Gujarat Assembly Election:89 सीटों पर पहले चरण  का  ‘रण’, दस सीट जहां जीत-हार तय करेगी सियासी कद

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1 दिसंबर को EVM में कैद होगी की किस्मत

Gujarat Assembly Election:गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण का चुनाव प्रचार मंगलवार को समाप्त हो चुका है। गुरुवार 1 दिसंबर को पहले चरण की 89 सीटों पर मतदान होगा। पहले चरण में सौराष्ट्र की 48 सीटों के साथ कच्छ की आधा दर्जन सीटें और दक्षिण गुजरात की 35 सीटें शामिल हैं। इन 89 सीटों पर 788 उम्मीदवार मैदान में हैं। जिनकी किस्मत 1 दिसंबर को EVM में कैद हो जाएगी। पहले चरण की 89 सीटों में वैसे तो कई वीआईपी सीटें शामिल हैं। जहां मौजूदा बीजेपी की सरकार के मंत्री और बड़े नेता चुनावी रण में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। लेकिन इससे हटकर  पोरबंदर, वराछा रोड, राजकोट पूर्व, खंभालिया, मोरबी, कुटियाणा, भावनगर,  गोंडल, कतारगाम और वसंदा सीटों को अहम माना जा रहा है।

भावनगर पश्चिम में मंत्री वाघाणी की AAP ने की घेराबंदी

भावनगर पश्चिम सीट से गुजरात सरकार में शिक्षा मंत्री जीतू वाघाणी चुनाव मैदान में फिर से उतरे हैं। वे 2012 से लगतार इस सट पर कब्जा बनाए हुए हैं लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी ने जीतू वघाणी की घेरेबंदी के लिए सामाजिक कार्यकर्ता राजू सोलंकी को मैदान में उतारा है। राजू सोलंकी आम के नए पोस्टर ब्वॉय भी हैं। 2017 में वघाणी 27185 मत से चुनाव जीते थे। इस बार लड़ाई त्रिकोणीय है। कांग्रेस की ओर से किशोर सिंह गोहिल मैदान में हैं। ऐसे में शिक्षा और स्वास्थ्य को मुद्दा बनाने वाली आप क्या जीतू वाघाणी को शिकस्त दे पाएगी या फिर वाघाणी फिर से विधानसभा पहुंचेंगे। इस पर सभी की नजरें हैं।

हर चुनाव में चर्चा पोरबंदर की

पोरबंदर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्मस्थली है। यह सीट हर चुनाव में काफी चर्चा में रहती है। दरअसल गुजरात के दो बड़े नेताओं की सियासी लड़ाई इसकी वजह है। 2017 के चुनाव में बीजेपी के बाबूभाई बोखरिया ने कांग्रेस के दिग्गज नेता अर्जुन मोढवाड़िया को हराया था। मोढवाड़िया की लगातार दूसरी हार थी। इस बार फिर से दोनों नेता चुनावी रण में आमने सामने हैं। पिछला मुकाबला काफी करीबी रहा था और बाबूभाई सिर्फ 1855 वोट से चुनाव में जीत दर्ज कर पाए थे। इस बार क्या अर्जुन मोढवाड़िया नतीजा बदल पाएंगे इस पर सभी नजर लगी है।

जामनगर उत्तर-मैदान में क्रिकेटर रवींद्र जाडेजा की पत्नी

जामनगर उत्तर की सीट पर 2017 में बीजेपी की ओर से धर्मेंद्र सिंह जाडेजा विधायक चुने गए थे। लेकिन इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकार क्रिकेटर की पत्नी रिवाबा जाडेजा को मैदान में उतार दिया है। रिवाबा 2019 के लोकसभा चुनावों के समय बीजेपी में शामिल हुई थी। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी। उनका मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार बिपेन्द्र सिंह जाडेजा से है। यह सीट हाई प्रोफाइल मुकाबले से ज्यादा पारिवारिक मतभेद के लिए चर्चा में है। क्यों रिवाबा के सामने उनकी ननद नैया जाडेजा कांग्रेस में हैं और मुश्किलें बढ़ा रही हैं तो वहीं अब उनके ससुर और रवींद्र जाडेजा के पिता ने भी बहु के विरोध में उतरने का फैसला किया है। ऐसे में यह सीट अहम हो गई है।

