इमैनुएल मैक्रों दूसरी बार बने फ्रांस के राष्ट्रपति, जानिए विवादों से रहा नाता
पेरिस- फ्रांस के मौजूदा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया है. उन्होंने दक्षिणपंथी मरीन ले पेन को हराकर लगातार दूसरी बार राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की है. मैक्रों को 58.2 प्रतिशत वोट मिले हैं जबकि मरीन ले पेन को 41.8 फीसदी वोट मिले. राष्ट्रपति चुनाव में दूसरी बार बड़ी जीत हासिल करने के बाद मैक्रों ने देश की जनता को धन्यवाद कह कर उनका आभार व्यक्त किया और उन्हें पांच साल के लिए दोबारा सत्ता सौंपने वाले लोगों की प्रशंसा की है.
बता दें कि पांच साल पहले भी मैक्रों ने ली पेन को करारी मात दी थी. जिसके बाद इमैनुएल मैक्रों 39 साल की आयु में फ्रांस के सबसे युवा राष्ट्रपति बने थे. वहीं इस जीत के बाद मैक्रों को बधाई देने वालों का तांता लगा है. यूरोपीय आयोग की प्रेसिडेंट उर्सला वो डेर लेयन ने फ्रेंच में ट्वीट कर कहा कि हम एक साथ मिलकर फ्रांस और यूरोप को प्रगति के रास्ते पर आगे ले जाएंगे.
पीएम मोदी ने दी बधाई
वहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इमैनुएल मैक्रों को दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने के लिए बधाई दी है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, फ्रांस का दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने के लिए मेरे मित्र इमैनुएल मैक्रों को बधाई. मैं भारत तथा फ्रांस के बीच रणनीति साझेदारी को प्रगाढ़ करने के लिए उनके साथ काम करने को उत्सुक हूं. ब्रिटेश के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी मैक्रों की जीत का स्वागत किया है. वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बधाई देते हुए मैक्रों को यूक्रेन का सच्चा दोस्त बताया है. जेलेंस्की ने मैक्रों के समर्थन की सराहना भी की है.
जीत के विरोध में उतरे लोग
मैक्रों की जीत के बाद उनके समर्थक सड़कों पर उतरकर जश्न मान रहे हैं तो वहीं राजधानी पेरिस में कुछ लोगों ने उनकी जीत के विरोध में प्रदर्शन भी किया है. प्रदर्शनकारी लोगों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं. यह भी बताया जा रहा है कि उग्र भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज भी करना पड़ा.
मैक्रों का विवाद से रहा नाता
कार्टून विवाद को लेकर फ्रांस और इमैनुएल मैक्रों का कई मुस्लिम देशों ने विरोध किया था. दरअसल, एक 18 साल के अब्दुल्लाख अंजोरोव इस्लामिक कट्टरवादी ने 16 अक्टूबर को फ्रांस के एक शिक्षक की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी थी, क्योंकि शिक्षक ने पैगंबर मोहम्मद वाला कार्टून दिखाया था. शिक्षक सैमुअल ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता विषय पर यह कार्टून दिखाया था.
शिक्षक सैमुअल की मौत के बाद फ्रांस में लोग सड़कों पर उतर आए थे और लोगों ने सैमुअल को श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी तस्वीर के साथ पैगंबर मोहम्मद के कार्टून भी लगाए. वहीं एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सैमुअल की तारीफ करते हुए संकल्प लिया कि अभिव्यक्ति को लेकर उनकी लड़ाई जारी रहेगी. जिसके बाद से इमैनुएल मैक्रों को इस्लामिक देशों का भारी विरोध झेलना पड़ा था.