गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 93 सीटों पर मतदान जारी है। यहां 833 उम्मीदवार मैदान में हैं। दूसरे चरण में मध्य गुजरात – उत्तर गुजरात का इलाका बीजेपी ही नहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के लिए भी खासा अहम माना जा रहा है। दरअसल इन 93 सीटों में से 54 सीट ऐसी है जो ग्रामीण अंचल की हैं तो वहीं 39 सीट शहरी क्षेत्र से हैं।जिनमें अहमदाबाद और वडोदरा सहित शहरी इलाकों में बीजेपी अग्निपरीक्षा के दौर से गुजर रही है। उधर उत्तर गुजरात को कांग्रेस का परंपरागत गढ़ माना जाता है जो ओबीसी बाहुल्य इलाका भी है। दूसरे चरण की 93 सीटों मे से कांग्रेस 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। उसने अपने सहयोगी दल एनसीपी के लिए दो सीट छोड़ दी है। बीटीपी 12 और बीएसपी 44 सीटों पर चुनावी मैदान में है।
बीजेपी के कब्जे में 93 में से 51 सीट
गुजरात के दूसरे चरण में मध्य गुजरात की 61 और उत्तर गुजरात की 32 सीटों पर मतदान हो रहा है। दौर कांग्रेसए बीजेपी और आम आदमी पार्टी तीनों के लिए कठीन परीक्षा का दौर है। पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव बीजेपी ने इन 93 सीटों में से 51 सीट पर कब्जा किया था। जबकि कांग्रेस के खाते हमें 39 सीट ही आई थी। तीन सीटें निर्दलीय के खाते में गई थी। जिसमें से बीटीपी ने दो और एक सीट निर्दलीय के रुप में जिग्नेश मेवानी ने जीत हासिल की थी।
क्या मध्य गुजरात में बचेगा बीजेपी का गढ़?
दूसरे चरण की सीटों को क्षेत्रीय आधार पर आंकलन करें तो मध्य गुजरात को बीजेपी का गढ माना जाता है। यहां 61 में से 37 सीटों पर पिछले चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की थी। 22 सीट कांग्रेस को मिली थीं। अन्य के खाते में दो सीटें थी। उत्तर गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर हुई थी। पिछले चुनाव में यहां की 32 में से 17 सीटें कांग्रेस के खाते में गई थी तो 14 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी। एक सीट पर कांग्रेस समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार जिग्नेश मेवानी ने जीत हासिल की थी।
गांव में अब भी नजर आती है कांग्रेस
गुजरात में कांग्रेस दो दशक से सत्ता से बाहर है, लेकिन उत्तर गुजरात और मध्य गुजरात के ग्रामीण अंचल की सीटों पर कांग्रेस ने पकड़ हमेशा से मजबूत बनाए रखी है। पिछले 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिहाज से इन दोनों इलाकों की ग्रामीण क्षेत्रों की सीटों पर काफी बेहतर नतीजे आए थे। उत्तर गुजरात में कांग्रेस का प्रदर्शन बीजेपी के मुकाबले बेहतर रहा था। कांग्रेस को बीजेपी से तीन सीटें अधिक मिली थीं और एक सीट पर उसके समर्थित निर्दलीय जीता था।
शहर पर बीजेपी का जनाधार
उत्तर गुजरात में कांग्रेस का पल्ला भारी रहा था जबकि दक्षिण गुजरात में बीजेपी ने एकतरफा जीत दर्ज की थी। मध्य गुजरात सीटों के लिहाज से सबसे बड़ा इलाका है। यहां अहमदाबाद और वडोदरा जैसे बडे़ जिले याामिल है जो भाजपा का गढ़ माने जाते हैं। अहमदाबाद में सबसे ज्यादा 21 और वडोदरा में 10 सीटें आती हैं। अहमदाबाद की 21 में से 15 सीट और वडोदरा की 10 में से 8 सीटों पर बीजेपी को जीत हासिल हुई थी। लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी यहा पूरा दम लगा रही है।
33 पर ओबीसी 15 पर पाटीदार
गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 93 सीटों में 33 सीटों पर पिछड़ावर्ग की निर्णायक भूमिका है। वहीं 15 सीट ऐसी हैं जो पाटीदार बहुल हैं। यहां पाटीदार समाज ही जीत हार का फैसला करता है। इसे पूर्व सीएम शंकरसिंह वाघेला का भी गढ़ माना जाता है। शंकर सिंह वाघेला कांग्रेस के साथ है।
युवा तिकड़ी की परीक्षा
दूसरे चरण में में गुजरात के कई कद्दावर नेताओं के भाग्य का फैसला होना है। यहां प्रदेश के युवा नेता हार्दिक पटेलए अल्पेष ठाकोर और जिग्नेश मेवानी के लिए इम्तिहान की घड़ी है। बता दें घाटलोडिया सीट से सीएम भूपेंद्र पटेल मैदान में हैं। तो वीरमगाम से बीजेपी ने हार्दिक पटेल को मैदान में उतारा है। गांधीनगर दक्षिण से अल्पेश ठाकोर चुनाव मैदान में हैं। वडगाम सीट पर दलित नेता जिग्नेश मेवानी को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है तो जैतपुर सीट से विपक्ष के नेता सुखराम राठवा चुनाव लड़ रहे हैं। वाघोडिया सीट पर बीजेपी के बागी नेता मधु श्रीवास्तव निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।