छत्तीसगढ़ की चुनावी डायरी: चुनाव आयोग इतनी सीटों पर करेगा वेबकास्टिंग,कांग्रेस प्रभारी शैलजा ने इन विधायकों से किया वन टू वन, बसपा ने तोड़ा जोगी कांग्रेस से नाता

Chhattisgarh Assembly Election

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के साथ निर्वाचन आयोग ने भी तैयारी तेज कर दी है। राज्य में पहली बार निष्पक्ष मतदान के लिए प्रदेश के 50 फीसदी मतदान केन्द्रों की लाइव वेबकास्टिंग की जाएगी। आयोग इसकी तैयारी कर रहा है। वहीं कांग्रेस की ओर से विधानसभा सीटों के साथ ही लाेकसभा सीटों की भी समीक्षा शुरू कर दी है। उधर बसपा ने स्वर्गीय अजीत जोगी की पार्टी के साथ हुए गठबंधन से किनारा कर लिया है। बसपा ने अपने 9 प्रत्याशियों की सूची भी जारी कर दी है। इन सब पर नजर डालते छत्तीसगढ़ की चुनावी डायरी में इन सब पर नजर डालते हें।

पहले बात करेंगे चुनाव आयोग की तैयारी की। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के 50 फीसदी मतदान केन्द्रों की लाइव वेबकास्टिंग की योजना तैयार की है। जिसकी निगरानी स्वयं केन्द्रीय निर्वाचन आयोग करेगा। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के समय किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए आयोग इस तरह की योजना बना रहा है। फिलहाल 50 फीसदी मतकेन्द्रों में किन केन्द्रों का चयन वेबकास्टिंग के लिए किया जाएगा। इसका पूरा खाका तैयार किया जा रहा है। यहां मतदान के दिन हाईरिजोलुशन कैमरों का उपयोग रिकार्डिंग के लिए किया जाएगा। यह रिकार्डिंग केन्द्रीय निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग, जिला निर्वाचन आयोग और आरओ के लिए लाइव उपलब्ध रहेगी। जिससे वे अपने कार्यालय से ही माॅनिटरिंग करेंगे। चुनाव आयोग के अधिकारियों की माने तो स्वच्छ और पारदर्शी मतदान के लिए वेबकास्टिंग का इंतजाम किया जा रहा है। राज्य विधानसभा चुनाव में पहली बार हो रही इस तरह की वेबकास्टिंग पर करीब 130 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान जताया जा रहा है। इस योजना में से आधी राशि कर्मचारियों के मानदेय में खर्च होने की संभावना है। विधानसभा चुनाव में 8 लाख पुलिस बल और शासकीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।

शैलजा की बेमेतरा और दुर्ग विधायकों से चर्चा

इसके बाद हम बात करेंगे कांग्रेस की चुनावी तैयारी की। राज्य में कांग्रेस की सरकार है, जिसे बरकरार रखने के लिए पार्टी के नेता बेकरार हैं। योजनाएं बनाई जा रही है रणनीति पर काम किया जा रहा है। इसी बीच प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा ने पार्टी कार्यालय में कांग्रेस विधायकों से वन टू वन मुलाकात का सिलसिला शुरु किया है। उन्होंने बेमेतरा और दुर्ग जिले के कांग्रेस विधायकों के साथ ही चर्चा की। इसके साथ ही पार्टी जिला और ब्लाॅक अध्यक्षों से भी मुलाकात की। मुलाकात के दौरान शैलजा ने सभी से राज्य सरकार की योजनाओं का फीडबैक हासिल किया और पूछा कि योजनाएं लोगों तक पहुंच रही हैं या नहीं। इसमें कहीं कोई कमी हो तो उसे जल्द पूरा किया जाए।

सरकार की छवि का भी लिया फीडबैक

शैलजा ने पार्टी विधायकों और पदाधिकारियों से कहा है कि राज्य सरकार की योजनाओं को लाेगों तक पहुंचाने के काम में संगठन पदाधिकारियों की अहम जिम्मेदारी होती है। संगठन के नेता भी इस जरुरी काम में कोई काेताही न बरतें। शैलजा ने विधायकों से वन-टू-वन चर्चा कर क्षेत्र में कांग्रेस की स्थिति और सरकार की छवि का भी फीडबैक हासिल किया। शैलजा से मुलाकात करने वालों में वरिष्ठ मंत्री रविन्द्र चौबे और ताम्रध्वज साहू के अलावा देवेन्द्र यादव, अरूण वोरा, बदरुद्दीन कुरैशी ही नहीं जिलाें और ब्लॉकों के अध्यक्ष भी शामिल थे। शैलजा ने बूथ, सेक्टर के साथ जोन के संबंध में भी जानकारी ली और संकल्प शिविर की तैयारी को लेकर भी बातचीत की। वहीं संगठन विस्तार को लेकर भी उन्होंने बड़े नेताओं से राय मश्विरा किया। साथ ही पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर भी बात की गई।

बसपा और जोगी कांग्रेस के बीच गठबंधन खत्म

वहीं बात करें बसपा और जोगी कांग्रेस की तो छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की तैयारी के बीच बसपा ने अजीत जोगी वाली पार्टी से गठबंधन तोड़ दिया है। 2018 में सात सीटें जीतने वाली जोगी कांग्रेस और बसपा अब मिलकर चुनाव नहीं लगेंगे। पिछले चुनाव में गठबंधन के चलते जोगी कांग्रेस ने 5 और बसपा ने 2 विधानसभा सीट हासिल की थीं। लेकिन इस बार बसपा ने अकेले ही 9 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। इसक साथ ही किसी भी दल के साथ गठबंधन न करने का स्पष्ट संदेश भी दे दिया। उधर, जोगी कांग्रेस का भी मानना है कि पिछली बार बसपा से मिलकर चुनाव लड़ने से उनकी पार्टी को काफी नुकसान हुआ था। जोगी कांग्रेस के मुखिया अमित जोगी ने बसपा से गठबंधन को भूल करार देते हुए कहा इस बार उनकी पार्टी सर्व आदिवासी समाज, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और मुक्ति मोर्चा जैसे स्थानीय दलों से गठबंधन पर बातचीत कर रही है। जोगी कांग्रेस इस बार गैर कांग्रेस और गैर बीजेपी वोटों पर फोकस रहेगी। जिससे पार्टी के स्थानीय क्षत्रप तैयार हो सकें।

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