कभी पूर्वांचल में खौफ का पर्याय बना गैंगस्टर अतीक अहमद के चेहरे पर आज मौत का खौफ नजर आ रहा है। बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या के मामले में एमपी एलएलए की विशेष अदालत किसी भी वक्त फैसला सुना सकती है। 25 फरवरी 2005 को अंजाम दिए गए इस मामले में गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे। जबकि 4 अज्ञात को आरोपी बनाया गया था। इस केस में राजू पाल का रिश्तेदार उमेश पाल जो मुख्य गवाह था उसका 28 फरवरी 2006 अपहरण किया गया। अपहरण का आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था। उमेश ने तब आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट की। जान से मारने की धमकी दी। अब इस मामले में फैसले की घड़ी आ गई है।
वारंट के तहत अतीक को साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया। नैनी जेल से कचहरी तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। शहर के प्रमुख इलाकों में फोर्स तैनात कर दी गई थी। बता दे 27 मार्च कों उमेश पाल हत्याकांड में नामजद माफिया अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से पुलिस प्रयागराज की नैनी जेल लेकर पहुंच थी। इसके दूसरे दिन मंगलवार को अतीक अहमद को प्रयागराज की एमपीएमएल विशेष अदालत में पेश किया गया है। जहां किसी भी वक्त फैसला सुनाया जा सकता है।
बता दें माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को लेकर प्रयागराज पुलिस की टीम सोमवार की शाम नैनी जेल पहुंचीं। साबरमती जेल से करीब साढे़ 6 बजे अतीक का काफिला पहुंचा। सवा 7 बजे बरेली जेल से अशरफ को लाया गया। दोनों को अलग अलग हाई सिक्योरिटी बैरकों में रखा गया था। दोनों भाइयों को मंगलवार को उमेश पाल अपहरण केस में फैसला सुनाए जाने के दौरान एमपी एमएलए कोर्ट में पेश किया गया।
पुलिस की गाड़ियां अहमदाबाद के साबरमती जेल से करीब 23 घंटे के सफर के बाद नैनी पहुंची। यहां अतीक को नैनी जेल हाई सिक्योरिटी तनहाई बैरक में रखा गया था। वहां 24 घंटे सीसीटीवी से निगरानी की गई। लखनऊ में बैठे आला अधिकारी भी अतीक की हर गतिविधियां लाइव देखते रहे। अतीक को मंगलवार को एमपी एमएलए कोर्ट में पेश किया है। जहां उमेश अपहरण कांड में सजा का ऐलान होने वाला है। अतीक के साथ ही अशरफ और इस केस के सभी 10 आरोपी कटघरे में मौजूद रहे।