अयोध्या में होने जा रहे भगवान श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर राम भक्त अति उत्साहित हैं। अपने आराध्य के प्राण प्रतिष्ठा के इस उत्सव के पल में शामिल होने के लिए देश ही नहीं बल्कि सात समंदर पार बैठे लोग भी उत्साहित हैं। इनमें वह भी हैं जिनके पूर्वजों ने राम मंदिर आंदोलन को जन आंदोलन बनाया था। ऐसा ही एक नाम है आचार्य गिरिराज किशोर का।
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री रहे आचार्य गिरिराज किशोर ने राम मंदिर आंदोलन को जन आंदोलन बनाया था। उनका निधन 9 साल पहले हो गया था। अब राम मंदिर में रामलला विराजमान होने जा रहे हैं तो उनकी तीसरी पीढ़ी इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए अमेरिका से अयोध्या पहुंचेगी। अयोध्या में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयार कराए गए निमंत्रण पत्र के 13वें पेज पर आचार्य गिरिराज किशोर जी के योगदान को ट्रस्ट ने अंकित किया है। ट्रस्ट ने लिखा है कि आचार्य गिरिराज किशोर का राम जन्मभूमि आंदोलन में अहम योगदान था। आचार्य गिरिराज किशोर ने रामजन्मभूमि आंदोलन के लिए अपना जीवन समर्पण कर दिया। आचार्य गिरिराज किशोर जी के परिवार में वर्तमान में तीसरी पीढ़ी के रूप में उनके पोते आशुतोष आचार्य अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शिरकत करेंगे। आशुतोष ने बताया जब से निमंत्रण मिला है उनको खुशी के कारण नींद नहीं आ रही है। बाबा जब थे हमेशा एक सपना देखते थे कि उनके राम कब अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। उन्होंने बताया कि वे 20 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगे और 22 जनवरी को होने वाली भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को अपनी आंखों से देखेंगे।
दोपहर 12.20 से 1 बजे तक होगी प्राण प्रतिष्ठा
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्य और उससे पहले के सभी कार्यक्रम की जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से लेकर 1 बजे तक प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आरएसएस प्रमुख डॉ.मोहन भागवत और ट्रस्ट के अध्यक्ष अपने विचार रखेंगे। वहीं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अयोध्या में मंदिर निर्माण कार्यशाला में बताया कि प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त काशी के प्रकांड विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ की ओर से तय किया गया है जबकि प्राण प्रतिष्ठा का कर्मकांड वाराणसी के महंत लक्ष्मीकांत दीक्षित करेंगे। प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन गर्भगृह में पीएम नरेन्द्र मोदी के अलावा यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ और ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा ट्रस्ट के सभी सदस्य और करीब 150 संत के साथ धर्माचार्य मौजूद रहेंगे। भारत में हर तरह की रक्षा तैनात रहने वाले पुलिस जवानों से लेकर पैरा मिलिट्री फोर्स के अधिकारी ही नहीं साहित्यकार शामिल होंगे। मंदिर निर्माण करने वाली एलएंडटी के साथ टाटा के इंजीनियर्स और मंदिर निर्माण में करीब 100 लोग मौजूद रहेंगे। इसके अलावा शैव, वैष्णव और सिख, कबीर पंथी, बौद्ध जैन, इस्कॉन, राम कृष्ण मिशन, गायत्री परिवार, गुजरात स्वामी नारायण, राधा स्वामी और लिगायत के धर्मात्मा रहेंगे।
पवित्र नदियों के जल से होगा अभिषेक
भारत की सभी मुख्य पवित्र नदियों के जल से प्रभु श्री राम का जलाभिषेक किया जाएगा। यह पवित्र जल अयोध्या आ चुका है। सभी नदियों के जल से रामलला का अभिषेक किया जाएगा। इसके अलावा नेपाल में जहां राम जी की ससुराल और छत्तीसगढ़ जहां उनका ननिहाल है वहां से भी उपहार आए है। राजस्थान के जोधपुर से बैलगाड़ी पर घी आया है।
पूजा के दौरान बजेंगे विभिन्न वाद्य यंत्र
भारत में जितने प्रकार के वाद्य यंत्र है उन्हें रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन बजाया जायेगा। उत्तर प्रदेश की बांसुरी और ढोलक तो छतीसगढ़ का तंबूस, बिहार का पखावज तो दिल्ली की शहनाई और राजस्थान का रावण हत्था के साथ बंगाल का श्री खोल जैसे वाद्य यंत्र पूजा के दौरान बजाए जाएंगे।