रामनगरी अयोध्या के विकास में भ्रष्टाचार अब सामने आने लगा है। या यह कहें कि बारिश ने भ्रष्टाचार को सामने ला दिया है। पहले रामपथ धंसा इसके बाद अयोध्या की सड़कों पर सौंदर्यीकरण के लिए लगाए गए करोड़ों रुपये के पोल धराशाही हो गए। शहर को राममय बनाने के लिए डेकोरेटिव लाइटें लगाए थीं जो चोरी हो गईं।
- रामनगरी अयोध्या के विकास में भ्रष्टाचार!
- बारिश से सामने आने लगा भ्रष्टाचार
- पहले रामपथ धंसा…अयोध्या की सड़के जर्जर हुईं
- सौंदर्यीकरण के लिए लगाए गए करोड़ों रुपये के पोल गिर गये
- डेकोरेटिव लाइटें लगाई थीं… जो चोरी हो गईं
अयोध्या शहर के विकास में भ्रष्टाचार यहीं नहीं रुक रहा है। इसे शुरू से गिनाया जाए तो लंबी फेहरिस्त है। ताजा मामला बारिश में धंसी सड़क और गिरते पोल का है। कम से कम पांच ऐसे मामले हैं जो यहां चर्चा में हैं। बता दें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रामलला का भव्य मंदिर बनाया गया।
उत्तरप्रदेश और केंद्र की सरकार ने रामनगरी अध्योध्या के विकास योजना के लिए बजट आवंटित किया। सरकार ने पिटारा खोल दिया। ऐसी योजनाएं चलाइ जाएंगी तो भ्रष्टाचार ना हो यह कैसे हो सकता है। अयोध्या में भी राम राज आ जाता लेकिन इन निर्माण कार्यों पर और योजनाओं में भ्रष्टाचार के लगते आरोप से मामला उलट गया। सभी योजनाएं निरंतर अयोध्या नगर निगम के जनप्रतिनिधिया के बीच बहस का मुद्दा बनती रहीं। इसके बाद भी किसी भी योजना को लेकर दोषियों के खिलाफ अब तक कोई ठोस एक्शन नहीं हुआ है।
मंदिर से टपकने लगा था बारिश का पानी!
मंदिर निर्माण में चूक की पोल बारिश ने खोल दी। अयोध्या में मानसून की पहली ही बारिश ने राम मंदिर की छत से पानी टपका दिया। यह पानी मंदिर के गर्भ गृह के पास तक पहुंच गया। मंदिर के मुख्य पुजारी ने यह मुद्दा उठाया। इस पर काफी सियासत भी हुई। मानसूनी बारिश में राम मंदिर को मुख्य सड़क से जोड़ने वाले रामपथ को भी नहीं छोड़ और वह भी धंस गया था। इसे लेकर अयोध्या नगर निगम के कई पार्षदों ने कंपनी विशेष का नाम लेकर निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।
इसके बाद अयोध्या धाम के पार्षद 74 करोड़ के डेकोरेटिव लाइट को लेकर विवाद करने लगे। खरीद प्रक्रिया पर सवाल उठाने लगे। हालांकि निगम के अधिकरी ने आपत्तियों को दरकिनार करते रहे। अब पता चल है कि यहां लगी लाइटें चोरी हो गईं। अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी में करीब 30 करोड़ की वित्तीय अनियमितता भी सामने आयी। नगर निगम ने राम पथ पर जो लाइट लगाई गई थीं उनकी चोरी का मुकदमा दर्ज कराया गया है। ऐसे में नगर के पार्षदों ने कई आरोप लगाये और कहा अयोध्या धाम में करीब 74 करोड़ की सजावट वाली लाइट लगाई गई। इनकी गुणवत्ता खराब होने से सभी पार्षदों ने नगर आयुक्त संतोष शर्मा से शिकायत भी की।