आजकल भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने शरीर की ओर ध्यान कम दे पाते हैं। ऐसे में युवा आयु में भी लोग अपने आप को उम्र दराज महसूस करने लगते हैं। दरअसल इसका अच्छी और खराब परफॉर्मेंस से गहरा संबंध है। अमेरिका की वर्जिनिया यूनिवर्सिटी के एक शोध ने इस साबित किया है जो लोग खुद को जितना जवान या उम्र दराज महसूस करते हैं। उसी हिसाब से जिंदगी के फैसले भी हुए लेते हैं। शोध यह भी बताता है की बढ़ती आयु और अवस्था के बाद भी खुद को युवा महसूस करने वाले लोगों के डिप्रेशन का शिकार होने की आशंका बहुत कम होती है। कैसे लोगों की दिमागी शहर औरों के मुकाबले बहुत अच्छी होती है। भूल जाने की बीमारी के शिकार बहुत कम होते हैं। बीमार कम पढ़ते हैं बता दें युवा अवस्था का अच्छी अच्छे खान-पान और व्यायाम के साथ लाइफस्टाइल से सीधा संबंध होता है। लिहाजा लाइफस्टाइल और खान-पान से जुड़ी कुछ आदतों में सुधार करने से आप कई परेशानियों से बच सकते हैं।
- ज्यादा वसायुक्त खाने से नुकसान भी ज्यादा
- फैट वाले खाने से बढ़ता है वजन
- दिल की बीमारी होने का खतरा भी बढ़ जाता है
- सावधानी पूर्वक कूदने से होती हैं हड्डियां मजबूत
- 40 मिनट की जोगिंग करने से होती है हड्डियां मजबूत
- निरंतर तनाव से बढ़ता है इन्फ्लेमेशन
- कोशिकाओं के डीएनए को भी पहुंचती हानि
- तनाव को मैनेज करने से एजिंग की रफ्तार होगी कम
40 मिनट की जॉगिंग करती है रेड और हड्डियों को मजबूत
एक एक शोध में यह साबित हो चुका है सख्त सतह पर सावधानी पूर्वक कूदने से हड्डियां मजबूत होती हैं। इतना ही नहीं हड्डियों के टूटने का खतरा भी बहुत कम होता है। अमेरिका के सीडीसी की रिपोर्ट के अनुसार दिन में औसतन 40 मिनट की जोगिंग करने से हड्डियों को मजबूती मिलती है। वैज्ञानिकों शोध में यह भी साबित किया है तनाव को सही तरीके से मैनेज करने वालों के सामने परेशानियां कम होती है। दरअसल निरंतर तनाव से इन्फ्लेमेशन बढ़ता है कोशिकाओं के डीएनए को भी हानि पहुंचती है जो एजिंग को बढ़ाता है। इसके साथ ही मेटाबॉलिज्म और इम्यूनिटी भी इससे प्रभावित हो जाती है।
मीठा कम खाएं इससे कम होगी त्वचा की झुरियां
कॉलेजन नाम का प्रोटीन त्वचा को युवा रखता है यह शरीर में पाए जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण तत्व होता है। उम्र के बढ़ने पर उसका उत्पादन भी घटने लगता है। जिससे दरिया त्वचा की धारियां त्वचा की धारियां बढ़ने लगती है। इसमें कॉलेजों की मात्रा का उत्पादन तेजी से घटने लगता है। जिससे कम उम्र का व्यक्ति भी अधिक उम्र दराज दिखता है।
इम्यूनिटी बेहतर रखने के लिए दांत को रखें साफ
आप अपनी इम्यूनिटी बेहतर रखना चाहते हैं तो दांतों को साफ रखिए। दांत केवल भोजन चबाने में ही मदद कर साबित नहीं होते बल्कि यह शरीर के कई दूसरे तरीकों से भी प्रभावित करते हैं। क्लिप लैंड क्लिनिक की रिपोर्ट के अनुसार इन्फ्लेमेशन एजिंग का सबसे बड़ा कारण है। इसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। जिसे इम्यूनिटी कहते हैं इतना ही नहीं मसूड़े से जुड़ी दूसरी बीमारी भी इन्फ्लेमेशन का सबसे बड़ा कारण है।
एंटी एजिंग फैक्टर बढ़ाने के लिए जीवन में तय करें लक्ष्य
एंटी एजिंग फैक्टर बढ़ाने के लिए आपके जीवन में लक्ष्य तय करना होगा। जीवन में लक्ष्य या उद्देश्य व्यक्ति को सेहतमंद रखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। जर्नल ऑफ़ हेल्थ साइकोलॉजी की रिपोर्ट के अनुसार ऊंचे लक्ष्य रखने वाले लोग संतुलित भोजन और एक्सरसाइज के साथ अच्छी नींद को प्राथमिकता देते हैं यह सभी प्रमुख एंटी एजिंग फैक्टर माने जाते हैं।
उम्र संबंधी रोग घटाने के लिए विटामिन-डी को रख संतुलित
आप उम्र संबंधी रोग काम करना चाहते हैं तो विटामिन डी को संतुलित रखना होगा दरअसल विटामिन डी की कमी के चलते हृदय संबंधी परेशानियां होने लगते हैं। इतना ही नहीं स्वसन के साथ पाचन और न्यूरोलॉजिकल परेशानियां भी बढ़ने लगती है। यह त्वचा संबंधी रोगों के लिए भी जिम्मेदार माना जाता है। हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर होने के पीछे सबसे महत्वपूर्ण कारण इसकी कमी होती है विटामिन डी की कमी से हड्डी ही नहीं मांसपेशी भी कमजोर होती है और शारीरिक ढांचे में बदलाव आने लगता है। विटामिन डी की कमी से कम उम्र में शरीर उम्र दराज दिखाई देने लगता है।