एस्के मूवीज के स्टूडियो में भीषण आग,कोई हताहत नहीं
पश्चिम बंगाल में दक्षिण कोलकाता के कुदघाट स्थित एस्के मूवीज के स्टूडियो में गुरुवार को भीषण आग की घटना से सभी को दहशत में डाल दिया। हालांकि आग पर जल्द ही काबू पा लिया गया जिससे। जिससे राहत की बात है कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है। दमकल विभाग की माने तो 15 दमकलों ने कड़ी मशक्क्त के बाद आग पर काबू पाया जा सकका। दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया आग सुबह करीब पौने सात बजे के आसपास लगी। जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ है। बता दें टॉलीगंज में भीड़भाड़ वाले बाबूराम घोष रोड स्थित गोदाम में आग लगी थी। जिस पर करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद काबू पा लिया गया। वहीं आग लगने के कारणों के बार में फिलहाल पता नहीं चल सका है। आग लगने की सूचना मिलते ही पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री अरूप बिस्वास स्थिति का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंचे।
हर बार जांच के बाद मामला हो जाता है ठंडा
बता दें पश्चिम बंगाल के कोलकाता में पिछले कई सालों में आग की कई बड़ी घटनाएं सामने आई हैं। कहीं आग लगने की वजह प्रशासन की लापरवाही बताई जाती है तो कहीं धड़ल्ले से कारखानों का अवैध निर्माण। हर बार हुई आगजनी की घटनाओं को लेकर राजनीति शुरू हो जाती है। सरकार एक जांच समिति गठित करती है और अग्निशमन विभाग को चेतावनी देती है लेकिन इसका कोई खासा असर होता हुआ नहीं दिखाई देता है। ना ही प्रशासन और ना ही अग्निशमन विभाग इनसे कोई सीख लेता है। इस तरह की दुघर्टनाएं बार बार होती रहती हैं। बता दें पिछले कुछ सालों में कोलकाता में आगजनी की कई बड़ी घटनाएं हो चुकी है। जिनमें 9 दिसंबर 2011 को ढाकुरिया स्थित आमरी अस्पताल में सबसे बड़ा अग्निकांड हुआ था। जिसमें 91 लोगों की मौत हुई थी। जबकि 100 लोग जख्मी हुए थे। इसी तरह 23 मार्च 2010 कोरू व्यस्ततम पार्क स्ट्रीट के स्टीफन कोर्ट में हुए अग्निकांड में 46 लोगों की मौत हुई थे। तो 16 अगस्त 2008 में उत्तर चौबीस परगना के सोदपुर में एक शापिंग सेंटर में आग लगने से 13 लोगों की जान चली गई। 22 नवंबर 2006 को तपसिया के एक चमड़ा कारखाने में आग लगी थी। जिसमें 11 कारीगरों जल गए थे। 12 जनवरी 2008 को बड़ाबाजार के नंदराम मार्केट में भीषण आग लगी थी। जिसे बुझाने में करीब 100 से ज्यादा दमकल इंजनों को लगाया गया और चार दिन में आग पर काबू पाया जा सका। हालांकि गनिमत ये रही थी कि इस आग में कोई हताहत नहीं हुआ।