खंभालिया से AAP के सीएम उम्मीदवार मैदान में

इसुदान गढ़वी आम आदमी पार्टी के गुजरात में सीएम फेस हैं। इस सीट से उतरने के चलते खंभालिया सीट चर्चा में है। ओबीसी वर्ग से आने वाले इसुदान राजनीति में आने से पहले तक पत्रकार थे, लेकिन चुनावी रण में उन्हें काफी कड़ी टक्कर मिल रही है। बीजेपी ने इस सीट से मुलुभाई बेरा को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक विक्रम माडम पर भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा है। द्वारका जिले में आने वाली इस सीट पर पिछले कई दशक से सिर्फ अहीर समाज के प्रत्याशी को जीत मिली है। ऐसे में इसुदान गढ़वी क्या जाति बंधन तोड़कर पाएंगे? या फिर उन्हें पहली बार उलट नतीजे का शिकार होना पड़ेगा। इस पर सभी की नजरें लगी हुई हैं।

मोरबी-बीजेपी को हो सकता है हादसे से नुकसान

विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले मोरबी में हुआ ब्रिज हादसा बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकता है।  इसके चलते मोरबी विधानसभा सीट के नतीजे पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। बीजेपी ने अपने मौजूदा विधायक और मंत्री ब्रजेश  मेरजा का टिकट काटकर यहां से पूर्व विधायक कांतिलाल अमृतिया को मैदान में उतारा है। 2017 के चुनाव में ब्रजेश मेरजा ने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थीए लेकिन बाद में वे बीजेपी में चले गए थे। इसके बाद 2020 में उपचुनाव हुआ था। इसमें मेरजा जीते थे। अब वे मैदान में नहीं है। ऐसे में बीजेपी के उम्मीदवार कांतिलाल अमृतिया क्या बीजेपी के लिए सीट बचा पाएंगे। इसको लेकर दिलचस्पी है।

पाटीदारों का गढ़ है वराछा रोड

वराछा रोड सीट को पाटीदारों का गढ़ माना जाता है। यह सीट काफी ज्यादा चर्चा में हैं। क्योंकि आप ने यहां पाटीदार आंदोलन के प्रमुख चेहरे अल्पेश कथीरिया को मैदान में उतारा दिया है। बीजेपी से पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक किशोर कनाणी चुनाव मैदान में हैं। दोनों के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है। अल्पेश कथीरिया सौराष्ट्र से ताल्लुक रखते हैं। अक्तूबर में आम आदमी पार्टी से जुड़े अल्पेश पाटीदार आंदोलन में हार्दिक के बाद नंबर 2 के नेता थे। ऐसे देखना होगा कि अल्पेश क्या किशोर कनाणी का किला भेद पाते हैं या फिर से कमल खिलेगा?

गोंडल में दो क्षत्रिय परिवारों के वर्चस्व की जंग

राजकोट जिले की गोंडल सीट दो क्षत्रिय परिवारों के वर्चस्व की जंग के चलते हमेशा सुर्खियों में रहती है। बीजेपी ने  मौजूदा विधायक गीताबा जाडेजा को मैदान में उतारा है। गीताबा पूर्व विधायक जयराज सिंह जाडेजा की पत्नी हैं। दूसरी तरफ टिकट नहीं मिलने पर पूर्व विधायक महिपत सिंह जाडेजा के बेट अनिरुद्ध सिंह जाडेजा नाराज हैं। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान किया है। ऐसे में इस सीट पर बीजेपी की आसान नही होगी।

