बिहार में बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने नीतीश कुमार कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। वे बिहार बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष के पद पर बने रहेंगे। ऐसे में तेलंगाना और गुजरात को लेकर चर्चा तेज हो गई है। यहां भी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केंद्र की एनडीए सरकार में मंत्री भी हैं। इन दोनों राज्यों में अभी कोई चुनाव करीब नहीं हैं। ऐसे में इन दोनों ही राज्यों में भविष्य की चुनौती और संभावनाओं को देखते हुए सियासी बदलाव किए जाने हैं।
- बीजेपी संगठन चुनाव की प्रक्रिया
- राज्यों में प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया
- करीब आधा दर्जन राज्यों में हो रहा पार्टी में विरोध
- सामाजिक और राजनीतिक समीकरण साधना आसान नहीं
- कई राज्यों में पार्टी को बहाना पड़ रहा है पसीना
- बीजेपी संविधान के अनुसार
- अध्यक्ष से पहले 50 प्रतिशत राज्यों में प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव
- पार्टी अध्यक्ष का चुनाव से पहले होना है देश के आधे राज्यों में संगठन चुनाव
- देश भर में बीजेपी संगठन के हैं 38 प्रदेश संगठन
- अब तक 38 में से केवल 10 राज्यों में ही प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव
बीजेपी संगठन चुनावों में राज्यों के चुनाव की प्रक्रिया के दौरान करीब आधा दर्जन राज्यों में पार्टी में कुछ नेताओं को लेकर मुखर विरोध देखने को मिला। इसके साथ सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों को लेकर भी पार्टी को काफी पसीना बहाना पड़ रहा है। ऐसे में बीजेपी के अपने संविधान के अनुसार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तब ही हो सकता है जबकि करीब पचास प्रतिशत यानी देश के आधे राज्यों में संगठन चुनाव संपन्न हो जाएं। बीजेपी संगठन के 38 प्रदेश हैं। लेकिन अब तक केवल 10 राज्यों में ही प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव ही पूरे हुए हैं।
बीजेपी को संगठन चुनावों में कर्नाटक में मौजूदा पार्टी प्रदेशाध्यक्ष विजयेंद्र को बरकरार रखने के लिए राज्य के प्रमुख नेताओं के एक समूह का मुखर विरोध झेलना पड़ रहा है। विरोध का सामना करना पड़ रहा है। वहीं केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की बात करें तो यहां विधानसभा चुनाव में अब करीब साल भर का समय बचा है। ऐसे में इन राज्यों में संगठन प्रमुख के पद पर बदलाव किया जाए या नहीं और बदलाव किया भी जाए तो किसे नेतृत्व दिया जाए, इस पर फैसला अब तक नहीं हो पा रहा।
UP में चुनाव से दो साल पहले नए नेता की तलाश!
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 परिणाम के बाद ही BJP प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने अपना पद छोड़ने की पेशकश की दी थी। चूंकि पार्टी संगठन चुनाव होने थे लिहाजा बदलाव नहीं किया गया। लेकिन अब पार्टी सूत्रों बताते हैं कि मार्च में होली के बाद ही उत्तरप्रदेश में भी नए प्रदेश अध्यक्ष का फैसला हो सकता है। सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों के हिसाब से पार्टी का नया अध्यक्ष चुना जाएगा।
MP में दलित और आदिवासी के नाम पर मंथन
मध्य प्रदेश में मौजूदा अध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यकाल पांच साल का पूरा हो गया है। एमपी में अब राजपूत और ब्राह्मण के साथ दलित और आदिवासी नेताओं के नाम पर भी विचार मंथन पार्टी में किया जा रहा है। पार्टी नेतृत्व दूसरे राज्यों के प्रदेशाध्यक्षों के सामाजिक समीकरणों को देखकर ही कोई फैसला लेगा।
तेलंगाना-गुजरात में सामाजिक समीकरण
गुजरात और तेलंगाना बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने वाले दोनों ही नेता केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं। इन दोनों ही राज्यों में अभी नजदीक में कोई चुनाव नहीं हैं। ऐसे में दोनों राज्य में भविष्य की चुनौती और संभावनाओं को देखते हुए बदलाव किए जाने हैं। बता दें गुजरात और तेलंगाना इन दोनों ही राज्यों में सामाजिक समीकरण खासा अहम हैं। हालांकि बीजेपी में कुछ नेता इसे प्रयास में जुट है कि एक व्यक्ति, एक पद को लेकर पार्टी अपने रुख में कुछ लचीलापन रखे। कुछ राज्यों को इसका अपवाद बनाकर रखा जा सकता है। हालांकि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व इसे लेकर सकारात्मक नहीं दिखाई दे रहा है।