93 सीटों में भाजपा ने 51 व कांग्रेस ने 39 सीटें जीती थीं
गुजरात विधानसभा चुनाव में पहले चरण में 89 सीटों पर मतदान हो चुका है। अब दूसरे चरण की तैयारी की जा रही है। दूसरे चरण में 93 सीटों पर 5 दिसंबर को मतदान होगा। तो वहीं 8 दिसंबर को मतगणना होगी। इसी हिमाचल प्रदेश में भी मतगणना होगी। पहले चरण के मतदान के दौरान ही प्रधानमंत्री मोदी के रोड शो के जरिए भाजपा ने पांच दिसंबर को दूसरे चरण की सीटों के मतदान के लिए अपनी तैयारी साफ कर दी। इस चरण की 93 सीटों में भाजपा ने 51 व कांग्रेस ने 39 सीटें जीती थीं।
कांग्रेस के लिए भी अहम है दूसरा चरण
बता दें गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में लगभग 50 किलोमीटर लंबा रोड शो किया था। इस चरण में जिन सीटों में चुनाव होना है उनमें प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का क्षेत्र भी शामिल है। ऐसे में भाजपा के लिए यह चरण प्रतिष्ठा के साथ अपनी चुनावी बढ़त को मजबूत करने के लिए भी अहम होगा। उत्तर गुजरात वो इलाका है जहां भाजपा 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से पिछड़ गई थी। ऐसे में कांग्रेस के लिए भी यह चरण काफी अहम है।
पुष्पांजलि के जरिए वोट पर नजर
प्रधानमंत्री के रोड शो को भाजपा ने इस बार नया आयाम दिया। करीब तीन घंटे से ज्यादा समय तक चले इस रोड शो को भाजपा नेताओं ने प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि कार्यक्रम नाम दिया था। जिसमें रास्ते में विभिन्न महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया था। इस रोड षो के जरिए भाजपा दूसरे चरण की 93 सीटों को अपने कब्जे में करने की तैयारी में जुटी है। दूसरे चरण में 14 जिलों की 93 सीटों पर मतदान होना है। इनमें एक बड़ा हिस्सा मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा से लगा है। इन सीटों में आदिवासी बहुल पंचमहल क्षेत्र भी शामिल है। साथ ही गुजरात की राजधानी गांधीनगर, अहमदाबाद, वडोदरा जैसे बड़े शहर और श्वेत क्रांति के लिए मशहूर आणंद भी इस चरण में शामिल है। भाजपा की रणनीति इस क्षेत्र में अपनी पकड़ को और मजबूत करने की है। पिछले चुनाव के बाद कांग्रेस के कई प्रमुख नेता भी भाजपा में शामिल हुए हैं। इनमें आदिवासी नेता मोहन भाई राठवा प्रमुख हैं।
उत्तर गुजरात में भाजपा की परीक्षा
कांग्रेस भी दूसरे चरण में होने वाले चुनावी क्षेत्र में खासकर उत्तर गुजरात में अपनी पिछली पकड़ को बरकरार रखने की कोशिश करेगी। तो ये इलाका भाजपा के लिए परीक्षा से कम नहीं । क्योंकि पिछली बार यहां भाजपा को कम सीटें मिली थी। राजस्थान से लगने वाले क्षेत्र में कांग्रेस को खासी उम्मीद है। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार और वहां के सीएम अशोक गहलोत कांग्रेस का चुनाव प्रबंधन भी संभाल रहे हैं। ऐसे में उनके लिए भी यह क्षेत्र अहम है। सीमावर्ती इस क्षेत्र में दोनों राज्यों के मुद्दे और रिश्ते काफी असर रखते हैं। वहीं 2023 में राजस्थान ओर मध्य प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव होना है। इस की दृष्टि से भी यह क्षेत्र कांग्रेस भाजपा के लिए अहम है।
एंटी इंकमबेंसी से बचने काटा 38 विधायकों का टिकट
विधानसभा चुनाव से बहुत पहले भाजपा इसकी तैयारी में जुट गई थी। पिछले नौ महीनों में दो लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स गुजरात को मिलेA इससे भी पार्टी काफी खुश है। किसी भी एंटीइंकमबेंसी से बचने के लिए पार्टी ने अपने 38 विधायकों के टिकटों को काटे थे। है। उनके स्थान पर नये चेहरों को मौका दिया गया। जिससे जनता का विश्वास जीता जा सके। अब तक बीजेपी का गुजरात में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2002 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में था। जब मोदी राज्य के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। तब पार्टी को 127 सीटें मिली थीं। जबकि 1985 में माधवसिंह सोलंकी के नेतृत्व में कांग्रेस को अब तक की सबसे अधिक 149 सीट मिली थीं। लेकिन 2002 के बाद लगातार भाजपा का ग्राफ नीचे आया है। जो उसके लिए चिंता का सबब बना हुआ है।