवाद करने का दावा किया है।

कई सीटों पर मुसलमान भारीए फिर भी नहीं बनाया प्रत्याशी

आप ने पहले 73 विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों का एलान किया उनमें करीब 65 प्रतिशत सीटों पर भाजपा और 35 प्रतिशत सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। करीब 12 सीटें ऐसी हैं। जहां मुस्लिम वर्ग निर्णायक भूमिका में हैं। इसके बाद भी अरविंद केजरीवाल ने इन क्षेत्रों से किसी मुसलमान को प्रत्याशी नहीं बनाया है। मांडवी सीट पर करीब 30 फीसदी मुसलमान हैं। इसके अलावा भुज में करीब 31 प्रतिशत, पाटन में करीब 24, दाणीलीमणा में 50,  वंकानेर सीट पर करीब 33, धोराजी में करीब 21, जामनगर उत्तर में करीब 20, मंगरोल में 29, महुधा सीट पर करीब 24 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं।

प्रयोग करने में जुटे केजरीवाल

दरअसल आप संयोजक केजरीवाल प्रयोग कर रहे हैं। वे जानते हैं कि केवल मुसलमानों का वोट पाकर वह सरकार नहीं बना सकते हैं। इसलिए उन्होंने इस बार चुनाव में हिंदू वोटर्स का साथ पाने की कवायद शुरू कर दी है। नोटों पर श्रीगणेश और लक्ष्मी जी की फोटो लगाने की मांग इसी का एक हिस्सा है। 

गिनाई जा रही दिल्ली और पंजाब की उपलब्धि

आम आदमी पार्टी पिछले कुछ महीने में प्रचार में जुटी है। यहां दिल्ली और पंजाब की अपनी सरकारों की उपलब्धियां गिनाई जा रही हैं। किया है। हालांकि गुजराती लोग सिर्फ प्रचार पर नहीं जाते हैं। बल्कि प्रोडक्ट को भी चेक करते हैं। ऐसे में अभी अभी आम आदमी पार्टी का पूरा फोकस सूरत और पाटीदार बहुल इलाकों पर है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया स्वयं पाटीदार आंदोलन से जुड़े रह चुके हैं। ऐसे में उन्हें पाटीदार समाज का समर्थन मिल रहा है। बता दें गुजरात में पाटीदार मतदाताओं की संख्या 15 से 17 प्रतिशत है।

किसानों की नाराजगी को भुनाएगी आप

ग्ुजरात में इन दिनों पशु पालकों और किसान मौजूदा सरकार से नाराज हैं। ऐसे में आप इन किसानों को भी अपनी ओर करने की कोशिश में जुटी है। पशु पालकों की मौजूदा सरकार से नाराजगी की वजह सरकारी आदेश बड़ा कारण है। जिसमें कहा गया है कि अगर कोई भी पशु शहरी इलाकों में दिख जाएगा तो पशु पालक पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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