किसान संगठनों और केन्द्र सरकार के बीच बातचीत किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचने पर किसान फिर सड़क पर उतर आए हैं। बुधवार को किसान संगठनों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया है। ऐसे में दिल्ली पुलिस की टीम फॉर्म में आ गई हैं। दिल्ली से लगी सभी सीमा सील कर दी गई हैं। इतना ही नहीं किसानों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस ने मल्टी लेयर बैरिकेडिंग की है, कंटीले तार भी लगाए हैं। इसके अतिरिक्त आरएएफ पैरामिलिट्री फोर्स के साथ वज्र वाहन और एंटी राइट व्हीकल को सीमा पर तैनात क दिया गया है। पुलिस के अधिकारी लगातार वाहनों की चेकिंग कर रहे हैं। इसके साथ ही लोगों को जाम से बचाने के लिए पुलिस की ओर से एडवाइजरी भी जारी की गई है।
ईधन के साथ जरुरी सामग्री की सप्लाई होगी प्रभावित
किसान आंदोलनों का राज्य में आवश्यक ईंधन की आपूर्ति पर प्रभाव पड़ने लगा है। सरकारी सूत्रों की माने तो डीजल सप्लाई में पचास प्रतिशत और पंजाब को गैस की सप्लाई में बीस प्रतिशत की कमी आई है। आपूर्ति में इस कमी के संभावित रूप से विभिन्न उद्देश्यों के लिए इन ईंधनों पर निर्भर रहने वाले निवासियों और उद्योगों के लिए व्यापक परिणाम हो सकते हैं। ऐसे स्थिति में प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सामग्री की सप्लाई को सुनिश्चित करने के लिए खासी मशक्कत करना पड़ सकती है। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वादा किया कि उनकी सरकार स्वामीनाथन आयोग के अनुसार प्रत्येक किसान को उनकी फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाएगी। राहुल ने कहा यह कदम 15 करोड़ किसान परिवारों की समृद्धि सुनिश्चित कर उनके जीवन को बदल देगा। न्याय के रास्ते पर यह कांग्रेस की पहली गारंटी है।
चर्चा में टिकैत की गैर मौजूदगी
दिल्ली चलो विरोध मार्च के रास्ते में अधिकारियों ने बैरिकेड्स कंक्रीट की बाधा के साथ लोहे के स्पाइक्स और कंटेनर की दीवार बना दी है। इसके साथ ही दिल्ली से लगे सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान 200 से अधिक यूनियन के साथ दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा गैर.राजनीतिक और किसान मजदूर मोर्चा ने घोषणा की थी कि 200 से अधिक किसान संघ अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार से आग्रह करने के लिए दिल्ली में जुटेंगे। इस दौरान कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए कानून लागू करने की मांग की जाएगी। साथ ही उनकी कई अन्य मांगें हैं। किसानों के नए सिरे से विरोध के आह्वान के बीच किसान नेता राकेश टिकट की अनुपस्थिति ने ध्यान आकर्षित किया है। टिकैत ने 2020 के किसानों के विरोध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। जिसके चलते केन्द्र की मोदी सरकार पर तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने का दबाव डाला था, जिसमें वे सफल रहे थे।
पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले, चलाई रबर की गोलियां
पंजाब और हरियाणा से लगी दिलली की सीमा पर प्रदर्शनकारियों का जमघट लगा है। इन किसानों को तितर बितर करने के लिए दिल्ली पुलिस की ओर से मंगलवार को आंसू गैस के गोले दागे गए, रबर की गोलियां भी किसानों के सीने पर दागी गईं। इस बीच कई किसानों ने भी अपने ट्रैक्टरों की मदद से सीमेंट के बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की। इस बीच किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने अपनी मांगों पर केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक के बाद कहा कि किसान दिल्ली चलो मार्च के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं।
आंदोलन से जुड़े 200 से अधिक संगठन
नेताओं ने दावा किया है कि 200 से अधिक संगठनों के किसान दिल्ली चलो मार्च में शामिल होंगे और राष्ट्रीय राजधानी में इकट्ठा होंगे। उन्होंने दावा किया है कि किसान भारत के सभी हिस्सों से आते हैं लेकिन रिपोर्टों के अनुसार 90 प्रतिशत से अधिक किसान हरियाणा और दिल्ली से होने की उम्मीद है।
दिल्ली की सीमा पर धारा 144 लागू
दिल्ली और हरियाणा में प्रशासन किसानों के आंदोलन को नियंत्रित करने के लिए व्यापक प्रावधान कर रहे हैं। दिल्ली सीमा सहित विभिन्न स्थानों पर धारा 144 लगा दी गई है और पुलिस ने किसान समूहों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने का प्रयास करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। पुलिस ने कई स्थानों पर मजबूत बैरिकेड्स और बाड़ लगाई है और किसी भी अप्रिय घटना के लिए तैयार रहने के लिए अपने आंसू गैस के गोले का भी परीक्षण कर रही है। दिल्ली पुलिस की ओर से जारी प्रतिबंधों के अनुसार आंदोलनकारियों द्वारा लोगों के इकट्ठा होने, सड़कों को अवरुद्ध करने , किसी भी प्रकार के जुलूस आंदोलन, रैली, सार्वजनिक सभा पर प्रतिबंध होगा। किसानों के श्दिल्ली चलो, विरोध प्रदर्शन के चलते दिल्ली गुरुग्राम सीमा पर वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई। यह हरियाणा और दिल्ली में पुलिस द्वारा व्यापक तैयारियों के बीच हुआ। जिनके पास उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के आदेश दिए हैं। सोशल मीडिया पर आंदोलन के वीडियो ट्रेंड कर रहे है। वीडियो में दिखाया गया है कि सिंघू, शंभू और गाजीपुर सहित सीमाओं पर वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध के कारण दिल्ली.गुरुग्राम सीमा पर वाहन ट्रैफिक जाम में फंस गए।