मध्यप्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर संघ और बीजेपी आमने सामने हैं। मध्यप्रदेश में गृहमंत्री अमित शाह का 22 जून का बालाघाट दौरा अचानक कैंसिल हो गया। दौरा निरस्त होने के पीछे खऱाब मौसम का कारण बताया जा रहा है। लेकिन अंदरखाने से कुछ और खबरें निकलकर आ रही है। सूत्रों की माने तो शाह का दौरा केंसिल होने की बड़ी वजह बीजेपी आलाकमान और संघ की खींचतान रही। सूत्र बताते हैं कि मध्यप्रदेश में संघ को हस्तक्षेप बहुत ज्यादा है। चुनावों के मद्देनजर सत्ता और संगठन दोनों ही चेहरों को बदलने पर विचार किया जा रहा है। ऐसे में नेतृतव परिवर्तन पर संघ का मानना है कि अगर नेतृत्व बदला जाए तो प्रदेश के मुखिया को पार्टी के सर्वोच्च पद पर बिठाया जाए या फिर मोदी कैबिनेट का मंत्री बनाया जाए। अंदरखाने से आ रही खबरों के मुताबिक संघ का एक धड़ा सत्ता के चेहरा बदलने के लिए कंडिशन दे रहा है तो वहीं दूसरे धड़े का मानना है कि अगर सत्ता में चेहरा नहीं बदलेगा तो संगठन का चेहरा क्यों बदला जाए। साफ शब्दों में कहा जाए तो संघ का एक धड़ा सत्ता के मुखिया के साथ तो दूसरा संगठन के मुखिया के साथ है। इसलिए मध्यप्रदेश में चुनाव के पहले बदलाव करना पार्टी के शीर्ष नेत्तृव के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। ऐसे में पार्टी आलाकमान ने मध्यप्रदेश का फैसला संघ पर छोड़ दिया है और प्रदेश में स्थानीय स्तर पर किसी भी तरह के कार्यक्रम से फिलहाल हाथ खींच लिए है। अ
ब खबर है कि केंद्रीय. गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 27 जून का प्रस्तावित दौरा भी रद्द हो सकता है।