Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा के चुनाव में सियासी दल कई वादे और दावे कर रहे हैं। दो चरणों में होने वो चुनाव के लिए कांग्रेस बीजेपी और आम आदमी पार्टी की ओर से नेताओं की रैलियों और जनसभा में बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंच रही हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं गुजरात में सियासी दलों ने कितनी महिलाओं को अपना उम्मीदवार बनाया है। सियासी दलों को महिलाओं के वोट तो चाहिए लेकिन उन्हें उम्मीदवार बनाने में सभी दलों ने कंजूसी दिखाई। आइये जानते हैं चुनाव में कितनी है महिलाओं की भागीदारी।
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी प्रमुख सियासी दलों की ओर से अपने अपने तरीकों से जीत के दावे कर रहे हैं। इसके साथ ही सभी प्रमुख पार्टियों की नजर महिला मतदाताओं पर भी लगी है। दरअसल गुजरात में करीब 50 प्रतिशत महिला मतदाता हैं। लेकिन महिलाओं को टिकट देकर उम्मीदवार बनाने की बात करें तो सियासी दलों के दावे एक बार फिर खोखले साबित होते दिख रहे है। क्योंकि राज्य के मतदताओं की संख्या चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई गुजरात की मतदाता सूची के अनुसार राज्य में कुल 4,90,89,765 मतदाता हैं। कुल मतदाताओं की बात करें तो गुजरात में 2,53,36,610 पुरुष और 2,37,51,738 महिला मतदाता पंजीकृत हैं। गुजरात में इस बार कुल 11,62,528 नए मतदाता पंजीकृत हुए हैं। जबकि इसमें 1417 ट्रांसजेंडर वोटर हैं।
चुनावी मैदान में 1621 उम्मीदवार
गुजरात विधानसभा चुनाव में महिला उम्मीदवारों की बात करें तो सियासी दल कंजूसी करते नजर आए। यहां महिला उम्मीदवारों की संख्या महज 189 है। जबकि राज्य की 182 विधानसभा सीट के लिए करीब 1,621 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। राजनीतिक दलों ने उन सीटों पर मजबूरीवश टिकट महिलाओं को दिया जो उनके लिए आरक्षित थीं। सत्तारूढ़ बीजेपी ही नहीं विपक्षी कांग्रेस ने भी हमेशा की तरह इस बार भी कुछ ही महिलाओं को टिकट देकर मैदान में उतारा है। हालांकि इस बार इन दलों की ओर से चुनाव लड़ रहीं महिला उम्मीदवारों की संख्या 2017 चुनाव की तुलना में अधिक है। बीजेपी ने 2017 में 12 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया था। इस बार पार्टी ने 18 महिलाओं को टिकट देकर मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस की बात करें तो 2017 में पार्टी ने 10 महिला उम्मीदवारों की तुलना में इस बार 14 महिलाओं को चुनावी मैदान में खड़ा किया है।
AAP से 6 महिला उम्मीदवार
वहीं आम आदमी पार्टी जो पूरे दमखम के साथ विधानसभा चुनाव में उतरी है उसने इस बार सभी 182 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। जिनमें से एक उम्मीदवार ने अपना नाम वापस ले लिया है। आप ने केवल 6 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है। जिसमें से तीन अनुसूचित जनजाति सीट पर चुनाव लड़ रही हैं। औवेसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन जो 13 सीट पर चुनाव लड़ रही है और उसने दो महिलाओं को टिकट दिया है। जिनमें एक मुस्लिम और एक दलित समुदाय की महिला है। ता बसपा ने चुनाव के लिए 13 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। गुजरात में बसपा 101 सीट पर चुनाव लड़ रही है।
पहले चरण में 70 महिला उम्मीदवार
साल 1998 में हुए विधानसभा चुनाव में सिर्फ 98 महिलाएं ही चुनाव मैदान में थीं। 2017 के चुनाव में कुल 1828 उम्मीदवार मैदान में थे। जिनमें 1702 पुरुष थे। इस बार के विधानसभा चुनाव में पहले चरण में 70 महिलाएं हैं। गुजरात चुनाव में पहले चरण के लिए एक दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। गुजरात में चुनाव आयोग के अनुसार पहले चरण के लिए 788 उम्मीदवार मैदान में हैं। जिसमें 70 महिलाएं हैं। गुजरात में पहले चरण में 89 सीटों पर मतदान होंगे।
5 चुनाव में बढ़ी महिला विधायकों की संख्या
गुजरात में पिछले पांच विधानसभा चुनावों में महिला विधायकों की संख्या तीन गुना बढ़ी है। हालांकि पुरुषों के मुकाबले यह अभी भी कम है। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में 13 महिला विधायक चुनकर आई थीं। 1998 में जब चुनाव हुआ था। तब चार महिला विधायक ही जीत पाईं थी। इस बार भी गुजरात में महिला उम्मीदवारों की संख्या पुरुषों के मुकाबले काफी कम है।
2017 में 126 महिला प्रत्याशियों ने लड़ा था चुनाव
चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि दो चरणों में 1 और 5 दिसंबर को होने वाले गुजरात चुनाव में कुल 1621 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। जिनमें से 139 महिला उम्मीदवार हैं। इन महिलाओं में से 56 निर्दलीय हैं। 2017 में हुए गुजरात में हुए चुनाव में कुल 1828 उम्मीदवारों में से 126 महिला उम्मीदवार थीं। उस साल गुजरात ने 13 महिला उम्मीदवारों को विधानसभा भेजा था। इसमें बीजेपी की 9 और कांग्रेस की 4 महिला उम्मीदवार थीं।
2017 में जमानत भी नहीं बचा पाईं थी 104 महिलाएं
पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव में 169 पुरुष जीते थे। गुजरात विधानसभा में कुल 182 सीटें हैं। गुजरात में 2017 के विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक महिला उम्मीदवार मैदान में उतरी थीं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार 126 महिलाएं मैदान में थीं। हालांकि यह बात अलग है कि इनमें से 104 महिला उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। गुजरात में उम्मीदवारों की संख्या भी बढ़ी है।
क्या कहती हैं महिला प्रत्याशी
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों ने इस बार दलित एवं जनजातीय समुदायों की अपेक्षाकृत अधिक महिला उम्मीदवारों को चुनावी दौड़ में उतारा है। वड़ोदरा की सयाजीगंज सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अमी रावत बताती हैं कि महिलाओं का प्रतिनिधित्व तब बढ़ेगा, जब संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला विधेयक पारित होगा। जबकि बीजेपी की राज्य महिला शाखा की प्रमुख दीपिकाबेन सर्वदा का कहना है कि उनकी पार्टी पहले से ही अध्यक्ष समेत महत्वपूर्ण पद देकर महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की दिशा में काम कर रही हैं।