अर्थ व्यवस्था: बाजार पर रहेगा बजट घोषणा और आरबीआई के निर्णय का असर….आरबीआई से भी आ सकती हैं इस बार कुछ अच्छी खबर …!

Economy Market Budget Announcement Impact of RBI decision

भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई की ओर से बैंकिंग तंत्र में तरलता बढ़ाने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में नये वित्त वर्ष में देश के सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी की मजबूत वृद्धि दर के अनुमान जताया। ​जिससे हुई दमदार लिवाली की बदौलत पिछले सप्ताह 1.7 प्रतिशत चढ़े घरेलू शेयर बाजार पर अगले सप्ताह केंद्रीय बजट की घोषणाओं और आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के फैसले के साथ पिछले माह जनवरी के वाहन बिक्री आंकड़ों का असर रहेगा।

RBI मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक

केंद्रीय बजट संसद में पेश हो चुका है। केन्द्र सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था के लिए जो घोषणाएं करनी थीं, वो की जा चुकी है। अब केंद्रीय रिजर्व बैंक की RBI की बारी है। RBI मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की जल्द ही बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि RBI MPC 5 से 7 फरवरी को मिलेगी। जिसमें नीतिगत ब्याज दरों पर फैसला लिया जा सकता है। यह वित्तवर्ष 2024 की आखिरी बैठक होगी। ऐसे में उम्मीद है कि इस बार कुछ अच्छी खबर आ सकती है।

पिछले सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स करीब 1315.5 अंक अर्थात 1.7 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताह समाप्त होने पर 77505.96 अंक पर पहुंच गया था। इसके साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एनएसई का निफ्टी भी करीब 389.95 अंक यानी 1.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 24382.15 अंक पर बंद हुआ था। पिछली 1 फरवरी यानि शनिवार को संसद में वित्तीय वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश किया गया। इसकी वजह से बाजार में छह दिन जमकर कारोबार हुआ। शनिवार को बाजार का विशेष सत्र भी रखा गया था।

पिछले सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों से हटकर मझौली और छोटी कंपनियों के शेयर में मिलाजुला रुख देखने को मिला।। इस दौरान मिडकैप 168.65 अंक यानी 0.4 प्रतिशत की बढ़त के साथ सप्ताह के अंत में 42884.28 अंक पर जा पहुंचा। वहीं स्मॉलकैप 7.71 अंक की बहुत मामूली गिरावट के साथ 50099.80 अंक पर सपाट रहा।

आर्थिक विश्लेषकों की माने तो पिछले शनिवार को संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से जो बजट पेश किए गय था। उस बजट में की गई घोषणाओं से विशेष रूप से आर्थिक सुधार और बुनियादी ढांचे में निवेश के साथ कर नीतियों से संबंधित प्रावधान आने वाले सप्ताह बाजार की धारणा को प्रभावित करेगे। इसके साथ ही आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक आने वाले सप्ताह 5 से 7 फरवरी को होने की उम्मीद जताई जा रही है। नीतिगत दरों में बदलाव के साथ विशेष रूप से ब्याज दरों में कटौती और तरलता बढ़ाने के उपाय बाजार की चाल पर अहम प्रभाव डाल सकते हैं। माना जा रहा है कि इसी तरह ​बीते जनवरी माह के वाहनों की बिक्री का भी बाजार पर असर दिखाई देगा।

इनके अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय बाजारों की चाल के साथ कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक घटनाओं का असर घरेलू बाजारों को प्रभावित कर सकता है। माना जा रहा है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई की गतिविधियों पर निवेशकें की नजर रहेंगी। हाल के महीनों में एफपीआई द्वारा बाजार से बड़े पैमाने पर पूंजी निकासी को देखा गया। हालांकि, जनवरी 2025 के अंत में इंडेक्स फ्यूचर्स में अपनी शॉर्ट पोजिशन को कम किया है। जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि उनकी निकासी की गति धीमी हो सकती है।
इसके साथ ही आने वाले सप्ताह डेरिवेटिव्स बाजार के संकेत का भी असर रहेगा। माना जा रहा है कि वित्तीय सेवा के साथ सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में उच्च ओपन इंटरेस्ट भी देखा गया है। यह इन क्षेत्रों में बढ़ी हुई आर्थिक गतिविधि की ओर संकेत करता है। यह दोनों ही क्षेत्र निफ्टी में करीब 50 फीसदी का योगदान प्रदान करते हैं। इसलिए इनकी चाल का बाजार पर अहम प्रभाव होने की संभावना है।

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