अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस काफी गंभीर दिखाई दे रही है। पार्टी एक एक सीट पर मंथन कर रही है और जीतने के लिए तमाम चुनौती को चीरने के लिए रणनीति बना रही है। जहां भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है,वहीं कांग्रेस मात्र 20 सीटों पर फोकस कर रही है। आपको लग रहा होगा कि 20 सीटों से क्या होगा? आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
ये रहीं कांग्रेस की प्राथमिकता वाली सीटें
कांग्रेस को पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में 20 सीटों पर कामयाबी मिलते मिलते रह गई थी। यहां कांग्रेस पहले या दूसरे नंबर पर रही थी। सहारनपुर, लखीमपुर खीरी ,प्रतापगढ़, मिर्जापुर में कांग्रेस प्रत्याशी ने पिछले लोकसभा चुनाव में दो लाख से ज्यादा वोट हासिल किए थे। वहीं अमेठी, फतेहपुर सिकरी, कानपुर, लखनऊ, बाराबंकी, संत कबीर नगर ,धौरहरा ,उन्नाव अकबरपुर, वाराणसी ,कुशीनगर ,गाजियाबाद हमीरपुर में कांग्रेस का प्रदर्शन तीसरे नंबर का था। जहां पर कांग्रेस को एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे।
क्या है कांग्रेस की तैयारी
कांग्रस ने उपरोक्त सीटों पर अपना फोकस किया है। पार्टी को लगता है कि यदि थोड़ा सा यहां प्रयास कर लेंगे तो इन सीटों पर चुनाव जीता जा सकता है। इसलिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने बूथ मजबूत करने के लिए पूरी योजना तैयार की है। वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा कि सदस्यता अभियान चलाएं और मतदाताओं का दिल जीतकर उन्हे किस भी तरह कांग्रेस से जोड़ने का काम करें। कांग्रेस सदस्यता अभियान चलाकर पार्टी के कुनबे को बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा जो नए वोटर्स हैं उन्हे कांग्रेस पार्टी के विचारधारा से अवगत कराते हुए राज्य के विकास,रोजगार और तमाम बुनियादी जरूरतों पर फोकस करते हुए काम करें।
इस रणनीति पर काम कर रही है कांग्रेस
कांग्रेस को पता है कि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश होते हुए जाता है। इसलिए पार्टी ज्यादा से ज्यादा यूपी से लोकसभा की सीटे जीतना चाहती है। जहां तक उपरोक्त सीटों को लेकर कांग्रेस की तैयारी का सवाल है,तो वह इसलिए है कि पार्टी को पता है कि यहां किए गए प्रयास जल्द सफल हो सकते हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने जो भी गलतियां की हैं उनकी पुर्नावृत्ति कांग्रेस नहीं करेगी। जहां तक अन्य सीटों पर चुनाव जीतने का सवाल है तो कांग्रेस उसके लिए भी प्लान बना रही है। और ज्यादा से ज्यादा सीटों पर सफल होने की रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी कितनी सफल होती है ये कहना फिलहाल जल्दबाजी होगी।