आषाढ़ के पवित्र महीने की हो गई है शुरूआत, इन 10 बातों का रखें खास ख्याल

 

 

हिंदी कैलेंडर के चौथे महीने आषाढ़ की शुरूआत हो गई है. यह महीना मानसून आने का प्रतीक होता है. धार्मिक दृष्टिकोण से भी इस महीने का खास महत्व होता है. कहा जाता है कि जो व्यक्ति आषाढ़ के महीने में विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसके सारे कष्ट , दुख सभी दूर हो जाते है. आषाढ़ माह में पड़ने वाली देवशयनी एकादशी साल की सबसे खास एकादशी होती है. देवशयनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु अगले चार माह के लिए निद्रा अवस्था में चले जाते हैं. इन चार महीनों के दौरान कोई भी शुभ कार्य और मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. इस बार का आषाढ़ माह 5 जून से शुरू हुआ है, जो 3 जुलाई 2023 तक चलेगा.चलिए आपको इस माह से जुड़ी कुछ अहम बाते बताते हैं, जिनका आपको इस महीने के दौरान ध्यान रखना चाहिए.

 

आषाढ़ मास में इन बातों का रखें खास ध्यान

1. दान करें
आषाढ़ माह के महीने में दान का विशेष महत्व होता है. इस माह के दौरान जितना हो सके , उतना दान करें. इस पावन माह में ब्राहाणों को छाता , नमक और आंवला दान करने से भगवान विष्णु और भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है.

 

2. भगवान विष्णु की करें पूजा
आषाढ़ माह में भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए. इस माह में भगवान की पूजा करने से सारी परेशानियां दूर हो जाती है और आपके घर में सुख समृद्दि आती है.

 

3. सेहत का रखें ख्याल
आषाढ़ मानसून शुरू होने का प्रतीक होता है. ऐसे में इस महीने बीमारियों का भी बहुत अधिक खतरा रहता है. इसलिए इस महीने अपने स्वास्थ्य का खास ख्याल रखें और बाहर का खाना से बचे.

 

4. मंगल और सूर्य की होती है पूजा
इस माह में भगवान विष्णु के साथ जल देव की भी उपासना करनी चाहिए. इससे घर में धन धान्य भरा रहता है. साथ ही मंगल और सूर्य की पूजा करने से घर में पॉजिटीव एनर्जी संचालिचत होती है. इसके अलावा देवी मां की भी उपासना करने से मनचाहा फल प्राप्त होता हैं.

 

5. निद्रा में चले जाते है भगवान
आषाढ़ मास की देवशयनी एकादशी के बाद देव 4 माह के लिए निद्रा अवस्था में चले जाते है. इस दौरान घरों में किसी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है.

 

6. निकलती है जगन्नाथ यात्रा
आषाढ़ मास में भगवान जगन्नाथा की यात्रा निकाली जाती है, जिसमें देश विदेश से भक्त शामिल होते हैं. इस पूरे माह में भगवान की भक्ति करना बहुत फलदायी होता हैं.

 

7. बनती है गुप्त नवरात्रि
नवरात्रि साल में चार बार आती है, जिसमें दो नवरात्रियों को गुप्त नवरात्री कहा जाता है. इनमें से एक गुप्त नवरात्रि आषाढ़ मास में पड़ती है. यह नवरात्रि तंत्र और शक्ति उपासना के लिए जानी जाती है.

 

8.पीएं साफ जल
आषाढ़ मास में मानसून की शुरूआत हो जाती है. मानसून की बारिश के कारण कई जीव जंतु पानी को दूषित कर देते है. इसलिए इस महीने पीने काे पानी का खास ख्याल रखें और साफ, स्वच्छ पानी पीएंं.

 

9.किसानों का महीना
आषाढ़ मास को किसानों का माह भी कहा जाता है. यह महीना कृषि के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस महीने किसान अपनी फसल को बोते है और भगवान से अच्छी बारिश की भी कामना करते है.

 

10.गुरू पूर्णिमा का महत्व
आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि बहुत खास होती है. इस माह की पूर्णिमा को ही गुरू पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा कहा जाता है.

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