गुजरात विधानसभा चुनाव, क्या हैं बीजेपी की मुश्किलें

क्या 'आप' दिखाएगी चमत्कार, किसकी बनेगी सरकार

Gujarat Assembly Elections and Election Commission

 

गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान अब कभी भी हो सकता है। गुजरात में इस बार बीजेपी के सामने न सिर्फ जीतने की चुनौती होगी बल्कि पिछला प्रदर्शन सुधारने की भी होगी। निर्वाचन आयोग की ओर से हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव का ऐलान करने के साथ ही सभी की निगाहें गुजरात पर टिक गई  हैं। वैसे तो बुधवार सुबह से ही अटकलें लगाईं जा रही थीं कि निर्वाचन आयोग चुनाव की तारीख घोषित कर सकता है लेकिन बुधवार देर शाम तक आयोग की खामोशी ने सबको मायूस कर दिया। अब एक बार फिर से गुरुवार को चुनावी तारीख के ऐलान की अटकलें लगाई जा रही है।

पिछली बार 25 अक्टूबर को हुआ था ऐलान इस

कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव आयोग 3 नवंबर को गुजरात में विधानसभा चुनाव के संबंध में कोई बड़ा ऐलान कर सकता है या फिर चुनाव की तारीख के ऐलान में और देरी होगी। बता दें गुजरात में विधानसभा की 182 सीटें हैं। यहां सत्ता हासिल करने के लिए जादूई आंकड़ा 92 सीटों का है। जिस पार्टी के पास 92 सीटें होंगी वो सत्ता संभालेगी। बता दें पिछली बार 2017 राज्य के बनासकांठा क्षेत्र में आई बाढ़ की वजह से विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान देर से किया गया था। हालांकि चुनाव आयोग की ओर से पिछली बार 25 अक्टूबर को चुनाव की तारीख घोषित की थी। 2017 में चुनाव दो चरणों में संपन्न कराए गए थे। लेकिन इसबार 2022 के प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में अभी तक सिर्फ अटकलें ही लगाई जा रही हैं। चुनाव आयोग का दल 16 से 18 अक्टूबर के बीच गुजरात का दौरा कर चुका है। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि दीपावली के बाद चुनावी तारीखों का ऐलान हो सकता है, लेकिन अब तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। जिससे  गुजरात में चुनाव को लेकर सियासी पार्टियों की धड़कनें बढ़ गई हैं।

मोरबी हादसा हो हो सकता है देरी की वजह

गुजरता के मोरबी में हुआ ब्रिज हादसा अब चुनावी तारीख के ऐलान में देरी की वजह माना जा रहा है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि मोरबी पुल हादसे के बाद चुनाव की तारीख और आगे बढ़ सकती है, क्योंकि फिलहाल सरकार का पूरा ध्यान हादसे से जुड़े मुद्दों पर ही है। यह भी दूसरी वजह हो सकती है। बता दें गुजरात में 14वीं विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2023 को पूरा होने वाला है। चलते चुनाव आयोग के पास अभी काफी वक्त है। बता दें कि पिछला 2017 का विधानसभा चुनाव 9 से 14 दिसंबर 2017 के बीच हुआ था और मतगणना 18 दिसंबर 2017 को हुई थी।

बीजेपी,कांग्रेस और आप में मुकाबला

गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीख भले ही अब तक घोषित न की गई हों लेकिन राज्य में सियासी पारा चढ़ गया है। इस बार कांग्रेस बीजेपी ही नहीं आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में पूरे दमखम के साथ उतरने वाली है। ऐसे मं आम आदमी पार्टी के मैदान में आने से से चुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय होने के साथ ही रोचक भी होगा। तारीखों के ऐलान से पहले भाजपा, कांग्रेस, आप सहित क्षेत्रिय दल मतदाताओं को लुभाने में जुटे हैं। राजनैतिक पंडितों का कहना है आम आदमी पार्टी के चुनाव मैदान में उतरने से कुछ सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है।

99 सीट के साथ 2017 में बीजेपी ने बनाई थी सरकार

पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बहुमत मिला था। छठी बार बीजेपी ने गुजरात में सरकार बनाई थी। दो चरणों में हुए चुनावों में पहले चरण में 65.75 और दूसरे चरण में 69.99 फीसदी मतदान हुआ था। 2017 के चुनाव में कुल 68.41 प्रतिशत मतदान हुआ था। राज्य की 182 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 99 सीटों पर जीत दर्ज की थी  और कांग्रेस को सिर्फ 78 सीट ही मिली थी जबकि एनसीपी को एक सीट मिली थी तो भारतीय ट्राइबल पार्टी को दो और निर्दलीय उम्मीदवार भी 3 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे।

बीजेपी के सामने प्रदर्शन सुधारने की चुनौती

गुजरात में इस बार बीजेपी के सामने न सिर्फ जीतने की चुनौती होगी बल्कि पिछला प्रदर्शन सुधारने की भी होगी। बीजेपी को राज्य में पिछले चुनाव में 99 सीट मिली थी। अब बीजेपी का प्रदर्शन कैसा रहेगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन फिलहाल इन बातों पर भी कयास लगने हैं कि अगर बीजेपी जीतती है तो उनका सीएम कौन होगा। न सिर्फ बीजेपी बल्कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अगर चमत्कार करते हुए जीत जाती है तो किसे सीएम बना सकती है। इसे लेकर भी कुछ नामों पर चर्चा हो रही है।

कौन हो सकते हैं सीएम पद के चेहरे

बीजेपी से भूपेंद्र भाई पटेल– राज्य में मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल ही बीजेपी की ओर से आगे भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे। पार्टी उन्हीं को जीत के बाद सीएम बना सकती है। 2017 में भी ऐसा ही हुआ था। चुनाव से 15 महीने पहले विजय रूपाणी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया था। उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव हुए थे। पार्टी ने जीतने के बाद उन्हें फिर से सीएम बनाया गया था।

कांग्रेस से जगदीश भाई मोतीजी ठाकोर-  विपक्ष में बैठी कांग्रेस इस बार सत्ता में आने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। राज्य में पार्टी के नेता बीजेपी के खिलाफ माहौल बना रहे हैं। किस तरह बीजेपी के किले में सेंध लगाई जाए इसे लेकर रणनीति बनाई जा रही है। अगर अपनी रणनीति में कांग्रेस सफल रहती है और राज्य में सरकार बनाती है तो जो शख्स कांग्रेस की तरफ से राज्य सीएम फेस की रेस में आगे है वो हैं जगदीश भाई मोतीजी ठाकोर। ठाकोर गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। इसके अलावा कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल, जिग्नेश मेवानी और कुछ अन्य नेता भी इस दौड़ में बने हैं।

आप के गोपाल इटालिया – इस बार आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव में खासा जोर लगा रही है। दिल्ली के बाद पंजाब में मिली जीत ने आप को उत्साहित कर दिया है। ऐसे में गुजरात में भी पार्टी पूरा जोर लगा रही है। जिसके चलते इस बार चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार बन रहे हें। अगर पंजाब की तरह गुजरात में भी आप चमत्कार में दोहराने में कामयाब होती है तो पार्टी की तरफ से सबसे पहला सीएम नाम जो सामने आ रहा है वो है गोपाल इटालिया।  इटालिया पाटीदार समुदाय के नेता हैं। गुजरात में पाटीदार नेताओं का वोट बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे में अगर आम आदमी पार्टी जीतती है तो इसमें गोपाल इटालिया का बड़ा योगदान होगा।

Exit mobile version