दिल्ली- ज्ञानवापी मस्जिद के बीच कुतुबमीनार परिसर में पूजा की मांग करने वाली याचिका पर मंगलवार को होने वाली सुनवाई टल गई है. अब यह सुनवाई इसी महीने की 24 तारीख को होगी. याचिका में दावा किया गया है कि हिंदू और जैन धर्म के 27 मंदिरों को तोड़कर कुव्वत- उल इस्लाम मस्जिद को बनाया गया है. इसके लिए अब वहां फिर से मुर्तियां स्थापति की जाएं और पूजा करने की इजाजत दी जाए. इस याचिका पर अब 24 मई को सुनवाई होगी.
10 मई को किया था प्रदर्शन
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है मस्जिद परिसर में हिंदू और जैन धर्म के 27 मंदिर हैं. इस मामले में एक पक्ष की दलील है कि कुतुब मीनार के अंदर बनी मस्जिद हिन्दू और जैन धर्म के 27 मंदिरों को तोड़कर बनाई है. इससे पहले बीते 10 मई को हिंदूवादी संगठनों ने कुतुब मीनार के सामने प्रदर्शन कर पूजा अर्चना की मांग की थी.
विष्णु स्तंभ होने का दावा
यूनाइटे हिंदू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भगवान गोयल का दावा है कि कुतुब मीनार विष्णु स्तंभ है. जिसे महान राजा विक्रमादित्य ने बनाया था. उन्होंने यह भी कहा कि कुतुब-उद-दीन ऐबक ने इसका श्रेय लेने के लिए परिसर में 27 मंदिरों को नष्ट कर दिया. उनका यह भी कहना है कि इन सबके प्रमाण उपलब्ध हैं क्योंकि कुतुब मीनार परिसर में रखी हुई हिंदू देवताओं की मूर्तियों को लोग देख सकते हैं. उन्होंने यह भी मांग की है कि कुतुब मीनार को विष्णु स्तम्भ नाम दिया जाए.
आपको बता दें कि बीते होने दिल्ली की साकेत कोर्ट ने कुतुब मीनार से भगवान गणेश की दो मूर्तियां को हटाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की थी. अदालत का कहना था कि, अपील करने वाले की चिंता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
साल 1193 में बनी थी मीनार
दिल्ली के पर्यटन विभाग के मुताबिक कुतुब मीनार 73 मीटर ऊंची मीनार है. जिसे दिल्ली के अंतिम हिंदू सामाज्य की हार के तुरंत बाद कुतुब-उद-दीन ऐबन ने साल 1193 में बनाया था.