आशुतोष राणा,नायक हो या खलनायक हर किरदार को बखूबी निभाया

कैसे पूरा किया गाडरवारा की गली से मुंबई तक का सफर

आशुतोष राणा ये वो नाम है जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है। मध्य प्रदेश के छोटे से गांव गाडरवाडा के रहने वाले आशुतोष राणा ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में अपने लिए खास जगह बनाई है। आर्ट फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके राणा कमर्शियल फिल्मों में भी एक भरोसेमंद नाम बन चुके हैं। करीब दो दशक से ज्यादा लंबे फिल्मी करियर में आशुतोष राणा ने कई फिल्मों में अपने किरदार से दषकों ही नहीं फिल्म आलोचकों को भी प्रभावित किया और शानदार किरदार निभाकर दर्शकों के दिलों पर छा गए। आज आशुतोष राणा का जन्मदिन है।  आइये हम आपको उनकी जींदगी से जुड़े कुछ सुने कुछ अनसुने किससे बताएंगे।

वकील बनने की थी तमन्ना

फिल्मी दुनिया में अपना सिक्का जमाने वाले आशुतोष राधा लॉ प्रैक्टिस करना चाहते थे। जी हां बहुत कम लोग जानते हैं कि एलएलबी की पढ़ाई करने वाले आशुतोष राणा वकील बनना चाहते थे। लेकिन उनके गुरु की एक सलाह ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी। दरअसल आशुतोष अपने गुरु को बेहद सम्मान देते हैं। उन्होंने आशुतोष को फिल्म लाइन में करियर बनाने की सलाह दी थी। इसके बाद से उन्होंने अपना कॅरियर फिल्मों ही तलाशने का फैसला किया। इसके बाद आशुतोष राणा नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में प्रवेश  लिया। जहां से उनके अभिनय का सफर शुरु हो गया। वैसे पढ़ाई के बाद आशुतोष को एनएसडी में ही जॉब ऑफर मिल गया था। लेकिन उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में संघर्ष को चुनाए और वे सफल रहे।

हर किरदार बड़ी सहजता से निभाया

आशुतोष राणा के अभिनय से एक बड़ा तबका खासा प्रभावित है। गंभीर से गंभीर किरदार हो या फिर खूंखार खलनायक  किरदार को पर्दे पर उतारना हो। किसी कॉमिक कैरेक्टर में जान डालनी हो। आशुतोष राणा ये सब कुछ बड़ी सहजता के साथ कर जाते हैं।

11वीं पास करने पर निकाली थी रैली

10 नवंबर 1967 को आशुतोष राणा का जन्म मध्य प्रदेश के गाडरवाडा में हुआ थां आशुतोष राणा की पढ़ाई मध्य प्रदेश में ही हुई। बता दें आशुतोष राणा ने जब 11वीं की परीक्षा पास की थी तो उनके गांव में इसका जोरदार जश्न मनाया गया था। इतना ही नहीं गांव में एक रैली निकाली गई थी। ढोल नगाड़े के साथ लोग झूमे थे। इसका जिक्र आशुतोष राणा के भाई ने एक इंटरव्यू के दौरान किया था। उन्होंने बताया आशुतोष राणा का एक्टिंग के प्रति झुकाव बचपन से ही था। वो गाडरवाडा की गलियों में नाटक किया करते थे। इसके अलावा अपने इलाके की रामलीला में आशुतोष हमेशा रावण का किरदार निभाया करते थे।

छोटे पर्दे पर भी छाए रहे थे राणा

फिल्मों में नाम कमाने वाले आशुतोष राणा का अभिनय का सफर छोटे पर्दे यानी टेलीविजन से हुआ था। टीवी से अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने छोटे पर्दे पर स्वाभिमान सीरियल से करियर शुरु किया। इसके बाद आशुतोष राणा ने फर्जए साजिशए कभी कभी और वारिस जैसे टीवी शोज में अपने अभिनय का लोहा मनवाया। टीवी के पर्दे से शुरू हुआ सफर अब सिल्वर स्क्रीन तक पहुंचा था। आशुतोष राणा ने अपने करियर के शुरुआती दौर में कृष्णा अर्जुन, दुश्मन और गुलाम जैसी फिल्मों में काम किया। लेकिन आशुतोष राणा को पहचान मिली फिल्म संघर्ष में निभाए अपने किरदार से। 1999 में आई फिल्म संघर्श में आशुतोष राणा साल 2000 का बेस्ट निगेटिव रोल के लिए जी सिने अवॉर्ड और फिल्मी फेयर अवॉर्ड मिला था।

