हिन्दी भाषा को लेकर पूर्व क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन ने दिया से ये विवादित बयान…जानें क्यों कहा हिन्दी राष्ट्र भाषा नहीं…!

इंटरनेशनल क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद भारतीय टीम के स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन किसी न किसी वजह से चर्चा में बने हुए हैं। कभी अपने अतरंगी सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर तो कभी अपने बयान को लेकर।दरअसल रिटायरमेंट के बाद अश्विन के पास काफी समय है। ऐसे में वह कई सारे पब्लिक इवेंट का भी हिस्सा बन रहे हैं। हाल ही में एक प्राइवेट कॉलेज की ग्रेजुएशन सेरेमनी में पहुंचे अश्विन ने ऐसा बयान दिया कि वे एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। अश्विन का ये बयान हिंदी भाषा को लेकर था। कॉलेज की ग्रेजुएशन सेरेमनी के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए अश्विन ने छात्रों से पूछा कि वह किस भाषा में भाषण सुनना पसंद करेंगे। इंग्लिश, तमिल या फिर हिंदी।

अश्विन ने कहा – हिंदी आधिकारिक भाषा

अश्विन ने अपने भाषण की शुरुआत में सबसे पहली पूछा की इंग्लिश में कौन उन्हें सुनना चाहेगा, इस पर छात्रों की हलकी फुलकी प्रतिक्रिया आई, मगर जब उन्होंने तमिल को लेकर पूछा तो छात्रों ने जोरदार आवाज की। इसके बाद जब अश्विन ने हिंदी को लेकर सवाल किया तब एकदम से वह सन्नाटा सा छा गया। जब हिंदी को लेकर उन्होंने छात्रों से पूछा तो सभी चुप हो गए। तब अश्विन ने कहा कि हिंदी भारत की राष्ट्रीय भाषा नहीं है। अश्विन ने कहा, उन्होंने सोचा कि मुझे यह कहना चाहिए , हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है। यह एक आधिकारिक भाषा है।

अपने भाषण के दौरान अश्विन ने भारत में भाषा का मामला उठाया। इसके बादउन्होंने देखा कि हिंदी भाषा के शब्द बोलने के बाद वहां लोगों की कैसी प्रतिक्रिया थी। रविचंद्रन अश्विन ने अपने भाषण के दौरान छात्रों से कहा ‘मुझे लगता है कि मुझे यह कहना चाहिए कि हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा नहीं है। दरअसल यह एक आधिकारिक भाषा है। मालूम हो कि हिंदी और तमिल भाषा को लेकर हमेशा चर्चा होती रहती है। तमिलनाडु में यह एक बड़ा है संवेदनशील मुद्दा भी रहा है।

कप्तानी को लेकर भी बोले अश्विन

रविचंद्रन अश्विन ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला लिया था। ऐसे में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने अपने क्रिकेट करियर को लेकर भी बात की। बता दें अश्विन स्पष्ट विचारों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कई बार क्रिकेट में यह अटकलें लगी कि वे टीम इंडिया की कप्तानी संभालेंगे लेकिन उन्होंने कभी ऐसा किया नहीं। रविचंद्रन अश्विन ने जोर देते हुए कहा जब कोई ऐसा कहता है कि वे यह नहीं कर सकते तो वे इसे जरूर करना पसंद करते हैं। लेकिन जब कोई यह कहता है कि हां वे ऐसा कर सकते हैं तो उनकी रुचि खत्म हो जाती है।

अश्विन भारत के दूसरे सबसे सफल टेस्ट गेंदबाज

रविचंद्रन अश्विन को टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों में सातवें स्थान हासिल है। उनके नाम अब 106 टेस्ट में 537 विकेट दर्ज हैं। उनक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 59 रन देकर सात विकेट लेना रहा है। इस दौरान अश्विन का औसत 24.00 का और स्ट्राइक रेट 50.73 का रहा था। बता दें भारतीय में अनिल कुंबले के बाद अश्विन टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे नंबर पर हैं। अनिल कुंबले के नाम 619 टेस्ट विकेट दर्ज थे। अश्विन ने बताया कि जब घर पर डेब्यू के बाद से जब भी वह स्क्वॉड में चुने गए तो हर बार टेस्ट मैच ही खेले हैं। उन्होंने भारतीय मैदान पर कोई टेस्ट मिस नहीं किया है।

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