अंबिकापुर में भूकंप के झटके

दहशत में घर से बाहर निकले लोग

अंबिकापुर में भूकंप के झटके

दहशत में घर से बाहर निकले लोग

छत्‍तीसगढ़ के अंबिकापुर से लगभग 65 किलोमीटर दूर शुक्रवार की सुबह करीब साढे़ 5 बजे 4.8 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे बतायी गई। बता दें भूकंप के झटके महसूस होते ही लोगों में दहशत फैल गई। लोग घरों से बाहर आ गए। हालांकि सुबह का समय था तो अधिकतर लोग सो रहे थे। इसकी वजह से कुछ को भूकंप का पता भी नहीं चला। झटके इतने तेज नहीं थे। इसलिए कुछ ही दूर में सब सामान्‍य हो गया। बता दें छत्तीसगढ़ में जहां भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं उनमें बैंकुंठपुर, कोरिया, राक्य और दुधनिया कलाम के पास के स्थान शामिल हैं। सुबह 5.28 मिनट पर भूकंप के झटकों का अहसास हुआ। जहां भूकंप की तीव्रता 4.8 मापी गई। बता दें येलो जोन में कोरिया जिला शामिल है।

सितंबर में 35 बार भूकंप के झटके

बता दें भारत में 1 सितंबर से 30 सितंबर के बीच 35 बार भूकंप आया। सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 7 बार भूकंप के झटके दर्ज किये गये  लद्दाख में 4 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। वहीं महाराष्ट्र में आए भूकंप की तीव्रता 1.7 से 2.6 तक रही। अरुणाचल प्रदेश में 2, असम में 3, गुजरात मे 2, हिमाचल में 2, जम्मू कश्मीर में 3, मणिपुर में 3, मेघालय, पंजाब, राजस्थान,  उत्तराखंड में एक एक बार और अंडमान में 3 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए।

क्यों आता है भूकंप?

भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। भूगर्भ शास्त्री बताते हैं कि जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8 हजार भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1 हजार भूकंप प्रतिदिन आते हैं। इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49 हजार बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है। वहीं लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

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