पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह का गुरुवार की रात निधन हो गया। दिल्ली AIIMS में उन्होंने 92 साल की आयु में अंतिम सांस ली। डॉ.सिंह के पार्थिव शरीर को घर लाया गया है। जहां पूर्व पीएम के अंतिम दर्शन के लिए कांग्रेस ही नहीं हर दल के बड़े नेता ने पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित किये। बताया जाता है डॉ.मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार 28 दिसंबर को किया जाएगा। दअसल उनकी एक बेटी अमेरिका में है। जो भारत के लिए रवाना हो गईं हैं। उनका इंतजार किया जा रहा है।
- पीएम मोदी-सोनिया-राहुल और प्रियंका ने अंतिम दर्शन किये
- शनिवार को होगा मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार
- मोदी-शाह ने घर पहुंचकर दी श्रद्धांजलि
- डॉ.साहब का जीवन, उनकी ईमानदारी-सादगी का प्रतिबिंब—प्रधानमंत्री मोदी
पूर्व पीएम के निधन पर भारत सरकार की ओर से 7 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। उनके निधन के बाद कांग्रेस की ओर से भी सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए हैं। बता दें डॉ.मनमोहन सिंह को बेहोश होने के बाद गुरुवार 26 दिसंबर की शाम दिल्ली स्थिति AIIMS में भर्ती किया गया था। जहां रात करीब 9.51 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। निधन के बाद देर रात डॉ.मनमोहन सिंह की पार्थिव देह AIIMS से उनके दिल्ली स्थित निवास पर लाई गई। बता दें डॉ.मनमोहन सिंह लंबे समय से अस्वस्थ थे। इससे पहले भी उन्हें कई बार स्वास्थ्य कारणों के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया था।
राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत डॉ.मनमोहन सिंह का दिल्ली के शक्ति स्थल के पास विशेष राजकीय प्रोटोकॉल के साथ अंतिम संस्कार होगा। उनकी बेटी शुक्रवार देर रात अमेरिका से दिल्ली पहुंचेंगी। फिलहाल डॉ.मनमोहन सिंह की पार्थिव देह दिल्ली के मोतीलाल नेहरू मार्ग पर स्थित उनके आवास पर रखी गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अर्पित की श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉ.मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा डॉ.मनमोहन सिंह की सौम्यता, विनम्रता और बौद्धिकता ही उनकी पहचान थी। दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों से शिक्षा ग्रहण करने और सरकार के सबसे उच्च पदों पर रहने के बाद भी डॉ.मनमोहन सिंह का व्यक्तित्व बेहद सरल था। वे सभी के लिए सहज रुप से उपलब्ध रहते थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उनके साथ कई अवसर पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर खुले मन से चर्चा होती थी। वे जब भी गांधीनगर से दिल्ली आते थे डॉ.मनमोहन सिंह से बातें और मुलाकातें होतीं थीं।