दिल्ली में G20 समिट के दौरान शनिवार को भारत ने बड़ा इतिहास रचा है। शनिवार को समिट के दूसरे सत्र में सभी सदस्य देशों के बीच आम सहमति से नई दिल्ली घोषणा पत्र जारी किया गया। जिसे भारत की एक बड़ी कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है। इसमें खास बात ये रही कि बगैर नाम लिए रुसी राष्ट्रपति पुतिन को नसीहत भी दे दी गई। जी20 मीटिंग के दौरान नई दिल्ली घोषणापत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान को भी स्थान दिया गया जिसमें उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिर पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है। इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि घोषणा पत्र में धरती, यहां के लोग, शांति और समृद्धि वाले खंड में चार बार यूक्रेन युद्ध का उल्लेख किया गया। लेकिन रूस के नाम का एक बार भी उल्लेख नहीं किया। इसके बाद भी भारत ने इस पर आम सहमति बना ली। बता दें भारत-और रूस के बीच घनिष्ठ और ऐतिहासिक संबंध हैं। दोनों ही देशों में गहरी दोस्ती भी है। रुस ने कई बार विपरीत परिस्थितियों में भारत की मदद भी की है।
- नई दिल्ली में हो रहा जी 20 सम्मेलन
- सम्मेलन के पहले ही दिन मिली भारत को बड़ी कूटनीतिक कामयाबी
- सहमति से पारित हुआ नई दिल्ली घोषणापत्र
- घोषणा पत्र को पारित कराने में काम आई दिल्ली की ट्रिक!
- G20 समिट में शनिवार को मिली नई दिल्ली घोषणापत्र को मंजूरी
- देश के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा
भारत मंडपम में मंत्रिस्तरीय और कार्य समूहों की बैठकें
नई दिल्ली में चल रहे जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली जी-20 लीडर्स समिट डिक्लेरेशन पर आम सहमति बनने की घोषणा की है। उन्होंने कहा अभी एक अच्छी खबर मिली हमारी टीमों की कड़ी मेहनत और आप सभी के सहयोग से नई दिल्ली जी-20 के नेता समिट डिक्लेरेशन पर सहमत हैं। उनका प्रस्ताव है कि यह लीडर्स डिक्लेरेशन भी होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की पहल और आपके समर्थन से, पूरी दुनिया जलवायु सुरक्षा के सिद्धांतों के अनुरूप इस वर्ष ‘अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष’ मना रही है। इस भावना के अनुरूप, भारत ने COP-26 में ग्रीन ग्रिड पहल कर, एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड लॉन्च किया है। आखिरकार वो दिन आ गया है। जब G20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता भारत कर रहा है।शनिवार को समिट के पहले दिन दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के दिग्गज नेता एक साथ बैठे और वैश्विक मसलों पर मंथन किया। दिल्ली में भारत मंडपम में कार्यक्रम के दौरान विभिन्न मंत्रिस्तरीय और कार्य समूहों की बैठकें की गईं। पहले दिन के एजेंडे में जलवायु परिवर्तन, ऋण, खाद्य सुरक्षा, स्थिरता और जियोपॉलिटिकल तनाव पर चर्चा शामिल रही। वहीं भारत कर ओर से शिखर सम्मेलन की थीम वन अर्थ, वन फैमली और वन फ्यूूचर ‘One Earth, One Family, One Future’ रखी गई। लेकिन सभी की निगाहें नेताओं की संयुक्त घोषणा पर रही। वहीं जी- 20 में अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता के लिए आमंत्रित किया गया था।
सबके साथ की भावना से ही भारत ने प्रस्ताव-प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा सबके साथ की भावना से ही भारत ने प्रस्ताव रखा था कि अफ्रीकन यूनियन को जी-20 की स्थायी सदस्यता दी जाए। उनका विश्वास है कि इस प्रस्ताव पर हम सबकी सहमति है। आप सबकी सहमति से कार्यवाही शुरू होने से अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता के लिए आमंत्रित किया। पीएम मोदी ने विश्व में ‘विश्वास का संकट’ बताकर ‘सबका साथ, सबका विकास’ वाला मंत्र दिया। पीएम मोदी ने कहा कि ये वो समय है वर्षों पुरानी चुनौतियां हमसे नए समाधान मांग रही हैं। इसलिए हम सभी को मानव शांति दृष्टिकोण के साथ अपने हर दायित्व को निभाते हुए आगे बढ़ना हैं। पीएम ने कहा कोरोना के बाद विश्व में एक बहुत बड़ा संकट विश्वास के अभाव का आया है। युद्ध ने इस विश्वास के संकट को और गहरा किया।। जब हम कोविड को हरा सकते हैं तो हम आपसी विश्वास पर आए इस संकट पर भी विजय हासिल की जा सकती है। जी-20 के प्रेसिडेंट के तौर पर भारत पूरी दुनिया का आह्वान करता है कि मिलकर सबसे पहले वैश्विक तौर पर इस संकट को एक विश्वास और भरोसे में बदलें। यह हम सभी के एक साथ मिलकर चलने का समय है। इसलिए सबका साथ ही नहीं सबका विकास और सबका विश्वास के साथ सबका प्रयास का मंत्र हम सभी के लिए एक पथ पथप्रर्दशक बन सकता है। कोरोना के बाद विश्वास के अभाव का संकट आया है। युद्ध ने इस संकट को और गहरा कर दिया है। जब कोरोना जैसी बीमारी को हराया जा सकता है तो आपसी चर्चा में विश्वास के संकट को भी मिलकर दूर सकते हैं। उन्होंने कहा हम सभी के साथ मिलकर चलने का ये समय है।
G20 सैटेलाइट मिशन शुरु करने का प्रस्ताव
इससे पहले शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी भारत के चंद्रमा मिशन, चंद्रयान-3 की सफलता से परिचित हैं। इससे प्राप्त डेटा पूरी मानवता के लिए फायदेमंद होगा। इसी भावना के साथ, भारत ‘पर्यावरण और जलवायु अवलोकन के लिए जी20 सैटेलाइट मिशन’ शुरू करने का प्रस्ताव कर रहा है। मोदी ने कहा कि इससे प्राप्त जलवायु और मौसम संबंधी डेटा को सभी देशों, खासकर ग्लोबल साउथ के देशों के साथ साझा किया जाएगा। भारत सभी जी-20 देशों को इस पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है। पीएम ने कहा कि दुनिया को एक परिवार मानने की धारणा ही, हर भारतीय को ‘एक पृथ्वी’ की जिम्मेदारी की भावना से भी जोड़ती है। ‘एक पृथ्वी’ की इसी भावना के साथ भारत ने ‘पर्यावरण के लिए जीवन शैली मिशन’ शुरू किया है।
भारत में बड़े पैमाने पर सौर क्रांति
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत उन देशों में खड़ा है जहां बड़े पैमाने पर सौर क्रांति चल रही है। लाखों भारतीय किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है। हमने हरित हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत में ‘राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन’ भी शुरू किया है। पीएम ने कहा, भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान, हमने ग्लोबल हाइड्रोजन इकोसिस्टम बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पीएम मोदी ने कहा हरित विकास संधि’ को अपनाकर जी-20 ने सतत और हरित विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं की भी पुष्टि की है। पीएम ने कहा कि भारत की पहल और आपके समर्थन से पूरी दुनिया जलवायु सुरक्षा के सिद्धांतों के अनुरूप इस वर्ष ‘अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष’ मना रही है। इस भावना के अनुरूप, भारत ने COP-26 में ‘ग्रीन ग्रिड पहल – एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड’ लॉन्च किया।