भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यव्स्थाओं के समूह जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। जी 20 की इस महत्वपूर्ण बैठक के लिए भारत सरकार की ओर से सभी जरुरी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस बैठक का आयोजन इसी माह 9-10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भारत की मेजबानी में होगा। जी 20 ग्लोबल इकोनॉमी में करीब 80 फीसदी से ज्यादा का प्रतिनिधित्व करने वाला समूह है। जिसकी अध्यक्षता देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण और गौरव का विषय है। हम बतायेंगे इससे भारत को कौन कौन से लाभ हो सकते हैं।
- 9-10 सितंबर को दिल्ली होगी जी 20 शिखर सम्मेलन
- भारत की मेजबानी में होगा जी-20 का शिखर सम्मेलन
- शिकागो में हुआ था 2008 में पहला शिखर सम्मेलन
- जी 20 में ग्लोबल इकोनॉमी का 80 फीसदी प्रतिनिधित्व
- प्रमुख आर्थिक देशों के नेताओं का एक वार्षिक सम्मेलन
- ग्लोबल इकोनॉमी, फाइनेंस, बिजनेस
- इन्वेस्टमेंट, जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर करते हैं चर्चा
- विचार-विमर्श के बाद सम्मेलन में लिये जाते हैं फैसले
- वैश्विक स्तर पर लिए जान हैं फैसलें
- इकोनॉमी में स्थिरता और समृद्धि में मिलती है मदद
G-20 समूह में शामिल हैं ये कंट्री
G-20 ग्रुप की बात करें तो इसमें भारत के अलावा अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, जापान, मेक्सिको, फ्रांस, रूस, जर्मनी,अर्जेंटीना, ब्राजील,ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इटली, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका के साथ तुर्की और यूरोपीय यूनियन शामिल हैं। इस समूह की दुनिया की जीडीपी में 85 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके अलावा G-20 देशों में दुनिया का कुल 85 फीसदी प्रोडक्शन होता है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार में समूह देशों की हिस्सेदारी भी 75 प्रतिशत है।
मजबूत होंगे सदस्य देशों से व्यापार संबंध
जी-20 समूह की ग्लोबल इकोनॉमी में हिस्सेदारी के आंकड़ों पर गौर करें तो इसकी अहमियत का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। इस समूह की अध्यक्षता करने से भारत को ग्रुप के दूसरे सदस्य देशों के साथ व्यापार संबंधों को और मजबूत करने में भी मदद मिलेगी। विशषज्ञों की माने तो उनकी राय में आने वाले समय की ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ ही नहीं विश्व में समृद्धि को हासिल करने के लिए जी20 समूह की एक रणनीतिक भूमिका का निर्वहन करेगा। इसमें शामिल देशों से भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में अच्छा-खासा निवेश आ रहा है। जिसमें बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है। G-20 की अध्यक्षता करने से भारत को वैश्विक मंच पर प्रमुख खिलाड़ी बनने का एक बड़ा अवसर भी मिल रहा है।
जी 20 से मिलेगी स्टार्टअप इकोसिस्टम को मदद
भारत जी-20 की अध्यक्षता ऐसे समय में कर रहा है, जबकि देश दुनिया में सबसे ज्यादा तेजी से आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना हुआ है। इसे लेकर दूसरे सभी देश उत्साहित हैं। G-20 के जरिए होने वाले दूसरे हितों की बात करें तो केंद्र सरकार ने अपनी तरह की पहली पहल करते हुए स्टार्टअप 20 एंगेजमेंट ग्रुप की स्थापना की है। यह ग्रुप विभिन्न स्टेकहोल्डर्स को एक साझा मंच पर एक साथ लाने का काम कर रहा है। इसे वैश्विक स्टार्ट-अप इकोसिस्टम की आवाज के रूप में कार्य कर रहा है। इसके जरिए सदस्य देशों की ओर से क्षमता निर्माण, फंडिंग गैप कम करने के साथ रोजगार के नए अवसर बढ़ाने और सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के साथ समावेशी ईकोसिस्टम में ग्रोथ जैसे सेक्टर्स के लिए ठोस कदम उठाएंगे।
जी 20 की दद से निवेश को होगा आकर्षित
वसुधैव कुटुंबकम – ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ यही थीम इस जी-20 बैठक की है। जिसकी अध्यक्षता करना भारत के लिए किसी बड़े अवसर और गौरव से कम नहीं है। इसकी वजह है कि इसके जरिए दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती अर्थ व्यवस्था के तौर पर उभरा भारत और अधिक निवेश को आकर्षित करने के लिए अपनी क्षमता और उपलब्धियों का प्रदर्शन किया जा सकता है। इसके साथ ही उम्मीद जताई जा रही है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक में देश के छोटे कारोबारिया अैर एमएसएमई सेक्टर MSME Sector को मजबूती देने से जुड़े कई ऐलान भी किए जा सकते हैं। वहीं एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री फोरम के समन्यवय राजीव नाथ कहते हैं कि मेडिकल डिवाइस हेल्थकेयर सर्विसेज के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन तक पहुंच में आसानी के लिए यह जरूरी है कि G-20 के सदस्य देशों के बीच पारस्परिक मान्यता समझौते हों इसके साथ इनके लिए अंतरराष्ट्रीय नियमों को भी सुसंगत बनाया जाए।