Gujarat election counting: वो 10 सीट जहां मुकाबला कांटे का रहा,बीजेपी,कांग्रेस और आप ने प्रचार में बहाया था जमकर पसींना

Gujarat election counting: Those 10 seats where the contest was close now the results are on the eye counting will start in a while

गुजरात विधानसभा चुनाव में किसे हार का सामने करना पड़ेगा इसका खुलासा जल्द ही होने वाला है। विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना मतगणना जारी है। रुझानों में बीजेपी बढ़त बनाए हुए है। चुनाव के दौरान बीजेपी कांग्रेस और आप तीनों ही पार्टियों के बीच गुजरात की कई महत्वपूर्ण सीटों पर मुकाबला कांटे की टक्कर का बनाने की कोशिश की। जमकर प्रचार किया।हम बात कर रहे हैं। उन दस सीटों की जहां मुकाबला कांटे का रहा। राज्य की 10 वीआईपी सीटों में खंभालिया, घाटलोदिया, सूरत, वीरमगाम, मोरबी, मनिनगर, गोधरा, उत्तर जामनगर और दानिलिम्दा, द्वारका सीट शामिल है। यह 10 सीटें किसी भी पार्टी के नजरिए से क्यों महत्वपूर्ण हैं।बताते हैं आपको –

खंभालिया सीट

खंभालिया की बात करें तो आप ने गुजरात में इतिहास दोहराने के लिए खंभालिया सीट से सीएम चेहरे के प्रत्याशी इसुदान गढ़वी को चुनावी मैदान में उतारा है,जिनका सीधा मुकाबला कांग्रेस के विक्रम मदाम और बीजेपी के वयोवृद्ध मुलु बेरा से था।  यदि इस सीट के जातिय समीकरण की बात करें तो यहां अहिरों का वर्चस्व है और हर बार यहां अहिर समुदाय का नेता ही विधायक बनता है। इसलिए इसुदान गढ़वी के लिए यह कड़ा मुकाबला रहने वाला है। सिर्फ 1967 में कोई गैर अहिर समुदाय का व्यक्ति यहां से नेता बना था।

बीजेपी का गढ़ है घाटलोदिया

अहमदाबाद जिले की घाटलोदिया सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है। इस सीट ने गुजरात को दो मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और आनंदीबेन पटेल दिए हैं। इसलिए इस बार बीजेपी ने भूपेंद्र पटेल को ही दावेदारी सौंपी है। हालांकि यहां पाटीदार समुदाय की बहुलता है।

सूरत में मुकाबला त्रिको​णीय

हीरा नगरी सूरत की विधानसभा सीट पर इस बार आप ने मुकाबला त्रिकाणीय बना दिया है। यहां कांग्रेस और बीजेपी के साथ आप भी मैदान में है। 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने 77 सीट जीत कर बीजेपी को 99 तक ही सीमित कर दिया था। इसके अलावा यहां के नगर निकाय चुनाव में आप के भी 27 प्रत्याशी नगरसेवक बने हैं। यही वजह है कि इस सीट पर आप की अनदेखी नहीं की जा सकती है।

क्या वीरमगांव में होगा हार्दिक का स्वागत

वीरमगाम सीट से पाटीदार आंदोलन के प्रमुख नेता हार्दिक पटेल बीजेपी की ओर से चुनावी मैदान में हैं। 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर 75 हजार वोटों के साथ जीत दर्ज की थी। इसलिए इस बार कांग्रेस ने दावेदार न बदलते हुए लखाभाई भारवाड़ को ही टिकट दिया है। वहीं आप ने कुवरजी ठाकोर मैदान में नजर आए। प्रचार के दौरान भी वीरमगाम में आप, कांग्रेस और बीजेपी के बीच टक्कर दिखाई दी।

हादसे के बाद चर्चा में मोरबी

मोरबी लंबे समय से बीजेपी का गढ़ रहा है। पार्टी ने 1995 से 2012 तक लगातार सीट जीती थी। मोरबी में अच्छी खासी पाटीदार आबादी है। लिहाजा पाटीदार आंदोनल के कारण कांग्रेस को अच्छे वोट तो मिले थे लेकिन वह बीजेपी के उम्मीदवार कांति अमृतिया से मात्र 3 हजार 419 वोटों के अंतर से हार गए थे।

मणीनगर से जीत कर ही मोदी बने थे सीएम

मानीनगर की बात करें तो साल 1990 से यह सीट बीजेपी के कब्जे में है। इसी सीट से जीत कर पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने 2002, 2007 और 2014 में इस सीट पर जीत दर्ज की थी। फिलहाल बीजेपी के सुरेश पटेल  नेतृत्व कर रहे हैं।

अल्पसंख्यक बहुल गोधरा पर औवेसी की नजर

गुजरात की अल्पसंख्यक बहुल गोधरा सीट पर औवेसी की नजर रही है। गोधरा विधानसभा के क्षेत्र में 2 लाख 79 हजार मतदाता हैं। जिसमें से 72 हजार मतदाता मुस्लिम है।यही वजह है कि यहां के नगर निकाय चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी एआईएमआईएम को 7 सीटें हासिल हुई थी। हालांकि गोधरा के विधायक बीजेपी के सीके राउलजी हैं।

रिवाबा की वजह से चर्चा में उत्तर जामनगर

उत्तर जामनगर की सीट गुजरात चुनावों में मतदान ही नहीं मतगणना के दिन भी काफी चर्चा में है। क्योंकि यहां से बीजेपी ने पहली बार चुनाव लड़ रही क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा को टिकट दिया है जिनका सीधा मुकाबला कांग्रेस के बिपेंद्रसिंह जडेजा से होगा। बिपेंद्रे सिंह के चुनाव प्रचार के लिए रवींद्र जडेजा की बहन और कांग्रेस महिला विंग की प्रमुख नयनाबा जडेजा कर रही हैं।

 

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