कतारगाम से मैदान में आप के अध्यक्ष

कभी आरक्षक कांस्टेबल और क्लर्क की नौकरी कर चुके गोपाल इटालिया को आम आदमी पार्टी ने अपना प्रदेश अध्यक्ष ही नहीं बनाया बल्कि कतारगाम सीट से चुनाव मैदान में भी उतारा है। पाटीदार वोटरों की अच्छी संख्या वाली इस सीट पर उनका मुकाबला बीजेपी नेता वीनू मोरडिया से है। वीनू मोरडिया का यहां प्रभाव माना जाता है। वीनू मोरडिया और गोपाल इटालिया की आमने सामने की टक्कर को लेकर यह सीट चर्चा में है तो वहीं कांग्रेस ने इस सीट से कल्पेश वारिया को प्रत्याशी बनाया है। प्रचार के दौरान तीनों पार्टियों ने जमकर मेहनत की है। अब देखना यह है कतारगाम में किसका डंका बजता है।

राजकोट पूर्व पर क्या राज्यगुरू फिर कर पाएंगे कब्जा?

राजकोट जिले की पूर्व सीट पर कांग्रेस के नेता इंद्रनील राज्यगुरू मैदान में है। क्या वे फिर से कब्जा कर पाएंगे यह सवाल का उत्तर चाहिए लेकिन इंतजार करना होगा। धनकुबेर इंद्रनील आप से कांग्रेस में वापसी करने के बाद यहां से लड़ रहे हैं। पिछली बार यह सीट बीजेपी के खाते में गई थी और यहां अरविंद रैयाणी जीते थे। जबकि 2012 में इस सीट पर इंद्रनील ने जीत हासिल की थी। बीजेपी ने इस बार यहां से उदय कनगड़ और आप ने राहुल भुवा को उतारा है।

वसंदा में राहुल के करीबी अनंत फिर मैदान में

नवसारी जिले की वसंदा सीट अनूसचित जनजाति के लिए आरक्षित है। यह सीट वलसाड लोकसभा क्षेत्र में लगती है। इसपर फिलहाल कांग्रेस के युवा नेता अनंत पटेल विधायक हैं। ट्यूशन टीचर से विधायक बने अनंत पटेल के सामने इस बार फिर से जीत हासिल करने की चुनौती है। क्या वे फिर से जीत पाएंगेघ् इसके लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। वहीं बीजेपी ने राहुल गांधी के करीबी युवा नेता की घेराबंदी के लिए पियूष पटेल को उतारा है। पियूष पटेल मामलतदार की नौकरी छोड़कर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं आम आदमी पार्टी ने पंकज पटेल को मैदान में उतारा है। राहुल गांधी ने गुजरात में जो रैलियां की थी। उसमें एक रैली महुवा में अनंत पटेल के लिए की थी। ऐसे में इस सीट का नतीजा अहम माना जा रहा है।

कुटियाणा-क्या लेडी डॉन का बेटा लगाएगा हैट्रिक?

पोरबंदर की कुटियाणा सीट से लगातार दो बार से विधायक हैं। कांधल जाडेजा गुजरात की लेडी डॉन कही गई संतोकबेन जाडेजा के बेटे हैं। पिछली दो बार वह एनसीपी की टिकट पर जीते थे, लेकिन इस बार वे समाजवादी पार्टी के चिन्ह साइकिल पर लड़ रहे हैं। कांधल जाडेजा का इस इलाके में अच्छा प्रभाव है, हालांकि उन पर कई आपराधिक केस भी दर्ज हैं। बीजेपी की ओर से ढेलीबेन आढेदरा मैदान में हैं। बीजेपी को उम्मीद है कि महिला प्रत्याशी होने का लाभ मिलेगा। अब देखना यह है कि वाकई में कांधल जाडेजा को वह हैट्रिक बनाने से रोक पाती हैं या फिर कांधल कितनी साइकिल दौड़ा पाते हैं।

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