वैसे तो फूलों की खूश्बू सबको पसंद आती है। फूल सबको पसंद आते हैं। फूलों की खेती भी इन दिनों बहुत किसान कर रहे हैं। हम पको बता दें कि अगर आप फूलों की खेती करना चाहते हैं तो सूरजमुखी की खेती करें। सूरजमुखी मतलब की सनफ्लावर । सनफ्लावर की खेती एक बार मे आपको चार गुना फायदा देती है। आइए विस्तार से समझातें हैं की सनफ्लावर की खेती कैसे की जाती है और कितना फायदेमंद हैं।
कैसे और कब लगाए सनफ्लावर
सूरजमुखी की खेती सभई सीजन में की जा सकती है। ये खेती साल में कम से कम तीन बार की जा सकती है। खेती करते समय इस बात का ध्यान रखना होता है कि जिस जमीन पर खेती की जा रही है उस जमीन पर पानी नहीं रूकता हो। सनफ्लावर की फसल पककर तैयार होनें में 100-125 दिन तक लगते हैं। इसे इस तरह से भी समझा जा सकता है कि सनफ्लावर की फसल तैयार होनें में तकरीबन 3 से चार महीने का वक्त लेती है। ऐसे में साल भर में कम से कम तीन बार इसे लगाया जा सकता है।
कितना खर्चा आता सनफ्लावर की खेती में
आमतौर पर सनफ्लवार की खेती बहुत लागत वाली नहीं होती। सनफ्लावर की खेती में एक हेक्टेयर में 25 से 30 हजार तक का खर्चा लगता है। हाइब्रिड बीजों से बेहतर फसल होती है। अनुमान के मुताबिक एक एकड़ मे बीस से पच्चीस क्विंटल पैदावार होती है और एक क्विंटल के दाम बाजार मे तकरीबन चार हजार रूपए प्रति क्विंटल हैं। ऐसे में सोयाबीन की चार फसलें अगर एक साल में निकाली जाती है तो करोंड़ो का फायदा हो सकता है।
सेहत के लिए भी फायदेमंद है सनफ्लावर
हम में से ज्यादातर लोगों ने कभी न कभी सनफ्लावर ऑयल खाया होगा। हम सभी जानते है कि सनफ्लावर ऑयल की बाजार में बहुत डिमांड है और सबसे बड़ी बात ये कि दुनिया के कई देशों में भेजा जाता है।
सनफ्लावर के बीज और तेल दोनों के जरिए किसानों को फसल में फायदा होता है। चूंकि ये फसल कम समय में तैयार हो जाती है इसलिए साल में कम से कम तीन से चार बार इन फसलों को लगाया जाता है।