कई फिल्मों में किया काम

आशुतोष राणा ने फिल्म के बाद इंडस्ट्री में अपने जुझारू रवैये और शानदार अभिनय से खास मुकाम हासिल किया।  इसके बाद आशुतोष राणा ने बादल, राज, अनर्थ, हासिल, कलयुग, जिला गाजियाबाद, शोरगुल, सोनचिड़िया, वॉर और पगलैट जैसी कई शानदार फिल्मों में अभिनय किया। हाल ही में आशुतोष राणा ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी दस्तक दी है। यहां हिस्टोरिकल ड्रामा सीरीज छत्रसाल में अहम किरदार निभाते दिखाई दे रहे हैं।

पैर छुने से खफा हो गए थे महेश भट्ट

आशुतोष राणा जब फिल्म निर्माता निर्देशक महेश भट्ट साहब से मिले तो भारतीय संस्कृति का पालन करते हुए उन्होंने महेश भट्ट के पैर छु लिए। लेकिन महेश भट्ट इससे इतना खफा हुए कि उन्होंने आशुतोष को फिलम के सेट से बाहर निकलवा दिया। यही नहीं भट्ट अपने सहायक निर्देशकों पर गुस्सा हुए और कहा कि उन्होंने उन्हें फिल्म के सेट पर कैसे आने दिया। बता दें महेश भट्ट को पैर छूने वाले पसंद नहीं हैं। इस वाक्ये के बाद भी जब कभी आशुतोष राणा महेश भट्ट मिलते वे उनके पैर छूना नहीं भूलते थे। ऐसे में एक दिन महेश ने उनसे पूछ ही लिया कि वे बार बार पैर क्यों छूते हैं। जिसका जवाब देते हुए आशुतोष ने कहा था कि अपने से बड़ो के पैर छूकर आशीर्वाद लेना उनके संस्कारों में है। वे अपने संस्कार छोड़ नहीं सकते। इसके बाद उन्होंने आशुतोष को गले से लगा लिया था।

महेश भट्ट ने दिया था स्वाभिमान

आशुतोष राणा को कभी सेट से बाहर निकलवा देने वाले महेष भट्ट भी उनके अभिनय के कायल थें यहीं वजह है कि महेश भट्ट ने बाद  में आशतोष को टीवी धारावाहिक स्वाभिमान में काम करने का मौका दिया। जिसके बाद फर्जए साजिशए कभी कभी और वारिस जैसे कई शो में उन्हं मौका मिला। जिसमें अभिनय से राणा ने छोटे पर्दे पर धाक जमाई। आशतोष को फिल्म परदेसी रे से बॉलीवुड में काम करने का मौका मिला। लेकिन उन्हें उसली पहचान फिल्म दुश्मन और संघर्श से मिली। आशुतोष राणा ने दुश्मन खलनायक का किरदार निभाया था। जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड से भी नवाजा गया।

राणा और शहाणे की प्रेम कहानी

फिल्म से कम नहीं राणा और शहाणे की प्रेम कहानी

आशुतोष राणा ने एक्ट्रेस रेणुका शहाणे के साथ सात फेरे लिए और विवाह बंधन में बंध गए। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि रेणुका और आशुतोष की प्रमे कहानी किकसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं। दोनों की पहली मुलाकात फिल्म जयती के दौरान हुई थी। शूटिंग खत्म हुई तो दोनों अपने अपने काम में मशगुल हो गए। महीनों तक बात नहीं हुई। लेकिन साल 1998 अक्टूबर में आशुतोष ने रेणुका को फोन कर दिवाली की बधाई दी। जिससे के बाद दोनों एक दूसरे से लगातार बात करने लगे और एक दूसरे को दिल दे बैठे। आशुतोष के जिंदगी में आने से पहले रेणुका की एक शादी पहले ही टूट चुकी थी। अब दोनों के दो बच्चे शौर्यमन और सत्येंद्र हैं।

 

 

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