राजस्थान में कांग्रेस अपनी सरकार को रिपीट करने के लिए मुफ्त योजनाओं का लालीपाप जनता को दे रही है। कांग्रेस हर वर्ग को साधने के लिए सरकारी योजनाओं की घोषणा कर रही है। वहीं भाजपा ने भी सत्ता में वापसी के लिए एडी से लेकर चोटी तक का जोर लगाना शुरु दिया है। राज्य के एक एक विधानसभा सीट की मार्किंग की जा रही है। इसके साथ ही हर सीट के समीकरण अपने पक्ष में करने में जुटी है।
- कांग्रेस दे रही मुफ्त योजनाओं का लालीपाप
- बीजेपी ने बनाई एक एक सीट पर नई रणनीति
- समीकरण अपने पक्ष में करने में जुटी बीजेपी
- पिछली बार हारी हुई सीटों पर फोकस
- रिटायर्ड IAS-IPS अफसरों को थमाया पार्टी का झंडा
बीजेपी का सबसे अधिक फोकस उन सीटों पर है जहां उसे पिछले दो से तीन चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था। जिससे वह सत्ता से दूर हो गई। इन सीटों पर को जीतने के लिए बीजेपी अब कांग्रेस और बसपा ही नहीं निर्दलीय नेताओं को पार्टी में शामिल कर रही है। कुछ नेताओं ने पिछले दिनों भाजपा की सदस्यता ले ली है,वहीं चुनावों तक कई और नेता भाजपा का दामन थाम सकते हैं। इसी सिलसिले में विधानसभा की कई सीटों पर अच्छी पैठ रखने वाले रिटायर्ड IAS-IPS अफसरों को भी पार्टी का झंडा और कमल का फूल थमाया जा रहा है। पिछले दिनों कई ऐसे ब्यूरोक्रेट्स पार्टी में शामिल हुए जो सर्विस के दौरान भी खासा नाम कमा चुके हैं।
क्या ‘गोपाल’ लगाएंगे बीजेपी नैया पार
इनमें एक रिटायर्ड IPS गोपाल मीणा तो ऐसे हैं, जिन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाता था। जयपुर जिले में आने वाली जमवारामगढ़ सीट पर BJP पिछले तीन चुनाव में से दो बार हारी चुकी है। वर्तमान में कांग्रेस के गोपाल मीणा विधायक हैं, जो अब बीजेपी के पाले में आ गए हैं। इस बार जमवारामगढ़ को जीतने के लिए BJP ने हाल ही UP में डीजीपी रहे रिटायर्ड आईपीएस गोपाल मीणा को पार्टी जॉइन कराई है। मीणा UP की योगी सरकार में पांच साल DG रहे। उनके खाते में लगभग 200 एनकाउंटर कराने का रिकॉर्ड दर्ज है। गोपाल मीणा क्षेत्र में प्रभाव भी रखते हैं। BJP का मानना है कि उनके प्रभाव का इस्तेमाल अगले चुनाव में करके वह इस सीट पर जीत हासिल करेगी।