केजरीवाल के सपनों में आते हैं दिल्ली के ये 10 फीसदी वोटर्स…जानें दस फीसदी वोटर्स में कितनी ताकत है…!

Former Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal fears election rigging ten percent vote rigging

द‍िल्‍ली के पूर्व मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुनाव प्रचार के दौरान अक्सर कहते रहे हैं कि …वे दिल्ली की जनता को बताना चाहते हैं कि उन्हें सूत्रों से पता चला है कि बीजेपी वाले मशीनों के जरिए दिल्ली में 10% वोटों में गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं। दिल्ली की जनता से अपील करते हुए केजरीवाल कहते हैं ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में वोट करें कि हर वोट झाड़ू यानी आम आदमी पार्टी को मिले। इसलिए अगर आम आदमी पार्टी के पास 15% वोट की बढ़त होती तो 5% से चुनाव जीतेंगे। इसलिए हमें हर जगह 10% से अधिक की वोट की बढ़त दिलाएं।

आख‍िर यह 10 फीसदी वोट का खेल है क्‍या? पिछले चुनावी आंकड़ों पर गौर करें तो सच में इसी 10 फीसदी वोट से द‍िल्‍ली व‍िधानसभा चुनाव में जीत और हार तय होनी है।

द‍िल्‍ली में अब तक के चुनावों का पैटर्न देखें तो ज‍िस भी दल को भी यहां 40 फीसदी से ज्‍यादा सीट मिली हैं, सरकार उसी की बनी है। साल1993 से लेकर 2025 तक सिर्फ एक बार 2013 में यहां क‍िसी भी पार्टी को 40 फीसदी वोट नहीं मिले। इसी वजह से कोई भी पार्टी अपने खुद के दम पर यहां अपनी सरकार नहीं बना पाई थी। 2013 के चुनाव में बीजेपी को 33.3, आम आदमी पार्टी को 29.7 और कांग्रेस को 24.7 फीसदी वोट मिले थे। उस समय चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ था और दोनों ने मिलकर सरकार बनाई थी।

1993 से 2020 तक का चुनावी पैटर्न

चुनाव        जीती पार्टी          वोट शेयर      सीटें
1993        बीजेपी               42.8             49
1998        कांग्रेस               47.8             52
2003       कांग्रेस                48.1             47
2008       कांग्रेस                40.3             43
2015      आप (AAP)          54.5             57
2020      आप (AAP)          53.8             62 स्रोत-EC

आखिर कैसे पलट सकता है खेल?

साल 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 70 सीटों वाली द‍िल्‍ली विधानसभा के चुनाव में 53.8 फीसदी वोट मिले थे। उसे 62 सीट पर जीत हासिल हुई थी। 2020 में बीजेपी भी बहुत पीछे नहीं थी। बीजेपी को भी 38.5 फीसदी वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस को सिर्फ 4.23 फीसदी वोट से ही संतोष करना पड़ा था। वैसे तो चुनावी आंकड़ों में आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों के बीच काफी दूरी नजर आती है। लेकिन चुनावी रणनीतिकार मानते हैं क‍ि अगर आम आदमी पार्टी से उसके 10 फीसदी वोटर्स टूट गए और उसमें से आधे यानी 5 प्रतिशत वोटर्स भी यदि आकर बीजेपी से जुड़ गए तो द‍िल्‍ली चुनाव का खेल इस बार पलट सकता है और यही वजह है कि आम आदमी पार्टी संयोजक और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को 10 फीसदी वोट का डर सता रहा है।

(प्रकाश कुमार पांडेय)

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