Bageshwar Dham Dhirendra Shastri:बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जादू-टोना और अंधविश्वास के आरोपों से शुरू हुआ मामला धर्मांतरण तक पहुंच गया। देश में सनातन धर्म बनाम ईसाई-इस्लाम पर चर्चा तेज हो गई। वहीं बागेश्वर धाम बाबा के समर्थन में संत समाज और हिंदू संगठन से जुड़े लोग खुलकर सामने आ रहे हैं। बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय और कपिल मिश्रा समेत कई बीजेपी नेता भी बाबा बागेश्वर के समर्थन में आवाज बुलंद कर रहे हैं।
बाबा के समर्थन में ‘बाबा’
योगगुरू स्वामी रामदेव ने संत रामभद्राचार्य के दरबार में कहा कि कुछ पाखंडी आपके शिष्य धीरेन्द्र शास्त्री पर टूट पड़े हैं और पूछ रहे है कि बालाजी की कृपा क्या है। हनुमान जी की कृपा क्या है? स्वामी रामदेव ने कहा जिन्हें बाहर की आंखों से देखना हो वो धीरेन्द्र शास्त्री से पूछें। जिन्हें तर्क-वितर्क करना हो वो रामभद्राचार्य जी के पास आ जाओ और जिन्हें चमत्कार देखना हो तो इनके शिष्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पास चले जाओ।
अंधविश्वास और जादू-टोना करने का आरोप
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर और योग गुरु रामदेव ने भी बाबा बागेश्वर धाम का समर्थन किया है। सोशल मीडिया में भी बाबा के समर्थन में लोग ट्वीट और पोस्ट कर रहे हैं। यूजर्स का कहना है बाबा ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए कदम क्या उठाए कि उन पर अन्य धर्मों के लोगों की ओर से हमला शुरू कर दिया गया है। बाबा पर अंधविश्वास और जादू-टोना करने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है। जिन धर्मों में सच में जादू-टोना हो रहा है। वह किसी को नहीं दिखाई दे रहा है। बाबा बागेश्वर धाम के समर्थन में आज दिल्ली के जंतर-मंतर में रैली का आयोजन किया जाएगा।
ईसाई हमारे सामने दिखाएं चमत्कार
बागेश्वर धाम के पुजारी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने वामपंथी और ईसाई मिशनरियों को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि कोई भी ईसाई हमारे सामने चमत्कार करके दिखाए। नहीं तो सनातन धर्म की शक्ति को स्वीकार करें। बाबा बागेश्वर का कहना है कि वह धर्मांतरण के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। दूसरे धर्म में गए लोगों की घर वापसी करा रहे हैं। इससे वामपंथी विचलित हैं। दरअसल बीते साल दिसंबर महीने में मध्यप्रदेश के दमोह जिले में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दावा किया था कि उन्होंने 165 परिवारों के 328 लोगों को क्रिसमस के दिन घर वापसी कराई थी। उनका दावा था कि लोगों ने स्वेच्छा से ईसाई धर्म छोड़कर फिर से सनातन धर्म अपनाया है। इसके बाद से ही बागेश्वर बाबा जादू-टोना और अंधविश्वास के विवाद में घिरना शुरू हुए।